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नए कानून के तहत प्रदेश में पहली FIR पाली में:खेत से ट्रैक्टर निकालने की बात पर मारपीट; सीएम भजनलाल बोले- जल्द मिलेगा न्याय


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नए कानून के तहत प्रदेश में पहली FIR पाली में:खेत से ट्रैक्टर निकालने की बात पर मारपीट; सीएम भजनलाल बोले- जल्द मिलेगा न्याय

नए कानून के तहत प्रदेश में पहली FIR पाली में:खेत से ट्रैक्टर निकालने की बात पर मारपीट; सीएम भजनलाल बोले- जल्द मिलेगा न्याय

जयपुर : हत्या के लिए अब IPC की धारा 302 नहीं, भारतीय न्याय संहिता की धारा-103 लगेगी। अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कानून 163 साल बाद खत्म हो गए हैं। अगर 5000 से कम की चोरी करते पकड़े गए तो कोर्ट गली-मोहल्ले में झाड़ू लगाने की सजा भी सुना सकती है।

दरअसल, देश में 1 जुलाई 2024 से भारतीय दंड संहिता का नाम भारतीय न्याय संहिता हो गया है। प्रदेश में पाली जिले के सादड़ी थाने में नए कानून के तहत पहला मामला सोमवार सुबह 10 बजकर 22 मिनट पर दर्ज किया गया है। खेत से ट्रैक्टर निकालने की बात को लेकर दो लोगों में विवाद हुआ था।

इधर, कानून में हुए नद बदलावों को लेकर सोमवार को सीएम भजनलाल शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुलिस, सीएलजी मेंबर, पुलिस मित्र और सुरक्षा सखियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा- नए कानून के तहत जल्द ही न्याय मिलेगा।

ट्रैक्टर ड्राइवर सुरेश के सिर में गहरी चोट आई है। अभी उसका इलाज सादड़ी के सीएचसी में चल रहा है।
ट्रैक्टर ड्राइवर सुरेश के सिर में गहरी चोट आई है। अभी उसका इलाज सादड़ी के सीएचसी में चल रहा है।

मारपीट में दर्ज हुआ पहला मामला
सादड़ी सीआई चंपाराम ने बताया कि मोरखा निवासी मदनलाल ने मामला दर्ज कराया। वह ट्रैक्टर चलाता है। 30 जून को सरदारसिंह के खेत में पर गया था, जिसके पास में सुमेर सिंह का खेत है।

मदनलाल ने बताया कि सुमेर सिंह के खेत में से ट्रैक्टर निकाला तो वह नाराज हो गया। सोमवार सुबह वह ट्रैक्टर लेकर जा रहा था। इसी दौरान सुमेर सिंह ने बीच रास्ते उसे रुकवाया और मारपीट कर दी। इससे सिर और कोहनी में चोट आई है। सीआई ने बताया कि बीएनएस की धारा 115(2), 126(2), 324(4) और 324(5) में दर्ज हुई, जबकि यह पूर्व में 323,341 और 427 IPC में दर्ज होता।

फोटो दौसा के लालसोट का है। सीएम के संबोधन के दौरान थाने में पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।
फोटो दौसा के लालसोट का है। सीएम के संबोधन के दौरान थाने में पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।

इधर, दौसा में भी नए कानून के तहत मामला दर्ज
इधर, दौसा के लालसोट थाने में भी एक महिला की शिकायत पर नए कानून के तहत मामला दर्ज किया गया। डीएसपी उदय सिंह ने बताया कि पीड़िता सोमवार सुबह 7 बजे दिल्ली से थाना क्षेत्र में अपने ससुराल पहुंची। जहां उसके दो देवर और एक देवरानी आए और उसका सामान घर से बाहर फेंकना शुरू कर दिया। जब उसने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई। आरोपियों ने ज्वेलरी छीन ली। इस दौरान गांव के लोगों ने बीच बचाव किया नहीं तो आरोपी उसे जान से मार देते। इस दौरान आरोपियों ने ससुराल में नहीं रहने देने की धमकी भी दी।

दोपहर साढे़ 12 बजे थाने पहुंची महिला

डीएसपी ने बताया कि लालसोट थाने में विधवा महिला 12:30 बजे पहुंची। उसके बाद दोपहर को 12:51 पर बीएनएस की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। मामले की शिकायत लेकर जब महिला थाने पहुंची तो उस समय सीएम भजनलाल शर्मा की वीसी पूरी हुई थी। पुलिस अधिकारी भी थाने में मौजूद थे। जैसे ही महिला ने शिकायत दी तो भारतीय न्यायिक संहिता की धारा 115/2, 126/2, 303/2, 74 और 351/2 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पूर्व में आईपीसी के तहत यह मुकदमा धारा 323, 341, 379, 354, 506 का अपराध बनता था।

दौसा एसपी रंजीता शर्मा ने बताया कि देश में नए अपराधी कानून लागू हो चुके हैं। इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। दौसा जिले में भारतीय न्याय संहिता के तहत पहला मुकदमा लालसोट थाने में दर्ज हुआ है।

मामला IPC BNS
मारपीट 323 115 (2)
गलत तरीके से रोकना 341 126 (2)
छेड़छाड़ 354 74
धमकाना 506 351(2)/(3)
चोरी 379 303(2)

सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की बात
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की वीसी में डीजीपी यूआर साहू, कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। सीएम ने कहा- आज से पूरे राज्य में नया कानून लागू हो गया है। नए कानून में आमजन के हित जुड़े हुए हैं। नए कानून में पीड़ित को जल्द न्याय मिलेगा। नए कानूनों की पुलिस समय-समय पर लोगों को जानकारी देती रहेगी । पीड़ित को इस नए कानून का फायदा मिले, इस की जिम्मेदारी हम सभी की है।

कानून में नए बदलावों से आमजन को बड़ा फायदा भी होगा। मोबाइल, वॉट्सऐप और ई-मेल पर ई-एफआईआर दर्ज हो सकेगी।

देरी से मिलने वाला न्याय नहीं
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा- न्याय अगर देरी से मिलता है तो वह न्याय नहीं है। इसलिए नए कानून से न्याय जल्द से जल्द मिलेगा। केंद्र सरकार ने पीड़ित का दर्द समझा, इसीलिए यह कानून लेकर आए हैं। तत्काल न्याय देने के लिए पुलिस की बड़ी भूमिका होती है, इसलिए पुलिस को बड़ी जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत है।

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