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हनुमान बेनीवाल और उनका परिवार RLP को वोट नहीं देगा:दिव्या के खिलाफ कैंडिडेट ही नहीं उतारा; विरोधी बोले- मिलीभगत कर षड्यंत्र रच रहे


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हनुमान बेनीवाल और उनका परिवार RLP को वोट नहीं देगा:दिव्या के खिलाफ कैंडिडेट ही नहीं उतारा; विरोधी बोले- मिलीभगत कर षड्यंत्र रच रहे

हनुमान बेनीवाल और उनका परिवार RLP को वोट नहीं देगा:दिव्या के खिलाफ कैंडिडेट ही नहीं उतारा; विरोधी बोले- मिलीभगत कर षड्यंत्र रच रहे

नागौर : नागौर MP और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल इस बार विधानसभा चुनावों में अपनी खुद की पार्टी (RLP) को वोट नहीं देंगे। उनके छोटे भाई और खींवसर के मौजूदा MLA नारायण बेनीवाल भी RLP को वोट नहीं देंगे। इतना ही नहीं दोनों भाइयों का परिवार भी RLP को वोट नहीं पाएगा।

हनुमान बेनीवाल और उनके छोटे भाई नारायण बेनीवाल प्रदेश की अलग-अलग जगहों पर आयोजित की जा रही RLP की चुनावी सभा व रैलियों में कांग्रेस और बीजेपी को आड़े हाथों ले रहे हैं।

हेलीकॉप्टर लेकर प्रदेश के दौरे कर RLP के लिए जनता से वोट भी मांग रहे हैं। नागौर की खींवसर विधानसभा सीट से हनुमान बेनीवाल RLP प्रत्याशी बनकर भी मैदान में हैं।

आखिर क्यों बेनीवाल और उनका परिवार इस बार RLP को वोट नहीं देगा?

FILE : पैतृक गांव बरणगांव (नागौर ) में जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य के चुनाव में मतदान के बाद हनुमान बेनीवाल।
FILE : पैतृक गांव बरणगांव (नागौर ) में जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य के चुनाव में मतदान के बाद हनुमान बेनीवाल।

खुद खींवसर से चुनाव में, लेकिन परिवार का वोट कहीं और

हनुमान बेनीवाल के खींवसर विधानसभा सीट पर पेश किये नामांकन पत्र के साथ दिए चुनावी हलफनामा बताया है कि उनका वोट फाइनल इलेक्शन वोटर लिस्ट में नागौर विधानसभा क्षेत्र के भाग संख्या 90 में 795 नंबर पर दर्ज है। वे नागौर तहसील के गांव बरणगांव के रहने वाले हैं।

इस लिहाज से हनुमान बेनीवाल का मतदान बूथ नागौर विधानसभा क्षेत्र के बरणगांव में है। भाग संख्या 90 पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बरणगांव के बूथ पर 795 नंबर पर हनुमान बेनीवाल पुत्र रामदेव बेनीवाल का वोट दर्ज है।

797 नंबर पर उनके भाई नारायण बेनीवाल का वोट है। साथ ही हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल और परिवार के अन्य लोगों के वोट भी इसी गांव में हैं।

हनुमान बेनीवाल और उनके परिवार के बरणगांव में अच्छे खासे वोट हैं।
हनुमान बेनीवाल और उनके परिवार के बरणगांव में अच्छे खासे वोट हैं।

नागौर में RLP का प्रत्याशी ही नहीं

नागौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने हरेंद्र मिर्धा और बीजेपी ने ज्योति मिर्धा को चुनाव मैदान में उतारा है। पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान व सुरेंद्र दौतड़ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। अभिनव राजस्थान पार्टी ने यहां मेहराम, बसपा ने भंवराई को उतारा है। वहीं 4 अन्य प्रत्याशी भी निर्दलीय मैदान में हैं।

चौंकाने वाली बात ये है कि हनुमान बेनीवाल की पार्टी RLP (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) ने यहां अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा। हालांकि निर्दलीय चुनाव लड़ रहे दौतड़ खुद को RLP नेता ही बताते हैं।

दौतड़ ने हमें बताया कि वो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सच्चे सिपाही हैं, लेकिन उन्हें हनुमान बेनीवाल ने ये कहकर टिकट नहीं दिया कि अभी तुम्हारी उम्र बहुत छोटी है। बावजूद इसके उन्होंने नागौर के लोगों के हक के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय किया है।

ये संयोग ही है कि खुद की सीट खींवसर और नागौर सीट पर हनुमान बेनीवाल अपनी पार्टी को वोट नहीं कर पाएंगे।
ये संयोग ही है कि खुद की सीट खींवसर और नागौर सीट पर हनुमान बेनीवाल अपनी पार्टी को वोट नहीं कर पाएंगे।

इससे पहले RLP पार्टी के गठन के बाद साल 2018 के चुनावों में RLP ने यहां कांग्रेस के बागी शमशेर खान को टिकट दिया था। उन्हें महज 5372 वोट ही मिल पाए थे।

इस बार नागौर विधानसभा सीट पर RLP का कोई अधिकृत प्रत्याशी मैदान में नहीं होने से इसी सीट के वोटर हनुमान बेनीवाल, नारायण बेनीवाल और उनके परिवार के सदस्य जब 25 नवंबर को अपने बूथ पर वोट देने जाएंगे तो उन्हें ईवीएम मशीन में अपनी पार्टी सिंबल से कोई प्रत्याशी नहीं दिखेगा। ऐसे में वो उसे वोट नहीं दे पाएंगे। उन्हें इसके अलावा किसी अन्य विकल्प को ही चुनना पड़ेगा।

बीजेपी प्रत्याशी ज्योति मिर्धा बोलीं- पहले एक्सपोज हुए, अब गहलोत के साथ षड्यंत्र रच रहे बेनीवाल

नागौर सीट से बीजेपी प्रत्याशी ज्योति मिर्धा ने कहा कि नागौर विधानसभा सीट पर RLP प्रत्याशी नहीं उतारना मुझे हराने के लिए रचा गया हनुमान बेनीवाल का षड्यंत्र है। हालांकि, ये व्यक्तिगत चुनौती भी है कि अगर वो भारतीय जनता पार्टी में आई हैं तो यहां RLP और कांग्रेस को एक संयुक्त प्रत्याशी के साथ आना पड़ा है। इसमें भी मेरे सामने मेरे रिश्तेदार को ही उतारना पड़ा। ऐसे में उनकी ये एक कमजोरी तो जनता के सामने आ ही गई है।

ज्योति मिर्धा बीजेपी के टिकट पर नागौर से विधानसभा चुनाव की प्रत्याशी हैं।
ज्योति मिर्धा बीजेपी के टिकट पर नागौर से विधानसभा चुनाव की प्रत्याशी हैं।

निर्दलीय प्रत्याशी हबीबुर्रहमान बोले- गहलोत और बेनीवाल मिले हुए

नागौर विधानसभा सीट से कांग्रेस के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान ने कहा कि नागौर में हनुमान बेनीवाल की पार्टी RLP और अशोक गहलोत मिले हुए हैं। इसके चलते उनका टिकट काटकर हरेंद्र मिर्धा को दे दिया गया। मिर्धा लगातार हार रहे हैं और जनता से भी दूर हैं।

खींवसर सीट पे अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए ही बेनीवाल ने यहां हरेंद्र मिर्धा को टिकट दिलवा दिया। अब ये खींवसर में उन्हें जितवाएंगे और वो इन्हे नागौर में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि ज्योति मिर्धा भी तो यही कह रही हैं कि कांग्रेस राज में भी नागौर को बेनीवाल ने चलाया है। पुलिस प्रशासन ने लेकर सब जगह उन्होंने जो चाहा वो हुआ है।

हबीबुर्रहमान इस बार निर्दलीय ही चुनाव में उतरे हैं।
हबीबुर्रहमान इस बार निर्दलीय ही चुनाव में उतरे हैं।

ओसियां में भी RLP का प्रत्याशी नहीं, वसुंधरा राजे के सामने भी मैदान खाली

हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने पुरे प्रदेश में 83 विधानसभा सीटों पर टिकट दिए थे, जहां नाम वापसी के बाद अब 77 सीटों पर ही उनके उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं 63 सीटों पर उनके गठबंधन में शामिल आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। RLP और उनके गठबंधन ने सरदारपुरा में अशोक गहलोत, ओसियां में दिव्या मदेरणा और झालरापाटन में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सामने भी कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है।

हालांकि, वो 5 साल तक दिव्या मदेरणा और वसुंधरा राजे पर हमलावर रहे। दिव्या मदेरणा के लिए बेनीवाल ने कहा था कि पिछली बार वो उनकी वजह से ही जीती थीं। दिव्या व उनकी मां लीला मदेरणा ने उनसे मदद मांगी थी तो उन्होंने ओसियां उन्हें जीता दिया था। अब 2023 में वो चुनाव लड़ेंगी तो RLP की ताकत बता देंगे। इसका पलटवार देने के लिए दिव्या भी खींवसर पहुंची थी और कहा था कि वो खींवसर का पॉलिटिकल टेम्प्रेचर नाप रही हैं।

आरएलपी और एएसपी के साथ गठबंधन की कई सीटों पर हनुमान बेनीवाल प्रचार में जुटे हैं।
आरएलपी और एएसपी के साथ गठबंधन की कई सीटों पर हनुमान बेनीवाल प्रचार में जुटे हैं।

बेनीवाल अक्सर अपने भाषणों में कहते हैं कि उन्होंने ही CM अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को लोकसभा चुनाव हरवाया था। बावजूद इसके इस बार के विधानसभा चुनावों में हनुमान बेनीवाल की पार्टी RLP ने सरदारपुरा में अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। इसके अलावा RLP ने किरोड़ीलाल मीणा के सामने सवाई माधोपुर और मांडल में मंत्री रामलाल जाट जैसे कद्दावर नेताओं के सामने भी अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है।

बायतु में उतारा मजबूत प्रत्याशी, पिछली बार मिले थे 43 हजार 900 वोट

हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस के कद्दावर पूर्व मंत्री रहे हरीश चौधरी के बीच 36 का आंकड़ा किसी से छुपा नहीं है। इस बार भी RLP ने यहां उन्हें घेरने के लिए अपने मजबूत प्रत्याशी उम्मेदाराम को उनके सामने टिकट दिया है। पिछले चुनाव में उम्मेदाराम 13 हजार 503 वोटों से हरीश चौधरी के सामने हारे थे। उन्होंने 43 हजार 900 वोट हासिल कर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मौजूदा केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को तीसरे नंबर पर धकेल दिया था।

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