झुंझुनूं लोकसभा सीट का अजीब संयोग:पीछले तीन चुनाव में विधायक ही बने सांसद, इस बार भी है बृजेन्द्र ओला है झुंझुनूं से विधायक
झुंझुनूं लोकसभा सीट का अजीब संयोग:पीछले तीन चुनाव में विधायक ही बने सांसद, इस बार भी है बृजेन्द्र ओला है झुंझुनूं से विधायक

झुंझुनूं : झुंझुनूं लोकसभा का यह अजीब ही संयोग है। झुंझुनूं में लोकसभा का यह तीसरा चुनाव है जब विधायक ने सांसद का चुनाव जीता है। 2014 में भाजपा ने सूरजगढ़ की विधायक संतोष अहलावत को टिकट दिया, वे चुनाव जीत गई और सांसद बन गई। हालांकि उप चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली। इसके बाद 2019 के चुनाव में भाजपा ने विधायक को टिकट देने की ट्रिक अपनाई यह भी कामयाब रही। मंडावा से भाजपा के विधायक नरेन्द्र खींचड चुनाव जीतकर सांसद बन गए। हालांकि विधानसभा के उप चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली। अब दस साल से जो ट्रिक भाजपा अपना रही थी, वहीं कांग्रेस ने अपनाई। अपने झुंझुनूं विधाना सीट से विधायक बृजेन्द्र ओला को टिकट दिया, यह काम कर गई। ओला विधायक से सांसद बन गए। अब झुंझुनूं सीट पर उपचुनाव होगा।
पहले पिता के सांसद बनने पर हुआ था उप चुनाव, अब बेटे के सांसद बनने पर
झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र में अब उप चुनाव होंगे। क्योंकि यहां से कांग्रेस के विधायक बृजेन्द्र ओला चुनाव जीत चुके हैं। अब उनको विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा। ऐसे में लगभग छह माह में विधानसभा के उप चुनाव हो सकते हैं। पहले जब उप चुनाव हुआ था, तब शीशराम ओला के सांसद बनने के कारण हुआ था। उस समय शीशराम ओला विधायक थे। भाजपा ने डॉ. मूलसिंह शेखावत को टिकट दिया था, राजस्थान में भाजपा की सरकार थी। डॉ. शेखावत को जीत मिली थी। अब फिर उप चुनाव होंगे, पहले पिता शीशराम के कारण हुए थे, अब बेटे बृजेन्द्र ओला के कारण होंगे। वहीं उप चुनाव के बारे में बृजेन्द्र ओला ने कहा कि सब मिल बैठकर चर्चा करेंगे, आलाकमान जो कहेगा, उसकी पालना की जाएगी।
शुभकरण की हार की हैट्रिक, ओला की लगातार पांच जीत
भाजपा नेता शुभकरण चौधरी की इस पराजय के साथ ही उनकी हार की हैट्रिक हो गई है। जबकि कांग्रेस के बृजेन्द्र ओला ने जीत का पंजा लगा दिया है। शुभकरण चौधरी लगातार तीसरा चुनाव हारे हैं। इससे पहले उदयपुरवाटी से विधानसभा का लगातार दो चुनाव हार चुके। अब यह तीसरा लोकसभा का हार गए। इसके अलावा एक बार नवलगढ से भी हार का सामना कर चुके। ऐसे में विधानसभा व लोकसभा का वे पांच चुनाव लड़ चुके इसमें चार में हार का सामना करना पड़ा। वहीं पहले बृजेन्द्र ओला भी लगातार विधायक का चुनाव पहले हारते रहे। फिर जीत की एसी ट्रिक अपनाई कि विधानसभा में लगातार चौथा चुनाव जीते। अब लोकसभा का चुनाव जीत गए। ऐसे में विधानसभा व लोकसभा में मिलाकर उनकी पांचवीं जीत है।