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महिला मरीज की गलत किडनी निकालने वाला डॉ.धनखड़ गिरफ्तार:गुजरात से पकड़ा; पांच सदस्यों की कमेटी ने जांच में पाया था दोषी


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महिला मरीज की गलत किडनी निकालने वाला डॉ.धनखड़ गिरफ्तार:गुजरात से पकड़ा; पांच सदस्यों की कमेटी ने जांच में पाया था दोषी

महिला की किडनी निकालने वाला डॉ. धनखड़ गिरफ्तार:गुजरात से पकड़ा; पांच सदस्यों की कमेटी ने जांच में पाया था दोषी

झुंझुनूं : महिला मरीज की संक्रमित की जगह अच्छी किडनी निकालने वाले डॉक्टर डॉ. संजय धनखड़ को पुलिस ने गुजरात के राजकोट से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पिछले आठ दिनों से फरार डॉ. धनखड़ की तलाश कर रही थी।

झुंझुनूं के धनखड़ हॉस्पिटल के संचालक डाॅ. धनखड़ ने महिला मरीज की खराब किडनी निकालने की बजाय सही किडनी निकाल दी थी। मामला उजागर होने के बाद कलेक्टर ने जांच कमेटी गठित की थी। इस टीम ने डॉक्टर को दोषी माना। इसके बाद जयपुर में भर्ती मरीज ईद बानो के बयान के आधार पर 30 मई को मामला दर्ज किया गया था। झुंझुनूं कोतवानी थानाधिकारी पवन चौबे ने बताया- आरोपी डॉक्टर को राजकोट से गिरफ्तार किया गया। उसे आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।

रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारिश
इधर, जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने चिकित्सा विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें राजस्थान मेडिकल काउंसिल से डॉ. धनखड़ का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारिश की है। मामला उजागर होने के बाद धनखड़ हॉस्पिटल को सीज कर दिया है। साथ ही अस्पताल के रजिस्ट्रेशन को भी रद्द कर दिया है।

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी संजय धनखड़।

कौन हैं डॉ. संजय धनखड़

2017 तक BDK हॉस्पिटल में सर्जन रहे।
2017 में इलाज में लापरवाही के चलते सस्पेंड किया गया।
सस्पेंड होने के बाद नौकरी से इस्तीफा दिया।
झुंझुनूं में अपना धनखड़ हॉस्पिटल शुरू किया।
डॉ. संजय धनखड़ झुंझुनूं के भैंसावता गांव के निवासी हैं वर्तमान में झुंझुनूं के हाउसिंग बोर्ड इलाके में किराए के मकान में रहते हैं।
पिता सेना से रिटायर्ड हैं, पत्नी और मां गृहणी हैं।

जांच में सामने आई थी गंभीर लापरवाही
किडनी कांड की जांच के लिए कलेक्टर ने पांच डॉक्टरों की कमेटी बनाई थी। कमेटी ने जांच में डॉ. संजय धनखड को दोषी माना। लापरवाही में सामने आया कि डा. संजय धनखड स्वयं जनरल सर्जन है। किडनी का ऑपरेशन करते वक्त नेफ्रोलाजिस्ट या यूरोलॉजिस्ट की राय भी होनी चाहिए थी। यह आर्गन से जुड़ा मामला था। डॉक्टर को किडनी निकालने के बाद उसकी बायोप्सी करवानी चाहिए थी, लेकिन नहीं करवाई गई। किडनी निकालने के बाद किडनी ट्रे में रखी गई थी, उस स्थिति में वह संक्रमित हो गई, जो बड़ी लापरवाही है। कमेटी ने माना है कि डॉ. धनखड ने संक्रमित किडनी के स्थान पर सही किडनी निकाल दी।

मामला बढ़ा तो आरोपी डॉक्टर महिला मरीज के घर भी गया था। उसने दावा किया था कि उसने तो सही इलाज किया था।
मामला बढ़ा तो आरोपी डॉक्टर महिला मरीज के घर भी गया था। उसने दावा किया था कि उसने तो सही इलाज किया था।

गलत इलाज की शिकायत की तो डॉक्टर ने कहा-एसएमएस में कुछ मत बताना
झुंझुनूं के धनखड़ अस्पताल में डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान झुंझुनूं के नूंआ गांव की रहने वाली ईद बानो की संक्रमित किडनी की जगह सही किडनी निकाल दी थी। डॉक्टर ने 15 मई को सर्जरी की। 17 मई को मरीज के यूरिन में मवाद आने लगा और दर्द बढ़ गया। परिजनों ने डॉक्टर से पूछा तो उसने जयपुर जाने को कहा और चेताया कि एसएमएस में सर्जरी के लिए कुछ मत बताना। परिजनों ने मरीज को 21 मई को जयपुर में भर्ती कराया। यहां जांच में पता चला कि बाईं ओर की किडनी निकाली है, जबकि संक्रमण दाईं ओर की किडनी में था। इसके बाद महिला को छुट्टी दे दी गई थी। फिलहाल महिला का जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है।

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