[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

कच्ची बस्ती में चल रही निशुल्क एक्स्ट्रा क्लास में पहुंचे जिला कलक्टर बचनेश अग्रवाल


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

कच्ची बस्ती में चल रही निशुल्क एक्स्ट्रा क्लास में पहुंचे जिला कलक्टर बचनेश अग्रवाल

कलक्टर को देख 6 साल के जतिन ने कहा “सर मैं गिनती सुनाऊंगा”, जिला कलक्टर ने की बच्चों की हौंसला अफजाई, शिक्षा विभाग को दिए बच्चों को शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाने के निर्देश

झुंझुनूं : 4 साल की नीलम जब गिनती सुनाते-सुनाते अटक गई, तो 6 साल के जतिन ने हाथ ऊंचा करके कहा- “सर मैं गिनती सुनाऊंगा”। जतिन समेत, सिमरन ईशू, विष्णु ने भी हाथ उठाते हुए कहा कि वे गिनती सुनाएंगे। इन बच्चों का आत्मविश्वास देखकर हर कोई हैरान था। मौका था मोहल्ला व्यापारियान में कच्ची बस्ती में मातृभूमि कल्याण संस्था द्वारा संचालित निशुल्क एक्स्ट्रा क्लासेज के जिला कलेक्टर बचनेश कुमार अग्रवाल द्वारा निरीक्षण का। उन्होंने गुरुवार शाम यहां पढाई कर रहे तकरीबन 70 बच्चों से संवाद किया। गिनती बोलने के दौरान जब कहीं बच्चे अटक जाते, तो जिला कलक्टर ने ‘नाव को मझधार से निकालने’ की तरह खुद भी गिनती बोलकर बच्चों की हौंसला अफजाई की। उन्होंने पास ही कच्ची बस्ती में रह रहे बच्चों के अभिभावकों को भी बुलाया और उनसे बातचीत करते हुए बच्चों को पढ़ाई जारी रखवाने की बात कही।

जिला कलक्टर ने संस्था के नीरज कुलहरी और पंकज सैनी से भी पूरी जानकारी ली। गौरतलब है कि इन बच्चों को विद्यालय समय के अतिरिक्त निशुल्क एक्स्ट्रा क्लासेज में पढ़ाया जा रहा है। जिला कलक्टर ने इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक मनोज ढाका को इन बच्चों के लिए दरी, स्कूल ड्रेस, बोर्ड, किताबें, बैग आदि शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने बताया कि यह नौनिहाल ही देश का भविष्य हैं। इनकी अच्छी शिक्षा का प्रबंध करना हम सबका दायित्व है। जिला कलक्टर से संवाद के दौरान रोहित ने बड़ा होकर कलक्टर बनने की बात कही, तो सिमरन व नैना ने डॉक्टर बनकर देश की सेवा करने की बात कही। बच्चों का हौसला देखकर जिला कलक्टर ने अभिभावकों को कहा कि इन बच्चों को नियमित रूप से स्कूल और एक्स्ट्रा क्लास में भेजें और शिक्षा में सहयोग करें। जिला कलक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इन बच्चों की शिक्षा के लिए नियमित समीक्षा करने के भी निर्देश दिए हैं।

Related Articles