सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ सकेंगे पासबुक:शिक्षा विभाग ने लगाया प्रतिबंध, DEO और स्कूलों को मिले आदेश
सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ सकेंगे पासबुक:शिक्षा विभाग ने लगाया प्रतिबंध, DEO और स्कूलों को मिले आदेश

झुंझुनूं : अब विद्यार्थी रटने की प्रथा से दूर किए जाएंगे। सरकारी स्कूलों में पासबुकों से पढ़ाई नहीं करवाई जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी झुंझुनूं की ओर से पाठ्यपुस्तक के प्रश्न हल करने और चंद दिनों में पढ़ाई कर परीक्षा में पास होने का आधार रही पासबुक अब सरकारी स्कूलों की पढ़ाई के काम नहीं ली जाएगी।
विद्यार्थियों को केवल पास होने के लिए पासबुक से उत्तर करने के बजाय, अब विषय को समझना और विस्तृत रूप से पढ़ना होगा। शिक्षा विभाग ने यह कदम शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए उठाया है। स्कूल में अगर किसी टीचर या विद्यार्थी के पास पासबुक मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी मनोज ढाका ने बताया कि जिले की सभी सरकारी स्कूलों में अब पासबुक के माध्यम से पढ़ाई नहीं होगी। अगर कोई विद्यार्थी और शिक्षक सरकारी स्कूल में पासबुक के माध्यम से पढ़ाई करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों में पासबुक के माध्यम से पढ़ाई करवाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
विद्यार्थियों की सोच और समझ हो रही कम
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। राज्य के सभी उप निदेशकों, संयुक्त निदेशकों और सरकारी माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को इसके बारे में सूचना दी गई है। यह आदेश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने किए हैं। परिषद का मानना है कि पासबुक से पढ़ाई करने के कारण बच्चों में रटने की आदत डाल रहे हैं। रटने की आदत धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। इससे विद्यार्थी विषय को पूरी तरह समझ ही नहीं पाते हैं। इससे सोच और समझ में प्रभावित हो रही है।
गैर सरकारी स्कूलों के लिए कोई आदेश नहीं
शिक्षा निदेशालय के इस आदेश में राज्य के सरकारी स्कूलों में पासबुक पर पाबंदी लगाई गई है, लेकिन गैर सरकारी स्कूलों को लेकर जिक्र नहीं किया गया है। ऐसे में यह असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि गैर सरकारी स्कूलों में पासबुक उपयोग में ली जा सकेंगी या नहीं।