कायमखानी मुस्लिम सैनिक भारत की सुरक्षा करते हुवे दुश्मन देशों को सबक सिखायेंगे-जाकिर झुंझुनुवाला
सेना मैडल मिलने पर जनहित एकता समिति ने किया ग्रेनेडियर्स सलीम खान का सम्मान

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
नुआ (झुंझुनूं) : बारामुला कश्मीर में दो आंतकवादियों को मार गिराने पर सलीम खान पुत्र नज़मा बानो अज़ाज़नबी को उत्तरी कमाण्ड के लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्दर कुमार ने छाती पर सेना मैडल लगाकर सम्मान करने के बाद गांव लौटने पर खान का रेल्वे स्टेशन से जुलूस निकाल कर मुख्य बाजार में जनहित एकता समिति अध्यक्ष जाकिर झुंझुनूंवाला के नेतृत्व में भारतमाता की जयकारों के साथ माला मोमेंटो व शॉल ओढाकर सम्मान किया गया इस अवसर पर समारोह की अध्यक्षता करते हुवे जाकिर झुंझुनूंवाला ने कहा कि कायमखानी युवाओं का माँ की कोख़ से लेकर क़ब्र तक जाने से पहले एक ही सपना होता हैं कि सर कटता है तो कट जाये पर सर को नही झुकायेंगे हम हिंदुस्तानी मुस्लिम हैं शहीद होकर भी भारत को बचायेंगे इसीलिए तो अब तक लगभग 300 कायमखनियो ने देश की सुरक्षा में शहादत दी हैं जिनको अब तक सैंकड़ों बहादुरी के वीर चक्र, शौर्य चक्र, सेना मैडल व अन्य वीरता के पुरुस्कार मिल चुके हैं और आज भी कायमखानी युवा अग्निवीर सेंनिक बनने के लिये दिन रात मेहनत करते हैं।
बतौर मुख्यातिथि भाजपा जिलाध्यक्ष बनवारीलाल सैनी ने कहा कि मार्शल कॉम कायमखानी मुस्लिमों के युवाओं की पहचान रही हैं जब भी देश पर कोई संकट आया तो इन्होंने बिना अपने परिवार की चिंता किये हुवे हिंदुस्तान के लिये अपनी जान कुर्बान करते हुवे शहादत देते हैं,विशिष्ट अतिथि ठाकुर अँगत बन्ना ने कहा कि हम कायमखानी राजपूतों की खून में ही देशभक्ति भरी हुवी हैं चाहे भारत के लिये अपनी विरासत कुर्बान करने की बात हो या सीमाओ की सुरक्षा के लिये शहीद होना पड़े कभी पीछे नही हटेगे, सेना मैडल विजेता सलीम खान ने कहा कि मुझे बड़ा फ़ख्र महसूस होता हैं जब भारतीय सेना की वर्दी लगाकर सीमाओ की सुरक्षा करते हुवे आंतकवादियों के बुरे मंसूबे को कामयाब नही होने देते है। हम फौजी लोग अपने परिवार की चिंता नही रखते हैं। हम भारत की रक्षा को ही अपना धर्म मानते है। दो आंतकवादी को मार गिराने पर मुझे घमंड हैं।
एक ही सपना, सिर कट जाए लेकिन झुके नहीं
जाकिर झुंझुनुवाला ने कहा- कायमखानी युवाओं का मां की कोख से लेकर कब्र तक जाने से पहले एक ही सपना होता है कि सिर कटता है तो कट जाये लेकिन सिर नहीं झुकाएंगे, हम हिंदुस्तानी मुस्लिम हैं शहीद होकर भी भारत को बचाएंगे। इसीलिए तो अब तक लगभग 300 कायमखनियों ने देश की सुरक्षा में शहादत दी है। कायमखानी जवानों को अब तक सैंकड़ों बहादुरी के वीर चक्र,शौर्य चक्र,सेना मेडल व अन्य वीरता के पुरस्कार मिल चुके हैं और आज भी कायमखानी युवा अग्निवीर सैनिक बनने के लिये दिन रात मेहनत करते हैं।
हिंदुस्तान के लिए कुर्बान होना मार्शल कौम की पहचान
भाजपा जिलाध्यक्ष बनवारीलाल सैनी ने कहा- मार्शल कौम कायमखानी मुस्लिमों के युवाओं की पहचान रही है, जब भी देश पर कोई संकट आया तो इन्होंने बिना अपने परिवार की चिंता किए हिंदुस्तान के लिए अपनी जान कुर्बान करते हुए शहादत दी है। हमें इन पर गर्व है। ठाकुर अंगत बन्ना ने कहा- हम कायमखानी राजपूतों की खून में ही देशभक्ति भरी हुई है, चाहे भारत के लिये अपनी विरासत कुर्बान करने की बात हो या सीमाओं की सुरक्षा के लिये शहीद होना पड़े कभी पीछे नही हटेंगे। गौरतलब है कि सलीम खान ने कश्मीर के बारामूला में दो आंतकवादियों को मार गिराया था। इसके बाद उत्तरी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्दर कुमार ने सेना मेडल लगाकर उनका सम्मान किया था।
बतौर विशिष्ट अतिथि माला शॉल व मोमेंटो देकर सम्मानित करने वालो में ऑक्सफ़ोर्ड अस्पताल के निदेशक डॉ रशीद खान, नुआ सरपंच नाहीद बानो,उपसरपंच गरिमा कँवर, करणी सेना जिलाध्यक्ष मनोहर सिंह घोड़ीवारा, आईएएस अशफाक हुसैन, आईएएस जाकिर हुसैन, गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्डधारी सूबे मेजर आज़ाद सिंह बड़ागाँव, सहभागी परिवार जिलाध्यक्ष इंजी महावीर सिंह झाझड, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष राहुल जाखड़, भाजपा नेता इंद्राज सैनी, जयसिंह क़िलानीया, चूड़ी सरपंच गिरवर सिंह, इमाम अब्बास अली, समाजसेवी गुलज़ार फौजी, समारोह का संचालन करते हुवे आरिफ आफु ने देशभक्ति के जयकारे लगवाकर जोश भर दिया।
ये रहे मौजूद
इस अवसर सेना मैडल सलीम का माल पहनाकर स्वागत करने वालों में कासम अली खां, नाना उम्मेद खां, मामा सूबे सुल्तान खां, फौजी साले मोहम्मद, चाचा जंगशेर फौजी, भाई अज़हर फौजी, युवा कॉंग्रेस महासचिव शहबाज बाजू, फ़रमान मुलर, सूबे शंकर सिंह पँवार, सूबे रतन सिंह, सूबे करण सिंह, रामचन्द्र पुनिया, डॉ महेश शर्मा, सूबे अनीखां, भवरलाल नैन, शकरलाल सोनी, कमल जांगिड़, मास्टर सुरेश चौहान, प्रिंसीपल ताहिर हुसैन, थानेदार रफीक खां, निसार खां फौजी, सूबे जामिद खां, मोमिन बानो, सोनू मेडम, मुख्तयार बानो, समिया बानो, जोफ़िया नाज़, नाजिया खान, जन्नत बानो, फ़रहत बानो, सुल्ताना बनो, मंजू बानो आदि सैंकड़ो लोगो ने सम्मान किया।