नीमकाथाना जिला अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा नहीं:महीने का मिलता है 10 यूनिट ब्लड, एक दिन की भी पूरी नहीं होती जरूरत
नीमकाथाना जिला अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा नहीं:महीने का मिलता है 10 यूनिट ब्लड, एक दिन की भी पूरी नहीं होती जरूरत

नीमकाथाना : नीमकाथाना प्रदेश के उन टॉप जिलों में शुमार है, जहां सबसे ज्यादा रक्तदान करने वाले लोग रहते हैं। औसतन हर साल यहां 3 हजार यूनिट से ज्यादा रक्तदान होता है, लेकिन यहां ब्लड बैंक नहीं होने से जब यहां के लोगों को जब ब्लड की जरूरत होती है तो उन्हें सीकर, जयपुर, चौमूं या कोटपूतली से ब्लड लाना पड़ता है।
नीमकाथाना के जिला कपिल अस्पताल में ब्लड बैंक नहीं होने से घायलों, प्रसूताओं और अन्य ऑपरेशन वाले मरीजों, थेलेसीमिया पीड़ितों, डायलिसिस वाले मरीजों को बड़ी परेशानी हो रही है। मरीजों के परिजनों को एक यूनिट ब्लड खरीदने के लिए जाने-आने की दूरी जोड़े तो जयपुर 120 किमी, चौमूं 85 किमी, सीकर 90 किमी और कोटपूतली 55 किमी होती है, जहां निजी ब्लड बैंकों में एक यूनिट ब्लड की रेट 1500 से 1600 रुपए है। बस, ऑटो किराया अलग और पूरा एक दिन खर्च हो जाता है। ब्लड आता है, तब तक मरीजों की जान हलक में रहती है।
हालत यह हैं कि सीकर का एसके अस्पताल महीने में 10 यूनिट ब्लड देता है, जो एक दिन की जरूरत जितना भी नहीं है। जिला अस्पताल में हर महीने 62 से 65 हजार मरीज आते हैं जो सीकर संभाग मुख्यालय के सबसे बड़े एसके अस्पताल से भी कहीं ज्यादा हैं। रक्तदान में प्रदेश स्तर पर सम्मानित शहर की हनुमान सेवा समिति ही हर साल 2000 यूनिट के करीब रक्तदान करवाती है। इसके अलावा शहर और जिले के अन्य कस्बों में भी कई संगठनों द्वारा ब्लड डोनेशन होता है।
जिला कपिल अस्पताल में एक ब्लड स्टोरेज सेंटर है, जिसे महीने का 10 यूनिट ब्लड मिलता है। उसमें भी ब्लड की सभी आठ में से तीन ही कैटेगरी A, B, O+ ही उपलब्ध है। तीनों कैटेगरी का भी एक-एक, दो-दो यूनिट ही उपलब्ध रहता है, जो बेहद इमरजेंसी, क्रिटिकल हालत में प्रसूताओं के लिए रिजर्व रहता है।
जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ सुमित गर्ग का कहना हैं कि ब्लड बैंक के लिए डायरेक्टर लेवल पर परमिशन के लिए लिखा हुआ है। जिला अस्पताल नए भवन में शुरू होने पर परमिशन आ सकती है। एमसीएच का काम पूरा होने वाला है। संभव है कि उस वक्त भी उपकरण और ब्लड बैंक की परमिशन भी मिल जाए।