नाेखा : राजस्थान में रेलवे के चार मंडल हैं। अजमेर, बीकानेर, जयपुर और जाेधपुर। इन चार मंडलाें की आरपीएफ की 13 चाैकियाें-बीट पाेस्ट काे अचानक बंद करने के आदेश जारी हुए हैं। बीकानेर जिले में जाेधपुर मंडल की नाेखा आरपीएफ चाैकी बंद हाेने के साथ ही उसमें नियुक्त सभी स्टाफ का स्थानांतरण भी कर दिया गया है।
उत्तर पश्चिमी रेलवे के आईजी ज्याेति कुमार ने इस आशय के आदेश जारी किए हैं। इसमें बीकानेर मंडल की रामा, चरखी दादरी, अनूपगढ़ और बठिंया, जाेधपुर मंडल की मुनाबाव, नाेखा, भीलड़ी, जयपुर मंडल की झुंझुनूं, सवाई माधाेपुर की बीट पाेस्ट, जगतपुरा और अजमेर मंडल की जंवाई बांध, मावली तथा बड़ी सादड़ी पाेस्ट शामिल है। इन्हें बंद करने के आदेश में कहा गया है कि इन आउट पाेस्ट की अपराध नियंत्रण में काेई भूमिका नहीं है। ऐसे में इन्हें बंद करना ही सही है।
यह आदेश रेलवे आईजी ज्याेति कुमार समीजा ने जुलाई के अंतिम माह और अगस्त के प्रथम सप्ताह में जयपुर में हुई क्राइम मीटिंग में चर्चा के बाद जारी किए थे। बैठक में बीकानेर मंडल की चार चाैकियाें काे लेकर भी चर्चा हुई। इसमें अनूपगढ़ चाैकी बाॅर्डर क्षेत्र में आती है और बठिंडा चाैकी इंटर चेंज पाॅइंट पर है। चरखी दादरी का नाम यात्री अपराधाें में ज्यादा आता है और रामा चाैकी रेलवे का लाेडिंग-अनलाेडिंग पाॅइंट है। इतना हाेने के बावजूद इन चाैकियाें काे बंद करने का निर्णय लिया गया।
बीकानेर जिले में आरपीएफ की नाेखा चाैकी चार साल पहले शुरू हुई थी। तब से लेकर अब तक यहीं से आरपीएफ के जवान नाेखा, सुरपुरा, देशनाेक, पलाना और उदयरामसर तक पेट्राेलिंग करते थे। अब यहां तैना एक एएसआई, तीन हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल काे तत्काल हटा दिया गया है। सभी का स्थानांतरण अन्य जगह कर दिया गया और चाैकी पर ताला लगा दिया गया है।
मेड़ता थाने के जिम्मे हाेगा 120 किमी का रेलवे मार्ग
आरपीएफ का थाना मेड़ता है। अब मेड़ता थाने के ही जिम्मे उदयरामसर तक की 120 किमी के रेलवे मार्ग की सुरक्षा हाेगी। नाेखा रेलवे स्टेशन के अधीन हाेने वाली किसी भी आपराधिक घटना के लिए अब यात्रियाें काे बीकानेर जाकर ही अपनी रिपाेर्ट दर्ज करवानी हाेगी।
“इन 13 चाैकियाें की अपराध नियंत्रण में काेई विशेष भूमिका नहीं थी। इसलिए इन्हें बंद कर इनके स्टॉफ को बड़े स्टेशनों की चौकियों में शिफ्ट कर दिया गया है। बड़े स्टेशनों पर रि-डवलपमेंट हो रहा है। बड़े स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। ऐसे में इन स्टेशनों पर आपीएफ जवानों की जरूरत ज्यादा है। यात्रियाें की हित में यह निर्णय लिया गया है।” – ज्योति कुमार, आईजी आरपीएफ, उत्तर-पश्चिम रेलवे