Chiranjeevi Scheme: राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद चिरंजीवी योजना को लेकर आई ऐसी बड़ी खबर
राज्य सरकार चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में मरीजों को नि:शुल्क इलाज मुहैया कराने का दावा कर रही है। जबकि जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। हालात यह है कि जिला अस्पताल तक में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना करीब एक माह से अधिक समय से बंद है।
Chiranjeevi Scheme: राज्य सरकार चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में मरीजों को नि:शुल्क इलाज मुहैया कराने का दावा कर रही है। जबकि जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। हालात यह है कि जिला अस्पताल तक में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना करीब एक माह से अधिक समय से बंद है। इससे अस्पताल को भी लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, योजना का लाभ नहीं मिलने से मरीजों में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
जिला अस्पताल में चिरंजीवी योजना के अंतर्गत 1 मई 2021 से 31 मार्च 2023 तक 59 हजार 506 मरीज उपचार के लिए आए। जबकि एक लाख 25 हजार 94 पैकेज योजना के तहत बुक हुए। इसके एवज में अस्पताल की ओर से 26 करोड़ 12 लाख 87 हजार 477 रुपए का क्लेम किया गया। इस पर बीमा कंपनी की ओर से 25 करोड़ 43 लाख 24 हजार 234 रुपए का भुगतान किया गया। इसी तरह 1 अप्रेल 2023 से 16 दिसंबर 2023 तक योजना के अंतर्गत 32 हजार 598 मरीज इलाज के लिए आए। जबकि 83 हजार 27 पैकेज बुक कर 18 करोड़ 26 लाख 35 हजार 349 रुपए का क्लेम किया गया। इस पर बीमा कंपनी की ओर से पिछली बकाया राशि सहित कुल 19 करोड़ 46 लाख 31 हजार 264 रुपए का भुगतान किया गया। वहीं, अब योजना बंद होने से अस्पताल को मोटा नुकसान हो रहा है।
पुराने अलवर जिले के 107 सरकारी व निजी अस्पताल योजना के अंतर्गत नि:शुल्क इलाज के लिए पंजीकृत हैं। इसमें 54 सरकारी और 53 निजी अस्पताल शामिल हैं। जबकि अलवर शहर के 22 अस्पताल इसमें शामिल हैं। इसके साथ ही जिले के 7 लाख 54 हजार 221 परिवार योजना के तहत पंजीकृत हैं। वहीं, योजना में पंजीयन के लिए पोर्टल भी अभी भी चालू है।
चिरंजीवी योजना के तहत सामान्य अस्पताल में करीब 8 कम्प्यूटर ऑपरेटर लगाए हुए हैं। इसी तरह जनाना अस्पताल में 5 एवं शिशु अस्पताल में 2 कम्प्यूटर ऑपरेटर लगा रखें। जो चिरंजीवी और आरजीएचएस योजना का काम देखते हैं। वहीं, खास बात यह कि अस्पताल में चिरंजीवी योजना एक माह से बंद है। ऐसे में योजना में लगे ऑपरेटर सिर्फ हाजिरी भर कर घर जा रहे हैं।
चिरंजीवी योजना में इलाज के लिए पहले निजी और प्राइवेट अस्पतालों के लिए अलग-अलग नियम थे, लेकिन अब बीमा कंपनी ने सरकारी अस्पतालों के लिए भी निजी अस्पतालों की तरह ही सख्त नियम लागू कर दिए हैं। इसकी लिखित सूचना भी नहीं दी गई। इसको लेकर बीमा कंपनी ने जिला अस्पताल में चिरंजीवी योजना को सस्पेंड कर दिया। हमारी अभी बात चल रही है, जल्द ही चिरंजीवी योजना जिला अस्पताल में फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
– डॉ. कुश कुंदनानी, नोडल अधिकारी, जिला अस्पताल