नियम . क्यूआर कोड से पता चलेंगी इंस्टीट्यूट्स की व्यवस्थाएं:फर्जी दस्तावेजों से स्टूडेंट्स नहीं ले पाएंगे फार्मेसी संस्थानों में एडमिशन
नियम . क्यूआर कोड से पता चलेंगी इंस्टीट्यूट्स की व्यवस्थाएं:फर्जी दस्तावेजों से स्टूडेंट्स नहीं ले पाएंगे फार्मेसी संस्थानों में एडमिशन

झुंझुनूं : झुंझुनूं फार्मेसी संस्थानों में क्वालिटी शिक्षा देने के लिए केन्द्र सरकार ने डुप्लीकेट सिस्टम को खत्म करने की तैयारी कर ली है। नए खुलने वाले फार्मेसी संस्थानों में फर्जी छात्र व शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। संस्थानों में नए ऑनलाइन सिस्टम से फर्जी स्टूडेंट्स व शिक्षकों की आसानी से पहचान हो पाएगी। फॉर्मेसी संस्थान स्टूडेंट्स, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर, मैनपावर एवं उपकरणों के बारें में किसी तह का तथ्य छिपा नहीं सकेंगें। फार्मेसी काउंसिल के निरीक्षण के दौरान छात्रों और शिक्षकों के पास स्मार्ट कार्ड होना चाहिए।
अब केन्द्र सरकार के फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होना भी अनिवार्य रहेगा। फैकल्टी के अनुपस्थित होने का कारण भी बताना होगा। ऐसा नहीं करने पर संबंधित संस्थान की मान्यता पर संकट खड़ा हो सकता है। पीसीआई नई दिल्ली की डिप्टी सेकेट्री प्रतिमा तिवारी की ओर से सत्र 2024-25 में नए खुलने वाले संस्थानों के लिए मापदंड तय किए हैं। जिसके लिए राजस्थान समेत देशभर के फार्मेसी संस्थानों, परीक्षा ऑथोरिटी और राज्य सरकारों को नियमों की पालना के लिए पत्र लिखा है।
क्यूआर कोड एक्टिव होना अनिवार्य रहेगा : नियमानुसार कक्षा, लैब, कॉमन सुविधा, पुस्तकालय की किताबें , बैचलर व मास्टर डिग्री में काम में आने वाले उपकरणों पर क्यूआर कोड एक्टिव होना चाहिए। निरीक्षण के समय क्यूआर कोड काम नहीं करने पर संस्थान को डेफिसिएंसी की सूची में डाल दिया जाएगा। ये ही नहीं बुनियादी ढ़ांचा भी बिना क्यूआर कोड के नहीं होना चाहिए। निरीक्षण केवल गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध कराए गए मोबाइल निरीक्षण एप्लीकेशन के माध्यम से किए जाएंगे।