झुंझुनूं में कलेक्टर से मिले भाजपा कार्यकर्ता:तहसीलदार के खिलाफ फौजदारी का मामला दर्ज करने की मांग, ज्ञापन सौंपा
झुंझुनूं में कलेक्टर से मिले भाजपा कार्यकर्ता:तहसीलदार के खिलाफ फौजदारी का मामला दर्ज करने की मांग, ज्ञापन सौंपा

झुंझुनूं : भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे झुंझुनूं तहसीलदार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को नगर परिषद के नेता प्रतिपक्ष बुधराम सैनी, पार्षद संदीप चांवरिया और भाजपा नेता मुरारी सैनी समेत कई पदाधिकारियों ने कलेक्टर को मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान तहसीलदार के खिलाफ फौजदारी का प्रकरण दर्ज करने की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष बुधराम सैनी ने बताया कि वर्तमान में आदर्श आचार संहिता लागू है। तहसीलदार के द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियां से कार्यालय के ताला लगवाकर हड़ताल करवाई जा रही है। तहसीलदार की हठधर्मिता के कारण काम अटक गए है। इसके कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास, ईडब्ल्यूएस जैसे जरूरी काम अटक गए है। वे या तो हड़ताल खत्म करें या फिर यहां से विदाई ले।
मुरारी सैनी ने बताया- उन्हें चुनाव संबंधित कुछ जानकारी व दस्तावेज की जरूरत थी। इसलिए 2 मई को वे तहसील कार्यालय गए। लेकिन तहसील के ताले लगे हुए थे।
गौरतलब है कि ढेवा का बास के रहने वाले बनवारी लाल चौधरी ने तहसीदार सुरेन्द्र चौधरी, गिरदावर अमीलाल, उम्मेद सिंह महला अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। इस शिकायत में झुंझुनूं में गुढ़ा मोड़ पर मंदिर माफी की जमीन, कपड़ा बाजार में ट्रस्ट की जमीन समेत अन्य जगह अवैध रूप से रजिस्ट्री करवाकर करोड़ों रूपए का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया गया था।
पहले झुंझुनूं और चिड़ावा एसडीएम ने मामले की जांच की थी। लेकिन शिकायतकर्ता बनवारी ने जांच से असंतुष्टी जाहिर करते हुए दूसरे अधिकारी से जांच कराने की मांग की। इसके बाद नवलगढ़ एसीएम को जांच सौंपी गई थी। गुरूवार को जब जांच अधिकारी ने तहसीलदार को फोन कर मामले को लेकर पूछताछ की तो उनकी तबीयत बिगड़ गई। वे रोते हुए गश खाकर नीचे गिर गए। उसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पड़ा। इसके बाद तहसील कार्यालय के कार्मिकों की जांच के नाम पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर ऑफिस के ताला लगाकर हड़ताल पर बैठ गए थे।
आज भी हड़ताल पर रहे कर्मचारी
तहसील कार्मिक आज भी सामूहिक हड़ताल पर रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ही जांच के नाम पर बार बार प्रताड़ित किया जा रहा है। जिला प्रशासन भी जांच के नाम पर कर्मचारियों पर दबाव बना रहा है। कर्मचारियों ने अनशन की चेतावनी दी है।