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नागौर के 6 गांवों में निकलेगा जिप्सम, भूमि अधिग्रहण जल्द:कंपनी और प्रशासन ने किसानों से किया संवाद, उचित मुआवजे पर हुई चर्चा, खातेदारों को प्राथमिकता देने की मांग


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नागौर के 6 गांवों में निकलेगा जिप्सम, भूमि अधिग्रहण जल्द:कंपनी और प्रशासन ने किसानों से किया संवाद, उचित मुआवजे पर हुई चर्चा, खातेदारों को प्राथमिकता देने की मांग

नागौर के 6 गांवों में निकलेगा जिप्सम, भूमि अधिग्रहण जल्द:कंपनी और प्रशासन ने किसानों से किया संवाद, उचित मुआवजे पर हुई चर्चा, खातेदारों को प्राथमिकता देने की मांग

नागौर : नागौर जिला मुख्यालय की उत्तर दिशा में जिप्सम खनिज निकाला जाएगा। नागौर के भदवासी, ढाकोरिया, गंठीलासर, मकोड़ी, पीलनवासी और बालासर में जिप्सम खनन के 4 ब्लॉक चिह्नित किए गए हैं। राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड के निर्देशन में खनन परियाेजना संचालित हो रही है। खनन से पहले भूमि अवाप्ति को लेकर आज प्रशासन, खनन परियोजना से जुड़े अधिकारियों और ग्रामीण किसानों के बीच संवाद हुआ।

संवाद में किसानों ने भूमि अवाप्ति काे लेकर अपना पक्ष रखा। प्रशासनिक स्तर पर भूमि अवाप्ति प्राधिकृत अधिकारी नागौर जिला परिषद सीईओ रविंद्र कुमार मौजूद रहे। सीईओ रविंद्र कुमार ने संवाद में मौजूद किसानों से हर प्रकार की समस्याओं और मुद्दों को खुलकर रखने के लिए कहा। मिन मैक कंसल्टेंसी डायरेक्टर मारिषा शर्मा ने पूरी परियाेजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। खनन के लिए भूमि अवाप्ति का काम भी शुरू किया जाएगा।

कंसल्टेंसी की डायरेक्टर मारिषा शर्मा ने बताया- सर्वे में इन 6 गांवों के भूगर्भ में छिपे जिप्सम को काफी अच्छी गुणवत्ता वाला पाया गया है। इसलिए इस क्षेत्र में जिप्सम खनन परियोजना संचालित की जानी है। मारिषा शर्मा ने जिप्सम खनिज के उपयोग, जिप्सम खनन के क्षेत्र में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष आर्थिक योगदान और यहां पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने बताया- ये 6 गांवों के इन 4 जिप्सम ब्लॉक में 17 सालों तक खनन किया जाएगा। इसमें बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा। जमीनी सतह से 100 मीटर की गहराई तक खनन किया जाएगा। खनन की प्रक्रिया में जो गड्ढे होंगे, खनन प्रक्रिया खत्म होने के बाद उन गड्ढों को खनन से निकलने वाले अपशिष्ट से वापस भरा जाएगा, जिससे भविष्य में कोई हादसा ना हो। मारिषा शर्मा ने परियोजना के फायदों और परियोजना से जुड़े स्वास्थ्य व सुरक्षा के मानकों के बारे में जानकारी दी। आरएसएमएमल के डीजीएम केएस आचार्य ने बताया कि खनन कंपनी सीएसआर फंड के जरिए प्रतिवर्ष 64 लाख रुपए जनहित के समाज उपयोगी कामों में खर्च करेगी। जिप्सम के साथ सेंड स्टोन, मोर्रम मलबा निकलेगा।

संवाद में बालवा सरपंच प्रतिनिधि कुंभाराम सियाग ने कहा कि कंपनी को जमीन अवाप्ति के बदले मुआवजा की‌ स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। मुआवजा राशि की दर विस्तार से बतानी होगी। किसानों ने कहा कि गांव के लोगों के साधन-संसाधन और वाहनों को खनन परियोजना में प्राथमिकता दी जाए, ताकि ग्रामीणों की आय का स्रोत बढ़े‌। पालतू पशुओं के साथ अन्य जीवों का भी उचित मुआवजा दिया जाए। पहले बी ब्लॉक में खनन शुरू किया जाए, ताकि किसानों को शुरूआती तौर पर ही मुआवजे समेत अन्य लाभ मिल सके।

लघु उद्यमियों ने कहा कि स्थानीय उद्योगों को प्राथमिकता से जिप्सम सप्लाई की जाए, क्योंकि जिप्सम से बनने वाले उत्पादों के लिए यहां पर लघु व मध्यम स्तर की इकाइयां लगी हुई हैं। संवाद में नागौर एसडीओ सुनील कुमार व तहसीलदार हरदीप सिंह भी मौजूद रहे। अगली जनसुनवाई में मुआवजे समेत अन्य बिन्दुओं पर चर्चा कर अवाप्ति की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

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