नकलगिरोह के 5 मास्टरमाइंड,2 हजार रिश्तेदारों को दिलाई सरकारी नौकरी:एसओजी की 3000 पन्नों की जांच रिपोर्ट में खुलासा; 500 आरोपी अभी और रडार पर
नकलगिरोह के 5 मास्टरमाइंड,2 हजार रिश्तेदारों को दिलाई सरकारी नौकरी:एसओजी की 3000 पन्नों की जांच रिपोर्ट में खुलासा; 500 आरोपी अभी और रडार पर

जयपुर : राजस्थान में 15 साल से जड़ें जमा चुके पेपर माफिया अब बेनकाब होने लगे हैं। प्रदेश में चार माह पहले गठित एंटी चीटिंग सेल बनी थी। अब तक 10 से ज्यादा भर्तियाें में पेपर लीक की कड़ियां जोड़ते हुए एसओजी ने 97 लोगों को गिरफ्तार किया है। हमारे मीडिया कर्मी ने एसओजी की 3000 पन्नों की जांच रिपोर्ट खंगाली तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।
नकल गिरोह के 5 मास्टरमाइंड अपने 2000 से ज्यादा रिश्तेदार-परिचितों को सरकारी नौकरी लगवा चुके हैं। ये सभी फर्जी डिग्री, डमी कैंडिडेट और पेपर लीक से सरकारी नौकरी लगे। एसओजी 500 से ज्यादा लोगों के खिलाफ जल्द ही मामला दर्ज करेगी।
एसओजी मुखिया वीके सिंह के पास एंटी चीटिंग सेल का जिम्मा है। सबसे पहले सब-इंस्पेक्टर भर्ती मामले में 33 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया था। इनसे हुई पूछताछ में ही गिरोह के 5 मास्टरमाइंड सामने आए थे। इनसे पूछताछ में ब्लूटूथ से नकल करवाने, पेपर लीक करने, डमी कैंडिडेट बिठाकर नकल करवाने जैसे 73 से अधिक मामले सामने आए। इसके बाद एसओजी ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया ताे कई क्लू मिले।
एसओजी के एएसपी रामसिंह शेखावत व उनकी टीम ने जब कड़ियाें काे जाेड़ना शुरू किया ताे महज 25 दिन में मास्टर माइंड जगदीश ज्याणी, श्रवण बाबल, पंकज चाैधरी उर्फ भांभू, हर्षवर्धन मीणा, राजेन्द्र कुमार यादव के सारे गिराेह का खुलासा हो गया। जांच में सामने आया है कि इन सभी नौकरीखोर चीटरों ने करीब 120 कराेड़ रुपए से ज्यादा की संपत्तियां बना रखी हैं।
श्रवण ने 60 से अधिक, पंकज ने 250 रिश्तेदारों काे नौकरी पर लगवाया…
मादक पदार्थों का बड़ा तस्कर हाेने के साथ जमीनों पर कब्जा करता था। बाद में पेपर लीक गैंग से जुड़कर लीक पेपर काे बेच कर कराेड़ाें रुपए कमाए। जाेधपुर कमिश्नरेट के हार्डकाेर बदमाशाें में उसका नाम है।
2015 में इसने पेपर लीक गैंग का नेटवर्क पूरे प्रदेश में खड़ा किया। एसओजी में गिरफ्तार हाेने के बाद इसकी संपत्तियों काे खंगाला ताे पता चला कि 10 साल में ही जाेधपुर में 22 कराेड़ रुपए की संपत्तियां बना लीं। पूछताछ में 60 से अधिक परिचित व रिश्तेदाराें की नाैकरी पर लगाने की बात कबूली।


वनपाल बना, अभी फरार है
पंकज चाैधरी उर्फ यूनिक भांभू निवासी चूरू, वनपाल परीक्षा के लीक पेपर से वनपाल बना। अभी फरार है। विदेश में बताया जा रहा है। पत्नी द्वितीय श्रेणी अध्यापक, साला नरेंद्र व उसकी पत्नी वनपाल है। माैसी काे आंगनबाड़ी में महिला सुपरवाइजर व उसके दाेनाें बच्चाें और चाचा मनीराम व उनके दाेनाें बेटाें काे नाैकरी लगवा दी। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में पता चला कि पंकज 250 से अधिक परिचित व रिश्तेदाराें की नाैकरी लगवा चुका है।
पत्नी, साला, साले की पत्नी, चाचा के बेटे नौकरी में
यूनिक ने पेपर लीक से झुंझुनूं निवासी बुओ के बेटों नवीन काे बिजली विभाग में तकनीकी सहायक और अनिल काे थर्डग्रेड टीचर बनाया
विवेक भांभू निवासी पूनियां काॅलाेनी चूरू ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में रैंक 24वीं प्राप्त की। उसकी पत्नी सुदेश द्वितीय श्रेणी अध्यापक
एकता राहड़ निवासी पूनियां काॅलाेनी चूरू की एसआई परीक्षा में 123वीं रैंक, राेहिताश खीचड़ की एसआई परीक्षा-2021 में 385वीं रैंक
राकेश भांभू निवासी चूरू की एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में 2021वीं रैंक
सुरेंद्र खराडि़या पटवारी, उनकी बहन व पत्नी महिला सुपरवाइजर, निवासी चूरू
गाेपीराम के बेटे विजेंद्र काे जेईएन और नितेश काे लैब असिस्टेंट बनाया, निवासी चूरू
एडिशनल एसपी ओमप्रकाश गाेदारा के बेटे करणपाल गाेदारा की एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में 22वीं रैंक, गिरफ्तार अजमेर के रवि भारी को पटवारी बनवाया
पंकज के साथी रमेश कालेर ने पत्नी व भांजी काे आंगनबाड़ी में महिला सुपरवाइजर बनाया, कालेर गिरफ्तार है झुंझुनूं के सत्यवीर सिंह काे वनपाल बनाया
इनको फायरमैन में भर्ती करवाया
- श्रवण सिंह राठौड़ निवासी चूरू
- दिनेश कुमार उदयपुरवाटी झुंझुनूं
- नरेन्द्र कुमार धेतरवाल निवासी बाटेड-झुंझुनूं
- प्रदीप कुमार निवासी शेखसर-झुंझुनूं
- राजेश कुमार निवासी अलसीसर-झुंझुनूं
- सुरेन्द्र कुमार पूनियां निवासी बीनासर-चूरू
- गोपी किशन निवासी बाटेड-झुंझुनूं
इनको लाइब्रेरियन बनवाया
- अभिषेक यालोड़ निवासी झुंझुनूं हाल पूनियां कॉलोनी चूरू
- दीपक धायल निवासी सिरसली
- नरेन्द्र धायल निवासी धांधू झुंझुनूं
कई भर्तियों में किया फर्जीवाड़ा
इन परीक्षाओं में करवाईं भर्तियां; श्रवण गैंग के श्रवण ने जेल से बाहर आने के बाद पटवारी, सीएचओ भर्ती, टीचर भर्ती, आरओ-ईओ भर्ती, वनरक्षक, वनपाल सहित अनेक भर्ती परीक्षाओं के पेपर आउट किया।
इस गैंग में प्रकाश निवासी चितलवाना, राजूराम ईरा निवासी बुकावास, अशोक नैण निवासी सांचौर, कल्पेश खिलेरी निवासी सांचौर, धमेंद्र ढाका, गोविंद निंबली, गोपाल खिलेरी निवासी मोरिया पृथ्वीराज बाबल, श्रवण विश्नोई निवासी निबली, सोहन निवासी खेड़ी, मनीष सियाग हैं। श्यामलाल हत्याकांड में श्रवण काे आजीवन कारावास की सजा है। दिनेश मांजू हत्याकांड में ट्रायल चल रहा है। इनके अलावा एक दर्जन हत्या के प्रयास, तस्करी, लूट, चाेरी, जमीन हड़पने के मामले दर्ज हैं। श्रवण 15 वर्ष तक जेल में रहा है।
नए-नए खुलासे हो रहे
“मामलों की जांच चल रही है, पूछताछ में आरोपी नए-नए खुलासे कर रहे हैं। सभी का रिकॉर्ड जुटा रहे हैं।”
-वीके सिंह, एडीजी, एसओजी-एटीएवस
हर्षवर्धन ने 35 परिचितों काे पटवारी बनवाया
जेईएन भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में दौसा के हर्षवर्धन काे एसओजी ने गिरफ्तार किया है। हर्षवर्धन ने 35 परिचितों काे पटवारी बनाया। एसआई परीक्षा पेपर लीक कर 12 से 15 अभ्यर्थियों को पास करवाया। हर्षवर्धन पाली-जालाैर में पटवारी था। जहां पेपर लीक गैंग के संपर्क में आया। 15 साल में 20 कराेड़ की संपत्ति बनाई। पत्नी सरिता के बैंक लाॅकर मिले।
6 साथियों के साथ 20 से अधिक परीक्षाओं के पेपर लीक कर पत्नी सहित 300 से अधिक युवाओं की नाैकरी दिलवाई। भाई पुष्पेंद्र काे फायरमैन व उसकी पत्नी काे सुपरवाइजर बनाया। साले मनाेज मीणा काे एलडीसी व पंकज काे लाइब्रेरियन बनाया। हर्षवर्धन अपनी टीचर पत्नी सरिता काे एसआई बनाना चाहता था।
जगदीश ने कितनों को नौकरी लगवाई, याद नहीं
पेपर लीक का मास्टरमाइंड जगदीश ज्याणी 2002 में पहली बार रेलवे की परीक्षा में डमी कैंडिडेट के रूप में बैठा था। उसे 20 हजार रुपए मिले थे। बाद में लीक पेपर खरीद कर सेकंड ग्रेड टीचर बन गया। सरकारी टीचर रहते 2005 में बीकानेर निवासी पाेरव व तुलछाराम, दाैसा निवासी चंद्रकात मीणा, जाेधपुर के विष्णु के साथ ब्लूटूथ गैंग बना ली।
2010 में पकड़ में आया। साल 2014 में निलंबित हुआ। एसओजी काे पूछताछ में बताया कि डमी कैंडिटेट, नकल या पेपर बेचकर कितनों काे पद दिलवाए यह याद ही नहीं है। एसआई व कांस्टेबल भर्ती में 370 से अधिक युवाओं काे भर्ती करवाया। जगदीश ने 2018 के बाद माेबाइल का उपयाेग नहीं किया।
राजेन्द्र कुमार ने 200 परीक्षा के पेपर लीक करवाए
थर्डग्रेड टीचर राजेंद्र कुमार यादव और जगदीश विश्नाेई की 2010 में दाेस्ती हुई। दाेनाें बात करने के लिए गैंग के दूसरे लाेगाें के फाेन का उपयाेग करते थे। जिस दिन प्रतियोगी परीक्षा हाेती थी, उस दिन जगदीश पेपर लीक कर दूसरे राज्य में चला जाता था। इसमें राजेंद्र ही जगदीश का सहयाेग करता था। उनकी गैंग के श्रीगंगानगर निवासी शिवरतन माेठ और पंकज चाैधरी उर्फ यूनिक भांभू काे पेपर देकर पूरे राजस्थान में नेटवर्क काे पेपर भेजते थे। राजेंद्र यादव के श्याम नगर में 13 फ्लैट और 3 प्राइवेट स्कूलाें में पार्टनरशिप है।
एसआई भर्ती परीक्षा 2021, महिला सुपरवाइजर, लैब असिस्टेंट, कृषि अन्वेषक भर्ती परीक्षाओं सहित 15 वर्ष में 200 से ज्यादा परीक्षा के पेपर लीक करने और नकल करवाने की एसओजी काे जानकारी मिली है। राजेंद्र यादव 2003 से अब तक खातीपुरा की स्कूल में ही अध्यापक रहा। इनकी 22 करोड़ की संपत्ति सामने आई है।