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युवाओं में उधमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले के लोहिया कॉलेज में आज होगा झींगापालन कृषि के भविष्य और संभावनाएं पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप


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युवाओं में उधमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले के लोहिया कॉलेज में आज होगा झींगापालन कृषि के भविष्य और संभावनाएं पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप

युवाओं में उधमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले के लोहिया कॉलेज में आज होगा झींगापालन कृषि के भविष्य और संभावनाएं पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप

चूरू : जिला मुख्यालय स्थित राजकीय लोहिया महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में सोमवार, 01अप्रैल, 2024 को दोपहर 12 बजे युवाओं में उधमिता, कौशल विकास और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से ‘चूरू में झींगापालन जल कृषि का भविष्य और संभावनाएं‘ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा।

प्राचार्य डॉ मंजू शर्मा ने  बताया कि  यह कार्यशाला विद्यार्थियों और नवाचारी किसानों के लिए एक मुफ्त कार्यशाला है। कार्यशाला में अधिकतम 30 विद्यार्थी भाग ले सकते हैं।  महाविद्यालय के नवाचार और कौशलविकास कमेटी और इस कार्यशाला के संयोजक प्रो शांतनु डाबी ने बताया कि कार्यशाला में युवाओं को सफल झींगा पालन से जुड़ी अद्यतन वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी, जलीय कृषि के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों का अन्वेषण, स्थलीय भूमिगत खारे पानी से झींगा पालन में महारथ हासिल करने वाले विशेषज्ञों से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने बताया कि झींगा जलीय कृषि, विशेष रूप से लिटोपेनियस वन्नामेई (व्हाइटलेग झींगा) की खेती, चूरू के कृषि परिदृश्य को बदल रही है। प्रधानमंत्रा मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के समर्थन और 52.55 करोड़ रुपये की एक समर्पित कार्य योजना के साथ इस जलकृषि की लहर में चूरू सबसे आगे है।

कार्यशाला के समन्वयक प्रो आशीष शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में जलीय कृषि विशेषज्ञों और अनुभवी झींगा किसानों से सीधा संवाद, कम्युनिटी निर्माण, साथियों और उद्योग जगत के लीडर्स के साथ नेटवर्किंग, पर्यावरण-अनुकूल खेती के तरीकों का सतत अभ्यास, झींगा बाजार के रुझान और मांग के आधार पर बाजार विश्लेषण, जलीय कृषि के लिए एक व्यवसाय योजना तैयार करना, नवाचार खेती में तकनीकी प्रगति, उच्च गुणवत्ता वाले झींगा उत्पादन की तकनीकें,  उद्यमियों के लिए सरकारी सहायता आदि की जानकारी दी जाएगी।

इस कार्यशाला में फ्रांस प्रतिष्ठित कंपनी वीरबैक की और से   एक्वा सलाहकार एवं तकनीकी प्रशिक्षक कदारू फणीन्द्र कुमार, ख्यातनाम झींगा विशेषज्ञ डॉ नितिन पिपरालिया, पश्चिमी राजस्थान एरिया बिजनेस मैनेजर के.एल.डांगी के अतिरिक्त  , विशाखापट्टनम से हैचरी विशेषज्ञ अशोका राजू भी युवाओं से रूबरू होंगे ।  गौरतलब है की इस कार्यशाला का आयोजन फ्रांस की प्रतिष्ठित कंपनी VIRBAC के वित्तीय सहयोग के अतिरिक्त उन्नत भारत अभियान (यूबीए), जूलॉजी विभाग के जूलॉजिकल एसोसिएशन और  लोहिया कॉलेज के इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप सेल के बैनर तले किया जा रहा है ।

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