स्टेक होल्डर्स आपसी समन्वय से उमंग -3 अभियान को सफल बनाएंः सिंह
एसआईयूसीएडबल्यू एएसपी सतपाल सिंह ने विशेष अभियान ‘उमंग -3‘ को लेकर बैठक में दिए निर्देश, बालश्रम, बंधुआ मजदूरी एवं मानव दुर्व्यापार के उन्मूलन हेतु 30 जून तक चलाया जाएगा विशेष अभियान

चूरू : सिविल राईट्स एवं एएचटी अतिरिक्त महानिदेशक के निर्देशानुसार मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित पुलिस लाइन सभागार में एसआईयूसीएडबल्यू एएसपी सतपाल सिंह ने बालश्रम, बंधुआ मजदूरी एवं मानव दुव्र्यापार के उन्मूलन हेतु विशेष अभियान ‘उमंग -3‘ को लेकर आयोजित बैठक में अभियान से जुड़े समस्त स्टेक होल्डर्स को आवश्यक निर्देश दिए।
एएसपी सिंह ने कहा कि अभियान से जुड़े समस्त स्टेक होल्डर्स आपसी समन्वय से अभियान को सफल बनाएं। यह अभियान 30 जून तक सम्पूण राज्य व्यापक रूप से चलाया जा रहा है। प्रयास करें कि अभियान के दौरान अधिकतम दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई हो। बालश्रम, बंधुआ मजदूरी व मानव दुर्व्यापार की रोकथाम के लिए प्रत्येक थाने में टीम गठित की गई हैं तथा विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को भी शामिल किया गया है। अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए अधिकारी प्रकरणों में व्यक्तिगत रूचि रखें तथा नियमित मॉनीटरिंग करते हुए दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करें।
उन्होंने कहा कि बालश्रम, बंधुआ मजदूरी व मानव दुर्व्यापार जैसे प्रकरणों की किसी भी माध्यम से सूचना मिलने पर त्वरित एक्शन लें। सार्वजनिक स्थानों, दुकानों, होटलों व रेस्टोरेंटों सहित उपक्रमों में बालश्रम की घटना पाए जाने पर बच्चों को रेस्क्यू कर उन्हें समझाइश करें तथा शिक्षा की ओर उन्मुख करें। बालश्रम की रोकथाम के लिए पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाए तथा बच्चों व अभिभावकों को कानूनी प्रावधानों के बारे में जागरूक किया जाए।
उन्होंने कहा कि बाल श्रमिकों, बंधुआ मजदूरों व तस्करी पीड़ित बच्चों को मुक्त कराने एवं रोकथाम की कार्यवाही में स्थानीय पुलिस, मानव तस्करी विरोधी यूनिट व विशेष किशोर पुलिस ईकाई द्वारा सक्रियता एवं गोपनीयता से भाग लिया जाना सुनिश्चित करें। अभियान के दौरान रेल्वे प्लेटफार्म व आस-पास भीड़ वाले स्थानों, बस स्टैण्ड, धार्मिक स्थल, हाईवे पर स्थित ढाबे, सड़क किनारे अस्थाई डेरे आदि में निवास कर रहे बच्चों की स्क्रीनिंग की जाए। स्क्रीनिंग के दौरान बच्चा गुमशुदा या मानव तस्करी की श्रेणी में पाया जाने पर उसका पूर्ण विवरण गय फोटोग्राफ के संधारित किया जाए। बालश्रम, बंधुआ मजदूरी व मानव दुव्र्यापार होने की सूचना निजी सूत्रों या गैर सरकारी संगठनों द्वारा प्राप्त होने पर समन्वय रखते हुए चिह्वित व मुक्त कराये गये बच्चों को अधिकृत स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से तत्काल बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर उनके आदेश से अग्रिम कार्यवाही की जाए तथा मुक्त कराये गये बच्चों के सम्मान एवं गरिमा के साथ व्यवहार किया जाए। इसी के साथ रेस्क्यूड बच्चों का मेडिकल परीक्षण भी करवाया जाए। बच्चे के माता -पिता, परिजनों एवं गृह जिले का मालूम कर उसके माता- पिता व परिजनों से मिलाने के प्रयास करें।
एएसपी सिंह ने कहा कि स्थानीय पुलिस सतत रूप से थाने क्षेत्र में भी स्वयं के स्तर पर बालश्रम, बंधुआ मजदूरी व मानव दुव्र्यापार की श्रेणी में पाये जाने पर स्वतः संज्ञान लेकर स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से तुरन्त मुक्त कराना सुनिश्चित करें। मानव तस्करी से पीड़ित नाबालिग बच्चे पाए जाने पर मानव तस्करी से जुड़ी भादस की धाराओं व जे.जे. एक्ट के प्रावधानों अनुसार कानूनी कार्यवाही की जाए। इसी प्रकार बंधुआ मजदूरी से संबंधित विधिक प्रावधानों का भी आवश्यकतानुसार प्रयोग सुनिश्चित किया जाये।
उन्होंने कहा कि बालश्रम एवं मानव दुव्र्यापार के शिकार पीड़ितों के रात्रि निवास का पता लगाकर यह सुनिश्चित किया जाए कि कही कोई संगठित गिरोह/गैंग सकिय तो नहीं है, यदि सक्रियता पाई जाती है, तो गिरोह का पर्दाफाश कर कठोर कार्यवाही की जायें। बालश्रम करते पाये जाने पर अन्य राज्यों के नाबालिग बच्चों के माता-पिता व सम्बन्धित थाने पर त्वरित सूचना दी जाकर कानून सम्मत कार्यवाही अमल में लाई जाए।
इस दौरान आरपीएफ एसआई नंनकिशोर, एपीआरओ मनीष कुमार, बाल संरक्षण इकाई से पन्ने सिंह, एएचटीयू से हनुमानसिंह मीणा, डॉ भागीरथ सिंह, एएसआई सुमेर सिंह, रामचंद्र, नरपत सिंह, रूकैया पठान, तेजाराम, रामनिवास, तनसुखराम, राजेन्द्र सिंह, रामनारायण, रामेश्वरलाल, भंवरलाल, भगवान सिंह, दामोदर प्रसाद, धापी, सुरेश कुमार, रामप्रताप, प्रकाश भाटी, नरपत सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।