गहलोत सरकार में जारी 9 लाख पट्टों का होगा रिव्यू:यूडीएच मंत्री बोले-गड़बड़ी की शिकायतें मिलीं, अफसरों पर एक्शन होगा; निगमों का सीमांकन फिर से
गहलोत सरकार में जारी 9 लाख पट्टों का होगा रिव्यू:यूडीएच मंत्री बोले-गड़बड़ी की शिकायतें मिलीं, अफसरों पर एक्शन होगा; निगमों का सीमांकन फिर से

जयपुर : भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के कार्यकाल में ‘प्रशासन शहरों के संग अभियान’ में जारी 9 लाख से ज्यादा पट्टों का रिव्यू करवाने का निर्णय लिया है। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि पिछली सरकार में ‘प्रशासन शहरों के संग अभियान’ में बड़ी संख्या में मकानों के पट्टे जारी किए गए थे। इसमें बड़ी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ रही थीं। ऐसे में सरकार के स्तर पर अब जल्द ही पूर्व में जारी किए गए गलत पट्टों का रिव्यू किया जाएगा।
खर्रा ने कहा- इसको लेकर ही जल्द ही आम जनता से शिकायतें मांगी जाएंगी। उसके आधार पर आला अधिकारियों की देखरेख में पट्टों की जांच की जाएगी। खर्रा मंगलवार को सचिवालय में एंपावर्ड कमेटी की बैठक में शामिल हुए थे।
यूडीएच मंत्री ने कहा- अगर जांच में अनियमितता या गड़बड़ पाई जाती है तो संबंधित पट्टे को निरस्त कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही वर्तमान में भी प्रदेशभर में पट्टों को लेकर काफी प्रकरण लंबित चल रहे हैं। ऐसे में प्रशासन शहरों के संग अभियान को आगे बढ़ाने को लेकर जल्द रिव्यू कर अंतिम फैसला किया जाएगा।
नगर निकायों का सीमांकन फिर से होगा
झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि प्रदेशभर के सभी नगर निकायों का सीमांकन फिर से किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी, तो विस्तार भी किया जाएगा। अगर पूर्व में कहीं कोई गलत सीमांकन हुआ है, तो उसमें सुधार भी किया जाएगा।

गहलोत सरकार में 9.33 लाख पट्टे हुए थे जारी
प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पिछली सरकार ने 9 लाख 33 हजार 258 पट्टे जारी किए गए थे। इनमें प्राधिकरण और नगर सुधार न्यासों ने 2 लाख 97 हजार 498 तथा नगर निगम, पालिका और परिषदों ने 6 लाख 35 हजार 760 पट्टे जारी किए थे।
इसको लेकर आम जनता से मिल रही शिकायतों के बाद जल्द ही स्वायत्त शासन विभाग सार्वजनिक सूचना जारी कर पूर्व में जारी हुए पट्टों पर आपत्ति मांगेगा। उसके आधार पर स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस पूरे मामले की जांच करेंगे।
आईपीडी टावर का निर्माण 24 मंजिल तक करेंगे
सचिवालय में एंपावर्ड कमेटी की बैठक में यह फैसला भी किया गया कि जयपुर में आईपीडी टावर का निर्माण 24 मंजिल तक ही किया जाएगा। पार्किंग और मॉर्च्युरी के निर्माण के साथ ही फंड की कमी को लेकर भी चर्चा की गई। इसके समाधान को लेकर अब अगले सप्ताह बैठक का आयोजन किया जाएगा।
यूडीएच मंत्री खर्रा और हेल्थ मिनिस्टर गजेंद्र सिंह खींवसर की मौजूदगी में एंपावर्ड कमेटी की बैठक में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने आईपीडी टावर की मौजूदा स्थिति और अब तक हुए खर्चों का ब्योरा पेश किया।
पार्किंग और वर्ल्ड क्लास मॉर्च्युरी बनने में समस्या आ रही
यूडीएच मंत्री ने कहा- मौजूदा हालात के रिव्यू के बाद आईपीडी टावर को 24 मंजिल का बनाने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही अंडरग्राउंड पार्किंग और विश्वस्तरीय मॉर्च्युरी के निर्माण को लेकर जो समस्याएं आ रही थीं। इसके समाधान के लिए सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के अधीक्षक, कंसल्टेंट और जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को अगले 7 दिन का वक्त दिया गया है। वे इन दोनों प्रोजेक्ट से जुड़े जो भी प्रस्ताव हैं, उनकी विजिबिलिटी चेक कर हेल्थ मिनिस्टर को रिपोर्ट सौंपेंगे। उसके बाद एक और एंपावर्ड कमेटी की बैठक होगी। इसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा।
खर्रा ने कहा- आईपीडी टावर के निर्माण कार्य में फंड की कमी को दूर करने के साथ ही सड़क चौड़ी करने और विश्वविद्यालय की जमीन लेने की प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई है। ऐसे में अब उच्च शिक्षा मंत्री विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ बैठक कर जल्द ही इस समस्या का समाधान करेंगे। इसके साथ ही 2025 तक इसके निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।