169 वें दिन भी धरना जारी : सरकार ने मनमानी कर नहर का फैसला नही किया तो जवाब देंगे किसान
169 वें दिन भी धरना जारी : सरकार ने मनमानी कर नहर का फैसला नही किया तो जवाब देंगे किसान

चिडावा : चिडावा-सिघाना सड़क मार्ग बस स्टैंड लालचौक पर नहर की मांग किसानों का धरना किसान सभा के बैनर तले जिला उपाध्यक्ष बजरंग बराला की अध्यक्षता में आज 169 वें दिन भी जारी रहा। धरने पर विभिन्न गाँव गाँव से पहुंच रहे हैं किसान , बच्चों व महिलाओं के जत्थे। लोगों में पानी की कमी के चलते नहर की बात करने से उत्साह बढता नजर आता है। किसान सभा के पदाधिकारियों का गाँव गाँव सम्पर्क अभियान अंधाधुंध गर्मी में भी चालु है तथा अच्छा खाशा स्वागत, समर्थन व साथ कंधे से कंधा जुटा कर पानी की लड़ाई लड़ने का आस्वासन दे रहे हैं लोग और तन मन धन से साथ देने की प्रतिज्ञा करके गाँव में में नुक्कड़ सभा के माध्यम से 1994 जल समझौते पर किसानों द्वारा बताई जा रही बातें ध्यान से सुनते हैं। इसी कड़ी में धरने पर सम्बोधित करते हुए तहसील अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार की नादिरशाही अब नहीं चलेगी।
हमारे पास भी, अनाज, शब्जी दूध, फल, फ्रूट सब हमारी मुट्ठी में बन्द है जरूरत पड़ी, बात बढी तो बन्द करते देर नहीं लगेगी। लेकिन हमने लगातार छ: महीने से शान्तिपूर्ण धरना चालू रखा है आचार संहिता का भी हमने पालन व सम्मान किया, इसका मतलब ये तो नहीं कि सरकार हम शेखावाटी के लाडलों को बरगलाकर छोड़ देंगे ये इनकी बहुत बड़ी भूल होगी क्यों कि पहले तो कुछ पानी का साधन था तो काम चलता रहा और शेखावाटी का किसान सरकार पे भरोसा करता हुआ डटा रहा परन्तु अब तो पानी की घूंट ना रही अत:ये शेखावाटी का लाल दो दो हाथ करते हुए नहीं हिचकेगा। ईंट से ईंट बजा देगा। हरियाणा में ताजेवाला कूच भी करेंगे और जहाँ कहीं भी रोका तो वहीं डेरा डाल लिया जायेगा। और अनशन कर देंगे। अतः सबकुछ छोड़कर सरकार के लिए एक ही चारा है और वो है यमुना जल समझौते के अनुसार पानी दिलवाने के सफल प्रयास धरातल पर किऐ जाऐं।
धरने पर आज जिला महामन्त्री मदनसिंह यादव, कोषाध्यक्ष महेश चाहर, नहर आन्दोलन प्रवक्ता विजेंद्र शास्त्री, महिला विंग अध्यक्षा सुनिता खेदड, रणधीर ओला, ज्वाहर यादव, कून्दनलाल स्वामी, करण कटारिया, मोहम्द शरीफ, मोहरसिंह, सौरभ सैनी, औमप्रकाश, रजनीश शर्मा, सुरेश शर्मा, जयन्त चौधरी, मांगेलाल डांगर, आकाश, रेखा , सोनम, शायरा बानो, रवि, सुनिल चाहर, मुन्नी लुहारी, भीम बसेरा, ताराचंद तानाण, जितेंद्र, सतवीर, सज्जन, धर्मवीर, सोमवीर, मातुराम, सोनु, संजय, हेमन्त सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।