चिडावा : चिडावा-सिंघाना सड़क मार्ग बस स्टैंड लालचौक पर नहर की मांग किसानों का धरना किसान सभा के बैनर तले प्रगतिशील किसान बनवारीलाल चाहर की अध्यक्षता में आज 174 वें दिन भी जारी रहा । धरने पर 70 किलोमीटर दूर गाँव झारोडा से पहुंचे कामरेड औमप्रकाश व जसवीर सिंह ने कहा कि सरकार ने छ महीने से आन्दोलन रत किसानों की सिंचाई व पिने का पानी 1994 में पांच राज्यों के बीच हुए समझौते के अनुसार पानी मिलना चाहिए था जो आजतक नहीं आया है।
जबकि हमारे हिस्से के पानी पर आज तक हरियाणा व पंजाब डाका डालते रहे हैं चाहे वो ताजेवाला का समझौता हो, गंगनहर का हो या राजस्थान नहर का हो हमारे पानी को चुराने के लिए पैनी गिद्ध नजर रखते हैं। लेकिन पहले तो हमारे क्षेत्र में पानी की बचत भूमि में खूब बने रहने की वजह से उनकी दादागिरी चलगई पर अब नहीं चलेगी। क्योंकि हमारे क्षेत्र में पानी की मारा मारी शुरू हो गई है सरकार या तो हमें नहर दे या फिर आर पार की टक्कर के लिए तैयार रहे।
हमारे सौ किसानों का एक दल रामलीला मैदान में दिल्ली जा सकता है वहाँ से बिगुल फूँकने का विचार कर रहे हैं हमारे किसानों के संगठन ताकि ये मुद्दा राष्ट्रव्यापी बनेगा। क्योंकि पानी के लिए संघर्ष जारी रहेगा मरने मारने पर उतारू हो रहे हैं लोग पानी की कमी से मौतों का सिलसिला भी बहुत ही जल्दी शुरू हो जाऐगा। और उसदिन से जनता उग्र होकर कुछ भी नुकसान कर सकती है वो दोष सरकार पर ही रहेगा लेकिन अभी तक तो सरकार की सोच में सिवाय खोट के कुछ दिखाई देता नहीं है इन नेताओं ने जनता को बिलकुल फिद्दू समझ रखा है और बहला फुसला कर वोट बटोरने के के अलावा कुछ भी नही है और उनके लिए जनहित में कार्य करने की कोई रूचि नहीं होकर खरबों रुपये कमाई कर विदेश में व्यापार एवं बसने की लगी है। पानी देना चाहिए यही एक समाधान है।
धरने पर आज किसान सभा के जिला महामन्त्री मदनसिंह यादव, उपाध्यक्ष बजरंग बराला, तहसील अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, कोषाध्यक्ष महेश चाहर, नहर आन्दोलन प्रवक्ता विजेंद्र शास्त्री, ताराचंद तानाण, जयसिंह हलवाई, कन्हैयालाल व हेतराम भडौन्दा कला, सौरभ सैनी, सूमेरसिंह अगवाना, ओमेन्द्र, जयन्त चौधरी रजत सैनी, रोबिन अनिल यादव, पुष्कर अडूका, नरेंद्र पारसनगर, कनिष्क, सत्यवीर चाहर, रामसिंह पायल, राजेश, उमर सिंह, सुनिता, बनारसी, देविका आदि उपस्थित रहे।