टोंक : टोंक के कैलीग्राफी के माहिरों के सहयोग से तैयार की गई दुनिया की सबसे बड़े साइज़ की कुरआन इन दिनों जयपुर के रंग उत्सव कार्यक्रम में प्रदर्शित की जा रही है। इसे देखने काफी संख्या में लोग आ रहे हैं। मौलना जमील के सुपरविजन में चित्तौड़गढ के शेर खां द्वारा बनवाई गई । यह कुरआन करीब डेढ साल में तैयार हुई थी। 10 साल पहले से ये कुरआन विश्व विख्यात मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक में रखी गई। उसके बाद पहली बार इसको जयपुर में प्रदर्शित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश का सांस्कृतिक और कलात्मक स्थल रवीन्द्र मंच जयपुर के हीरक जयंती के अवसर पर कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से 13 से 16 मार्च तक रंग उत्सव कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। इसमें दुनियां की सबसे बड़े साइज की कुरआन को भी लोग देखने वहां पहुंच रहे हैं। दुनिया की सबसे बड़े साइज की कुरआन टोंक में तैयार की गई। शोध संस्थान में एक सुरक्षित शोकेस में इसे रखा गया। जिसे शोध संस्थान में एक अनुमान के तहत 10 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं। इसे देखने विदेशी भी टोंक आए। इसके बारे में बताया जाता है कि ये कुरआन शरीफ दुनिया में सबसे बड़े साइज की है। 64 पेज की ये कुरआन अपने आप में कई विशेषताओं के कारण भी विशेष है। जो करीब साढे दस फीट लंबी है।
अफगानिस्तान में भी दुनिया की सबसे बड़े साइज की कुरआन बताई जाती है। जिसकी लंबाई करीब आठ फीट बताई जाती है। हिंदुस्तान का नाम दुनिया में रोशन करने के लिए तैयार इस सबसे बड़े साइज की कुरआन को देखने का क्रेज जयपुर में आयोजित प्रदर्शनी के बाद और भी बड़ा है। टोंक शहर के लोगों ने दुनिया की सबसे बड़ी साइज की आकर्षक कला एवं हाथ से बने कागज पर इस कुरआन को तैयार किया है। इसका कागज करीब 400 साल तक सुरक्षित रह सकता है। यदि उसको शोकेस में सुरक्षित रखा जाए तो ये 1 हजार साल तक भी सुरक्षित रहेगा। इसके पेज खोलने के लिए भी पांच-छह लोगों की जरुरत होती है। साथ ही इसको बड़े अदब के साथ खोला जाता है। इस में कैलीग्राफी कला का खूबसूरत कार्य भी इसमें देखने को मिलता है। अब जयपुर में इसको लोग देख रहें हैं।