वैष्णव और यादव राजस्थान से लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव:25 में से 6 सीटों पर उतर सकते हैं भाजपा के हाईप्रोफाइल नेता, जानिए- क्या हैं समीकरण
वैष्णव और यादव राजस्थान से लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव:25 में से 6 सीटों पर उतर सकते हैं भाजपा के हाईप्रोफाइल नेता, जानिए- क्या हैं समीकरण
जयपुर : राज्यसभा की दो सीटों पर राजस्थान में भाजपा द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। इसके साथ ही आने वाले लोकसभा चुनावों में केन्द्र सरकार के दो दिग्गज मंत्रियों का राजस्थान से चुनाव लड़ना लगभग तय हो गया है। यह दोनों मंत्री मूलत: राजस्थान से ही हैं। इन में से एक हैं रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव और दूसरे हैं वन व पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव। उधर कांग्रेस ने अब तक राज्यसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार तो घोषित नहीं किए है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस ने सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा सांसद बनाने का प्रस्ताव आलाकमान को भेजा है। अगर प्रस्ताव को मंजूर किया गया तो राजस्थान में राज्यसभा की यह एक सीट पूरे देश में चर्चा का विषय बनेगी।
वैष्णव जयपुर या पाली, यादव अलवर से लड़ सकते हैं
उधर भाजपा सूत्रों के अनुसार अश्विनी वैष्णव जयपुर या पाली से और यादव अलवर से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। यादव और वैष्णव दोनों ही राज्यसभा से सांसद हैं। दोनों का कार्यकाल जल्द ही खत्म होने वाला है। यादव राजस्थान से और वैष्णव उड़ीसा से राज्यसभा सांसद हैं। दोनों को ही भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में नहींं उतारा है। यादव मूलत: अजमेर और वैष्णव मूलत: पाली जिले के रहने वाले हैं। दोनों ने ही अब तक कभी भी विधायक या लोकसभा सांसद का चुनाव नहीं लड़ा है। राजस्थान के अलावा वैष्णव के कटक (उड़ीसा) और यादव के महेंद्रगढ़ (हरियाणा) से चुनाव लड़ने की भी चर्चाएं होती रही हैं।
वैष्णव पिछले एक वर्ष से लगातार सक्रिय
रेल मंत्री वैष्णव 19 मार्च 2023 से ही राजस्थान में लगातार सक्रिय रहे हैं। वे 19 मार्च को जयपुर में हुई ब्राह्मण महापंचायत में मुख्य अतिथि थे।
इस बीच उन्होंने राजस्थान में तीन अलग-अलग रूट पर वंदे भारत ट्रेन भी शुरू की। हाल ही उन्होंंने जयपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस भी की। उन्होंने जयपुर के चारों ओर रिंग रेल प्रोजेक्ट की घोषणा भी की।
पिछले सप्ताह उन्होंने जयपुर में भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की और उनके साथ अपने निजी मोबाइल-टेलीफोन नंबर साझा किए। उनके ऐसा करने के बाद पार्टी के भीतर यह चर्चा अब आम है कि वे राजस्थान से चुनाव लड़ सकते हैं।
पिछले लंबे अर्से में किसी केंद्रीय मंत्री ने साधारण कार्यकर्ताओं के साथ ऐसा नहीं किया। वैष्णव आईएएस रहे हैं। साल 2019 से मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में हैं।
विधानसभा चुनावों के दौरान वैष्णव के राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने की भी चर्चाएं जोरों पर थीं। उनका बार-बार राजस्थान आना भी लोगों को चौंका रहा था।
वन मंत्री यादव अलवर से लड़ सकते हैं
केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री अजमेर के रहने वाले हैं। कभी सीधे चुनाव लड़कर विधायक या सांसद नहीं रहे हैं। हालांकि भाजपा ने हमेशा उन्हें बड़ी राजनीतिक-प्रशासनिक जिम्मेदारियां दी हैं। उन्हें वर्ष 2013 में राजस्थान के चुनावी अभियान सुराज संकल्प यात्रा का प्रभारी बनाया गया था। वे उस दौरान तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे के साथ प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर घूमे थे और चुनाव में भाजपा ने 163 सीटें जीती थीं।
उसके बाद यादव लगातार पिछले करीब एक दशक से मोदी के गृह राज्य गुजरात के प्रभारी भी हैं। वे बिहार, यूपी, दिल्ली आदि प्रदेशों में भी महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। यादव को भाजपा राजस्थान से राज्यसभा में भेजा था। अब उनका कार्यकाल पूरा होने वाला है, लेकिन उन्हें दोबारा राज्यसभा में नहीं भेजा गया है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार वे अलवर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। भाजपा अलवर से किसी बड़े यादव चेहरे को ही चुनाव लड़ाना चाहती है। जिससे अलवर से सटे हुए दौसा, भरतपुर, जयपुर ग्रामीण सीटों सहित हरियाणा व यूपी की सीटों पर भी यादव वोटों का लाभ मिल सके।
वर्तमान राजस्थान सरकार में 20 विधानसभा सीटों पर प्रभाव रखने वाले यादव समाज से कोई मंत्री नहीं बनाया गया। ऐसे में केंद्रीय मंत्री यादव को अलवर से टिकट देकर भाजपा इस वर्ग को भी अपने पक्ष में ही रखना चाहेगी।
राजस्थान की 25 में से 6 सीटें बन जाएंगी हाई प्रोफाइल
राजस्थान में लोकसभा चुनाव इस बार हाई प्रोफाइल होने वाले हैं। प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में 6 सीटें हाई प्रोफाइल बन जाएंगी। इनमें एक सीट है कोटा-बूंदी, जहां से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का चुनाव लड़ना लगभग तय है। बिरला के अलावा तीन सीटों पर केंद्रीय मंत्री चुनाव लड़ेंगे। जोधपुर से गजेन्द्र सिंह शेखावत, जैसलमेर-बाड़मेर से कैलाश चौधरी, बीकानेर से अर्जुनराम मेघवाल का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। ऐसे में अब वैष्णव व यादव के भी राजस्थान से चुनाव लड़ने पर कुल 6 सीटें हाई प्रोफाइल हो जाएंगी। राजस्थान में इससे पहले 25 में से अधिकतम 4 सीटों पर ही केंद्रीय मंत्रियोंं ने चुनाव लड़े हैं।
कांग्रेस ने राज्यसभा को बना रखा है हाई प्रोफाइल, एक बार फिर वही कोशिश
कांग्रेस पार्टी सोनिया गांधी को राजस्थान से इसलिए भी राज्यसभा में भेजना चाहती है, क्योंकि इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं का लोकसभा चुनावों के दौरान मनोबल बढ़ेगा। वे फिलहाल रायबरेली (उत्तरप्रदेश) से लोकसभा सांसद हैं। कांग्रेस ने अपने विभिन्न राष्ट्र स्तरीय दिग्गज नेताओं को राज्यसभा से ही संसद में भेजा हुआ है। इनमें से तीन दिग्गज नेता तो राजस्थान से ही हैं। पार्टी को इसका एक मनोवैज्ञानिक लाभ मिलता है। कांग्रेस ने वर्ष 2022 में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के. सी. वेणुगोपाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक को राज्यसभा भेजा था। उससे पहले 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी राजस्थान से ही राज्यसभा भेजा था।
वे अभी राजस्थान से ही राज्यसभा सांसद है। उनका कार्यकाल अप्रेल 2024 में खत्म होने वाला है।
इनके अलावा भी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और कई राज्यों के प्रभारी रहे रणदीप सिंह सुरजेवाला और उत्तरप्रदेश से 9 बार विधायक रहे प्रमोद तिवारी भी राजस्थान से ही राज्यसभा सांसद हैं।