कलश यात्रा के बाद श्रीमद् भागवत कथा का हुआ शुभारंभ
कलश यात्रा के बाद श्रीमद् भागवत कथा का हुआ शुभारंभ

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : राज वर्मा
फतेहपुर : श्री लक्ष्मी नाथ जी मंदिर से प्रारंभ होकर कलश यात्रा पहुंची श्री चमत्कार बालाजी धाम |हजारों की संख्या में माता बहनों ने कलश सिर पर धारण कर भगवान नाम कीर्तन करते हुए सुंदर सजे कलश लेकर यात्रा का आनंद लिया। संत योगी शांतिनाथ महाराज, संत विजय नाथ महाराज, ब्रह्मचारी गणेश चैतन्य महाराज, भक्त राकेश महाराज, सहित संतो को रथ में विराजमान किया गया। जिन पर कई जगह पुष्प वर्षा करते हुए फतेहपुर के गणमान्य जनों ने आशीर्वाद प्राप्त किया। श्रीमद् भागवत जी पूजन, स्थापना, आरती के बाद कथा प्रारंभ हुई। विधिवत कथा प्रारंभ करते हुए भक्ति और नारद जी के संवाद श्रीमद् भागवत कथा का महत्व कथा कही कथा व्यास कृष्ण शास्त्री ने बताया की बैकुंठ में भगवान मिलते हैं, भगवान का नाम तो भागवत में ही मिलता है। और यही महत्व प्रथम दिवस की कथा का सार है। भागवत एक पोथी नहीं साक्षात् भगवान है, जिस कारण राजा परीक्षित के लिए बैकुंठ से विमान आया। भक्ति ज्ञान वैराग्य कमजोर हो गए थे, तो नारद जी को पीड़ा हुई नारद जी ने विश्व भ्रमण करते हुए उनका उपाय पता लगाने की कोशिश की, तो आकाशवाणी हुई नारद जी सत्कर्म करो,, तब सनत कुमार ने बताया कि सत्कर्म श्रीमद् भागवत कथा को ही कहते हैं, और तब हरिद्वार के आनंद वन में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। तो वहां कमजोर हुए भक्ति ज्ञान वैराग्य नाचते हुए आनंदित होते हुए हरिद्वार पधारे। मुख्य यजमान शेखर सोनी पत्नी सहित श्रीमद् भागवत पूजन करवाया।