झुंझुनूं : झुंझुनूं के बलोदा गांव में एक दलित युवक के पैर बांधकर और उल्टा लटकाकर लाठियों से पीट- पीटकर कर हत्या कर देने के मामले में संबंधित शराब ठेकेदार का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है।
घटना 14 मई की है। सूरजगढ़ थाना क्षेत्र के गांव बलोदा को गोशाला में काम करने वाले युवक रामेश्वर वाल्मीकि का कुछ शराब माफियाओं ने अपहरण कर उसके साथ बेरहमी से मारपीट कर उसकी हत्या कर दी। मामले के आरोपी 16 मई को गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
आरोपियों ने खुद के ठेके से शराब नहीं खरीदने और हथकढ़ शराब बनाने वालो के संपर्क में आने पर युवक की हत्या कर दी थी।
आबकारी अधिकारी अमरजीतसिंह ने बताया कि बलौदा में शराब ठेकेदार के ठेके का लाइसेंस निलंबित किया गया है। आरोपी ठेकेदार के सेल्समैन या नौकर नहीं थे। गांव के बदमाश थे और ठेकेदार के साथ के थे। सेल्समैन या नौकर नहीं होने के बावजूद ठेकेदार के पास ठहरे हैं तो गलती तो की है।
शाराब ठेके पर था आना जाना
जिला आबकारी अधिकारी अमरजीत सिंह ने चिड़ावा के आबकारी निरीक्षक से मामले की रिपोर्ट मांगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर शराब के ठेके का लाइसेंस 23 मई से 25 मई तक के लिए निलंबित कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट में लिखा गया है कि बलोदा में देशी मदिरा कंपोजिट दुकान के लाइसेंसधारी सुशील कुमार की मामले में सीधी कोई संलिप्तता नहीं पाई गई है लेकिन आरोपियों का उसके यहां आना जाना था। युवक के साथ मारपीट की घटना की भी उसने जानकारी नहीं दी, यह ठेके की शर्तों का उल्लंघन है।
जांच रिपोर्ट में यह बताया गया
रिपोर्ट में लिखा गया है कि दुकान का लाइसेंसधारी अथवा उसका नौकर अपनी दुकान पर किसी प्रकार का दंगा, फसाद या जुआ संबंधी गतिविधि नहीं होने देगा और ऐसे लोग को जो कुख्यात बदमाश हों, दुकान पर आने नहीं देगा और ना ही इन्हें दुकान पर ठहराएगा। यदि कोई ऐसा व्यक्ति दुकान में आए जिसके विषय में पुलिस की ओर से दस्तंदाजी योग और जमानत के अयोग्य अपराध का संदेह हो तो अनुज्ञाधारी या जो व्यक्ति उसकी ओर से दुकान पर काम करता है तो उसका कर्तव्य होगा कि उसकी सूचना तुरंत निकटवर्ती मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी को दे। लेकिन इसका उल्लंघन किया गया। इसके अलावा निरीक्षण के दौरान दुकान पर स्टॉक रजिस्टर भी उपलब्ध नहीं मिला। इसके कारण मदिरा का भौतिक सत्यापन नहीं किया जा सका।