अवैध बूचडख़ाने का मामला: शहर के एक हजार लोगों का रोजगार उजाडऩे से पहले पुनर्वास की तैयारी
अवैध बूचडख़ाने का मामला: शहर के एक हजार लोगों का रोजगार उजाडऩे से पहले पुनर्वास की तैयारी

टोंक : शहर में अवैध बूचडख़ानों के मामले में जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि इनका शहर के बाहर पुनर्वास होगा, इसके लिए जगह की तलाश की जा रही है। इस संबंध में जयपुर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप शहर में चल रहे अवैध बूचडख़ानों का जिला कलक्टर डॉ. ओमप्रकाश बैरवा व पुलिस अधीक्षक राजर्षिराज ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। इस मौके पर जिला कलक्टर ने कहा कि अवैध बूचडख़ानों के मामले में विधि सम्मत कार्रवाई होगी। स्लाटर हाउस के लिए नई जगह तलाश की जा रही है।
अवैध बूचडख़ाने का मामला: शहर के एक हजार लोगों का रोजगार उजाडऩे से पहले पुनर्वास की तैयारी
शहर में अवैध बूचडख़ानों के मामले में जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि इनका शहर के बाहर पुनर्वास होगा, इसके लिए जगह की तलाश की जा रही है। इस संबंध में जयपुर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप शहर में चल रहे अवैध बूचडख़ानों का जिला कलक्टर डॉ. ओमप्रकाश बैरवा व पुलिस अधीक्षक राजर्षिराज ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। इस मौके पर जिला कलक्टर ने कहा कि अवैध बूचडख़ानों के मामले में विधि सम्मत कार्रवाई होगी। स्लाटर हाउस के लिए नई जगह तलाश की जा रही है।
नियम के तहत मिले संचालन की अनुमति
शहर में अवैध बूचडख़ानों का मामला तूल पकड़ रहा है। वहीं जिला प्रशासन से इनके खिलाफ जेसीबी से सफाया करने की बात भी उठाई जा रही है। ये सही है कि अवैध बूचडख़ाने बंद होने चाहिए। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि शहर की 70 प्रतिशत आबादी मांसाहारी है। ऐसे में यहां बूचडख़ाने होना जायज है, लेकिन नियम के तहत ही इनको संचालन की अनुमति दी जाए।
हटते ही जमीनों के होंगे वारे-न्यारे
अवैध बूचडख़ाने पिछले कई सालों से चल रहे हैं, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही इनको हटाने की मांग अब जोर पकडऩे लगी है। स्लाटर हाउस जहां बना है, वह इस धंधे से जुड़े लोगों की जमीन पर ही है, लेकिन शहर में चर्चा है कि इसके आसपास अन्य लोगों की जमीनें है। वे भी इनको हटाने का प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं। कई भू कारोबारी भी शामिल है। क्योंकि स्लाटर हाउस हटाते ही जमीनों के दाम आसमान पर होंगे। उनके वारे-न्यारे हो जाएंगे।
दुसरे पक्ष के सामने होगा रोजगार का संकट
इसका दूसरा पक्ष भी जाना। ऑल इंडिया जमीयतुल कुरैशी मोहम्मद बादशाह कुरैशी का कहना है कि बूचडख़ानों की तीन सौ दुकानें है। इनसे करीब एक हजार लोगों का रोजगार जुड़ा है। दुकानों का लाइसेंस व एनओसी नहीं मिलने के कारण इन दुकानदारों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
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— जनमानस शेखावाटी (@Jan_Shekhawati) January 5, 2024
इसके बाद प्रशासन मौके पर जांच करने पहुंचा। वहीं स्लाटर हाउस के पुनर्वास की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आदर्श चौधरी, एसडीएम कपिल शर्मा, पुलिस उपधीक्षक सलेह मोहम्मद, नगर परिषद आयुक्त ममता नागर, सीएमएचओ एस.एस अग्रवाल, फूड निरीक्षक सत्यनारायण गुर्जर भी थे।
प्रशासन से यह बोले मीट कारोबारी
मौके पर समाज के जिम्मेदार अजीज कुरैशी व ऑल इंडिया जमीयतुल कुरैश के सचिव मोहम्मद बादशाह कुरैशी ने जिला प्रशासन से कहा कि वे प्रशासन के साथ है। उन्हें नियमानुसार पुर्नवास किया जाए। नए स्लाटर हाउस के लिए उनके पास जमीन है प्रशासन उसकी स्वीकृति दे। ताकि वे नियमानुसार कारोबार कर सके।