किसान आंदोलन में रेप हो रहे थे, मारकर लाशें टांग रहे थेः कंगना
कंगना के बयान पर पंजाब-हरियाणा के किसान संगठन भड़के
मंडी-हिमाचल प्रदेश : हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत के किसान आंदोलन को लेकर दिए बयान से नया विवाद छिड़ गया है। दरअसल, मुंबई में मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कंगना ने किसान आंदोलन पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा, आंदोलन के दौरान उपद्रवी हिंसा हुई, वहां दुष्कर्म और हत्याएं हुई। इस पर पंजाब-हरियाणा के किसान संगठन और सियासी दलों ने कंगना पर निशाना साधा है। वहीं, भाजपा ने इसे कंगना का निजी बयान बताकर उनसे पल्ला झाड़ लिया है। पंजाब के कांग्रेस नेताओं ने सरकार से कंगना के खिलाफ एनएसए लगाने की मांग की।
पेश है उस इंटरव्यू के कुछ प्रमुख अंश…
- आज जैसे हालात बांग्लादेश में हैं, क्या हमारे यहां भी ऐसे हालात बन सकते हैं? आज हमारा शीर्ष नेतृत्व कमजोर होता तो बांग्लादेश जैसी स्थिति भारत में भी हो सकती थी। यहां किसान आंदोलन के दौरान क्या हुआ, सबने देखा। कैसे प्रोटेस्ट के नाम पर हिंसा फैलाई गई। वहां रेप हो रहे थे, मारकर लाशों को लटकाया जा रहा था। जब उस बिल को वापस लिया गया तो ये उपद्रवी चौंक गए, क्योंकि उनकी प्लानिंग तो बहुत लंबी थी। उन पर समय रहते कंट्रोल पा लिया गया वर्ना वे कुछ भी कर सकते थे।
- बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो हुआ, उस पर इंडस्ट्री चुप क्यों? दरअसल इन लोगों को कुछ जानकारी ही नहीं है। ये बस अपनी धुन में सवार रहते हैं। सुबह से मेकअप करके बैठ जाते हैं, देश-दुनिया में क्या हो रहा है, इससे मतलब नहीं है। इनको लगता है कि अपना काम चलता रहे, देश जाए भाड़ में। ये भूल जाते हैं, देश को कुछ हुआ तो उन्हें भी नुकसान होगा।
- आप हर वक्त बेखौफ होकर बोलती हैं, इससे नुकसान नहीं क्या ? जवाब- देखिए, मेरे परिजन बहुत साधारण जीवन जीते हैं। उन्हें किसी तरह का मोह नहीं है। वो तो बल्कि खुश हैं कि अब मैं गृहक्षेत्र मंडी में ज्यादा से ज्यादा वक्त बिता रही हूं। इसके अलावा कुछ शुभचिंतक जरूर ऐसा कहते हैं कि आपको हर चीज में फाइट नहीं करना चाहिए। उनकी बात कुछ हद तक सही भी है, मैं अब हर चीज में अकेले तो लड़ नहीं पाऊंगी।
- आप खुद में इंदिरा जी की कुछ समानताएं देख पाती हैं? इमरजेंसी वाले चैप्टर को अगर भूल जाएं तो उनके व्यक्तित्व की एक खासियत थी कि वे अपने देश से बहुत प्यार करती थीं। वे सच में कुछ बदलाव तो चाहती ही थीं। आज कल के नेताओं में सत्ता की भूख तो है, लेकिन उन्हें देश से प्रेम नहीं है। इंदिराजी की खराब लगने वाली बात यह है कि वे खुद की फैमिली को ही आगे बढ़ाना चाहती थीं, जो सही नहीं है।
किसान संगठन से लेकर सियासत तक हंगामा : ये हमारे जख्मों पर नमक लगाना हैः किसान मोर्चा
किसान नेता- कंगना को जिम्मेदारी से बोलना चाहिए
कंगना सांसद हैं, जिम्मेदारी व अकल से बोलना चाहिए। वे माहौल खराब कर रहीं। पहले से परेशान किसानों के जख्मों पर नमक न डालें। आंदोलन इसलिए है क्योंकि सरकारें किसानों को खत्म करने के कानून ला रही हैं। दर्शन पाल, किसान मोर्चा के नेता
कांग्रेस – एनएसए लगाकर कंगना को जेल भेजा जाए
कंगना पर एनएसए लगाकर उन्हें डिब्रूगढ़ जेल भेजना चाहिए। उन्होंने देश के किसानों को गाली दी है। कंगना यह किसी की शह पर बोल रही हैं। भाजपा को इस पर सफाई देनी चाहिए। सीएम भगवंत मान से अपील है कि कंगना के खिलाफ जांच हो और एफआईआर दर्ज हो। – डॉ. राजकुमार वेरका, कांग्रेस नेता
आप- भाजपा को कंगना पर कार्रवाई करनी चाहिए
कंगना का अपना कोई आधार नहीं है। वह भाजपा सांसद हैं। उनके बयान के पीछे पूरी तरह से भाजपा है। पार्टी उन्हें रोकने की जगह उनकी पीठ थपथपाती है। कंगना पर भाजपा को कार्रवाई करनी चाहिए। – प्रो. बुधराम, आम आदमी पार्टी के नेता
एसजीपीसी- सरकार उन्हें बचाने की कोशिश कर रही
कंगना पर एफआईआर दर्ज हो। सरकार उन्हें बचा रही है। फिल्म ‘इमरजेंसी’ के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दर्ज करना चाहिए। ट्रेलर से साफ है कि इसमें जानबूझकर सिखों के चरित्र को आतंकवादी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। – हरिजंदर सिंह धामी, अध्यक्ष, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी
किसानों को दुष्कर्मी और हत्यारा कहा जा रहा है, देखते हैं कंगना पर क्या एक्शन होगाः कांग्रेस
कंगना की देश के किसानों के प्रति जो सोच है उसे देश ने कई बार देखा है। मुझे एक बात बताइए क्या भाजपा के यही संस्कार हैं? मुझे इस देश के पीएम नरेंद्र मोदी से पूछना है कि क्या आप इस बात से सहमत हैं? प्रज्ञा ठाकुर ने गोडसे का गुणगान किया था और आपने कोई एक्शन नहीं लिया था। आज देश के किसानों को दुष्कर्मी और हत्यारा कहा जा रहा है आप कंगना पर क्या एक्शन लेने वाले हो? हमें देखना है, आप क्या करते हैं? – अतुल लोंढे पाटिल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस