[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

‘सुबह 3 बजे से ड्रम-संगीत के साथ मंदिरों में होती है आरती, क्या उससे नहीं होता शोर?’, मस्जिदों से लाउडस्पीकर्स बैन करने की याचिका पर HC ने पूछा


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
एक्सक्लूसिव रिपोर्टगुजरातटॉप न्यूज़ब्रेकिंग न्यूज़राज्य

‘सुबह 3 बजे से ड्रम-संगीत के साथ मंदिरों में होती है आरती, क्या उससे नहीं होता शोर?’, मस्जिदों से लाउडस्पीकर्स बैन करने की याचिका पर HC ने पूछा

Gujarat High Court on Loudspeakers: मस्जिदों में होने वाली अजान लाउडस्पीकर्स के जरिए दी जाती है. इसके खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई.

Gujarat High Court: लाउडस्पीकर पर देश के कई राज्यों में खूब सियासत हुई है. इसे लेकर कई अदालतों में मुकदमे भी दायर हुए हैं. इस बीच गुजरात हाईकोर्ट में भी एक ऐसी ही जनहित याचिका पहुंची, जिसमें मस्जिदों पर लगाए गए लाउडस्पीकर्स को बैन करने की मांग की गई. अदालत ने मंगलवार (28 नवंबर) को इस याचिका को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से ध्वनि प्रदूषण नहीं होता है.

लेटेस्ट खबरों के लिए फॉलो करे Janmanas Shekhawati News का WhatsApp Channel

गुजरात हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध पी माये की पीठ ने याचिका को पूरी तरह से गलत बताया. पीठ ने कहा कि वे इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि अजान देने वाली इंसान की आवाज ध्वनि प्रदूषण पैदा करने के लिए डेसिबल (शोर का स्तर) की जो स्वीकार्य लिमिट है, उससे ज्यादा कैसे बढ़ जा रही है. इस याचिका को हिंदुत्ववादी संगठन बजरंग दल के एक नेता की तरफ से दायर किया गया था. इस दौरान मंदिरों की आरती का भी जिक्र किया गया.

अदालत ने क्या कहा? 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा, ‘हम इस बात को समझने में असमर्थ हैं कि आखिर कैसे सुबह के वक्त अजान देने वाली इंसान की आवाज उस डेसिबल लिमिट तक पहुंच रही है, जिसे लेकर कहा जा सके कि ये ध्वनि प्रदूषण पैदा कर रही है. इसकी वजह से बड़े पैमाने पर लोगों के स्वास्थ्य पर भी खतरा है.’

इस याचिका को बजरंग दल के नेता शक्तिसिंह जाला ने दायर किया था. उनका दावा है कि लाउडस्पीकर्स के जरिए होने वाली अजान की वजह से ध्वनि प्रदूषण होता है. ये लोगों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है, खासतौर पर बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका सबसे ज्यादा असर है. इससे लोगों को परेशानी भी होती है.

लेटेस्ट खबरों के लिए फॉलो करे Janmanas Shekhawati News का YouTube Channel

अदालत ने मंदिर की आरती पर पूछा सवाल

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा, ‘आपके मंदिरों में सुबह की आरती 3 बजे भोर में ही ड्रम और संगीत के साथ शुरू हो जाती है. तो क्या किसी भी तरह का शोर नहीं करती है? क्या आप कह सकते हैं कि घंटे और घड़ियाल का शोर केवल मंदिर परिसर में ही रहता है? क्या यह मंदिर के बाहर नहीं फैलता है?’ पीठ ने कहा कि वह इस तरह की किसी भी याचिका पर सुनवाई नहीं करेगी. यह वर्षों से चली आ रही चीज है और यह 5-10 मिनट के लिए होती है. सुनवाई के दौरान अदालत ने ये भी कहा कि अजान दिन के अलग-अलग समय पर होती है.

Related Articles