जयपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा- हमारे घर पर एयर कंडीशनर लग रहे हैं, यह अच्छी बात है, लेकिन 18-19 के टेंपरेचर पर कंबल ओढ़ कर सोना सही बात नहीं है। इससे निकलने वाली गर्म हवा प्रदूषण फैलाती है।
मुख्यमंत्री शनिवार को जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काईज कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- हमें यह प्रण लेना होगा कि अगर मेरे घर में एक गाड़ी है तो मैं हर साल 10 से 15 पौधे लगाऊंगा। सीएम ने सभागार में मौजूद लोगों से कहा कि अगर प्रदूषण फैलाते नजर आए तो उसे टोकें।
मुख्यमंत्री बोले- AC का टेम्प्रेचर 23-24 रखें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा- प्रकृति के साथ हो रही छेड़छाड़ पर हमें चिंतन करने की जरूरत है। हमारे घरों में AC लगे हैं, लेकिन कई लोग उसे कम टेंप्रेचर पर चलाते हैं। यह ठीक नहीं है। AC सिर्फ ठंडक नहीं देता है बल्कि, उससे निकलने वाली गर्म हवा प्रदूषण भी करती है। हमें एयर कंडीशनर को 23-24 के टेम्प्रेचर पर चलाना चाहिए। ताकि हम खुद के शरीर को राहत देने के साथ पर्यावरण संरक्षण भी कर सकें। आवश्यकता से ज्यादा भी AC का उपयोग ना करें।
घर में जगह नहीं तो सार्वजनिक स्थलों पर लगाएं पौधे मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि अगर मेरे पास गाड़ी है तो मुझे यह प्रण लेना चाहिए कि मैं हर साल 10 से 15 पौधे लगाऊंगा। कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि हमारे घर में पौधे लगाने के लिए जगह नहीं है तो मैं उनसे भी कहना चाहता हूं कि पौधे आप कहीं भी लगा सकते हैं। सार्वजनिक स्थानों पर आप पेड़-पौधे लगा सकते हैं। इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति प्रदूषण कर रहा है, तो उसे टोकना चाहिए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। ताकि बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सके।
करोड़ों के घर बन रहे, लेकिन सारा कचरा घर के बाहर होता है सीएम शर्मा ने कहा- उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति मकान बनाता है। तो उसमें वह अपनी हैसियत के हिसाब से काफी अच्छा पैसा लगता है। 50 लाख से लेकर करोड़ों रुपए तक के मकान बनाए जा रहे हैं। उस मकान के सामने सड़क किसकी है, इस बारे में कोई नहीं सोचता है।
सीएम ने कहा कि आजकल मकानों के अंदर तो वातावरण काफी अच्छा होता है लेकिन मकान के बाहर हालात काफी खराब हैं। घर से निकलने वाला सारा कचरा और गंदा पानी सड़क पर आता है। जिससे सड़कें खराब हो रही हैं, टूट रहीं हैं और कचरा भी फैला नजर आता है। अब इस तरह की छोटी-छोटी बातों पर हमें चिंतन करने की जरूरत है।