किरोड़ीलाल बोले-लोगों ने मेरी बात नहीं रखी:इसलिए मंत्री पद को ठोकर मारी; कमाई के आरोप पर कहा-बजरंग बली नहीं हूं, जो छाती चीर दूं
लगता है एक बार फिर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के रास्ते बीजेपी से अलग होने जा रहे हैं। आज विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर दौसा स्थित 'मीणा हाईकोर्ट' में किरोड़ीलाल मीणा ने इसके साफ संकेत दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी हाईकमान से उनकी बातचीत का सिलसिला अब पूरी तरह टूट चुका है।
दौसा : मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद किरोड़ीलाल मीणा ने पहली बार खुलकर बयान दिया है। मीणा ने दौसा में कहा कि मैंने भजनलाल सरकार में मंत्री पद को इसलिए ठोकर मार दी, क्योंकि जहां मैं 45 साल से सेवा कर रहा हूं, उन लोगों ने मेरी बात को नहीं रखा। मीणा अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर दौसा के मीणा हाईकोर्ट में हुई रैली को संबोधित कर रहे थे। इतना ही नहीं आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि चाहे मेरी छाती छलनी हो जाएगी लेकिन आरक्षण के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होने दूंगा।
बोले-आरक्षण के नाम पर पत्ता तक नहीं हिलने दूंगा
मीणा ने कहा- चुनाव से पहले लोग कहते थे कि मोदी आएगा तो आरक्षण खत्म कर देगा, लेकिन मोदी तो आ गया। मैं इस हाईकोर्ट में कहकर जा रहा हूं कि मोदी के रहते हुए मेरी जिम्मेदारी है कि आरक्षण के नाम पर पत्ता तक नहीं हिलने दूंगा।
मीणा ने कहा- अब विरोधी कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला होगा और इसे भी बीजेपी करा रही है। इसमें भी मैं गारंटी लेता हूं कि चाहे मेरी छाती छलनी हो जाएगी, लेकिन आरक्षण के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होने दूंगा।
बजरंग बली नहीं हूं, जाे छाती चीरकर बता दूं
मीणा हाईकोर्ट में हो रहे निर्माण कार्य में किरोड़ी पर लगे कमाई के आरोप पर भी उन्होंने विरोधियों को जवाब दिया। वे बोले- मैं बजरंग बली की तरह तो हूं नहीं कि छाती चीरकर बता दूं। लेकिन, पपलाज माता व मेरी जननी मां की कसम खाकर आपके बीच कह रहा हूं कि हाईकोर्ट के निर्माण में एक पाई नहीं कमाई, बल्कि सारा समाज को समर्पित करने का वादा करता हूं।
नमोनारायण, मुरारीलाल के पेट में दर्द, क्योंकि किसी का अधिकार कटता है तो वो चिल्लाता है
आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर डॉ. किरोड़ी ने कहा- सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ो और समझो। कोर्ट क्रीमिलेयर की व्यवस्था लागू करना चाहता है, क्योंकि लोग आरक्षण का फायदा उठाने के बावजूद मलाई खा रहे हैं।
ऐसे में हमारे ही वंचित भाइयों को भी आरक्षण का हक मिलना चाहिए। सभा में उन्होंने उदाहरण के साथ समझाते हुए कहा- अब किरोड़ीलाल, नमोनारायण, हरीश मीणा, मुरारीलाल, जसकौर, रामकिशोर मीणा आदि के पेट में दर्द हो रहा है, क्योंकि किसी का अधिकार कटता है तो वो चिल्लाता ही है। आपको बहकाने वाले आएंगे, उनसे सावधान रहना। आपके हक अधिकारों की रक्षा करने का भरोसा दिलाता हूं। फिर भी कोर्ट के फैसले से कोई नुकसान होगा तो बलिदान देने के लिए तैयार हूं, लेकिन आपको नुकसान नहीं होने दूंगा। अब मेरी बात मान जाओगे या फिर बहक जाओगे।
मैं बिना बात गुर्जरों के निशाने पर आ गया
सभा में उन्होंने गुर्जर आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा- 2007-08 में जब एसटी आरक्षण पर आंच आई थी, तब मीणा समाज के 33 विधायक थे। उस वक्त सभी ने साथ देने का भरोसा दिया था, लेकिन सिर्फ 2 विधायकों ने ही साथ दिया।
उससे आरक्षण की चिट्ठी तो रुक गई लेकिन मैं बिना किसी बात के गुर्जर समाज के निशाने पर आ गया। मैंने उस वक्त भी समाज को समझाने का प्रयास किया था, लेकिन मेरी बात नहीं सुनी। अब मैं भरोसा दिलाता हूं कि गुर्जर समाज की जो भी मांगे पेंडिंग रही हैं, उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ दूंगा, चाहे मैं सरकार में रहूं या नहीं।
मेरा वजन कम हो गया, फिर भी आधी रात आपके लिए खड़ा मिलूंगा
इस्तीफे की बात का जिक्र करते हुए किरोड़ी ने कहा- आपको पता है, मैंने इस्तीफा दे रखा है। आपको दुख तो नहीं हुआ होगा, लेकिन छाती पर हाथ रखकर सोचना मैंने पार्टी के इतर जाकर सर्व समाज की मदद की है। आप चाहो तो वोट देना या नहीं, लेकिन आधी रात पर आपके लिए खड़ा मिलूंगा। आज कोई चुनाव नहीं है, मैंने 2018 में मोदी को बुलाया और सभी 5 सीट जिताने का भरोसा दिलाया, लेकिन हार गए। मेरा वजन कमजोर हो गया, अब फिर मोदी आए तो दौसा, करौली, सवाई माधोपुर फिर हार गए। ये हार-जीत का सिलसिला चलता रहता है, लेकिन समय के साथ जनता साथ नहीं देती तो हम सब कमजोर होते हैं।
सांसद राजकुमार रोत बोले- होली-दीवाली से बड़ा त्योहार है आदिवासी दिवस
शुक्रवार को बांसवाड़ा में सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि भील प्रदेश जरूर बनेगा। बीते 5 साल में देशभर में सरकारी प्रोजेक्ट, गोल्ड माइन, टाइगर प्रोजेक्ट, पावर प्लांट के कारण साढ़े 4 लाख आदिवासियों को पलायन करना पड़ा है। यह सरकारी आंकड़ा है।