Pushkar Mela 2023: हर महीने लाखों रुपयों का सीमन बेचने वाला करोड़पति भैंसा, आठ साल के अनमोल के हैं 150 बच्चे
Buffalo Of 11 Crores In Pushkar Mela 2023: राजस्थान में अजमेर जिले के पुष्कर में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले की अपनी एक अलग ही पहचान है। इस पुष्कर मेले में देसी-विदेशी सैलानी हर साल घूमने के लिए आते हैं। वहीं, यहां का पशु मेला भी अपनी एक अलग पहचान रखता है।

Pushkar Mela 2023: अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले में हर साल की तरह इस बार भी करोड़ों की कीमत के भैंसे बिकने और ब्रीडिंग के लिए आ चुके हैं। मेले का सबसे बड़ा आकर्षण है भैंसा अनमोल। हरियाणा (सिरसा) से आए इस भैंसे के मालिक ने इसकी कीमत 11 करोड़ लगाई है। उनका दावा है कि अनमोल की देखरेख पर वे हर महीने ढाई से तीन लाख रुपये खर्च करते हैं। हरविंदर का यह भी दावा है कि आठ साल के अनमोल के ब्रीडिंग के जरिए अब तक 150 बच्चे हो चुके हैं।
हरियाणा के सिरसा से आठ साल के अनमोल को लेकर आए हरविंदर सिंह बताते हैं कि 5.8 फीट ऊंचे मुर्रा नस्ल के अनमोल का वजन करीब 1570 किलो है। पिछले साल इसका वजन 1400 किलो था। उन्होंने दावा किया कि अनमोल की खुराक और अन्य खर्चे मिलकर हर महीने 2.50 से तीन लाख रुपये खर्च होते हैं। हरविंदर ने बताया कि इसे रोजाना एक किलो घी, पांच लीटर दूध, एक किलो काजू-बादाम, छोले और सोयाबीन खिलाए जाते हैं। दो लोग हमेशा इसके साथ रहते हैं, जिसकी उन्हें अलग तनख्वाह दी जाती है।
आठ साल के अनमोल के हैं 150 बच्चे
हरविंदर ने दावा किया कि जब पिछली साल अनमोल को लाए थे तो 2.30 करोड़ कीमत आंकी गई थी। लेकिन, बेचने से इनकार कर दिया। इस बार अनमोल की कीमत 11 करोड़ रुपये लगाई है। उन्होंने कहा, अनमोल के सींग जीरो की शेप में हैं। मुर्रा नस्ल की पहचान उसके सींग और आकार से होती है। हरविंदर ने बताया कि अनमोल के बच्चों की अच्छी जेनरेशन रही है। मुख्यत: अनमोल को ब्रीडिंग के लिए यूज करते हैं, अब तक अनमोल के 150 बच्चे हैं।
मुर्रा नस्ल के भैंसे की ज्यादा डिमांड रहती है। इसके सीमन से पैदा होने वाली भैंस का वजन 40 से 50 किलो रहता है। जो वयस्क होने के साथ ही एक बार में 20 से 30 लीटर तक दूध देती है। उन्होंने दावा किया कि महीने भर में अनमोल का आठ लाख का सीमन बेच देते हैं। अनमोल का सीमन एक बार में 250 रुपये में बेचते हैं।
घोड़े से डरता हैं 11 करोड़ का भैंसा
हरविंदर ने बताया कि उनका अनमोल हरियाणा के झज्जर मेले में चैंपियन रह चुका है। इसके साथ ही वह अलग-अलग क्राउन भी जीत चुका है। हरविंदर बताते हैं कि यहां घोड़े भी आए हैं। कई बार घोड़े को देख कर यह डर जाता है और भागने लगता है। इसे शांत करना पड़ता है। उन्होंने कहा, हमारे गांव में घोड़े नहीं है। ऐसे में अनमोल का सामना कभी किसी घोड़े से नहीं हुआ है। उसे देखकर यह डर जाता है। घोड़ा पास में आते ही वह घबरा जाता है और चिल्लाने लगता है। करीब पांच मिनट तक अनमोल को शांत करने का समय लगता है।