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पड़ोसी की सरकारी नौकरी छीनने के लिए भाई का मर्डर:बहन को था कुचलने का प्लान, जीजा ने रोका तो भाई बोला- मुझ पर चढ़ा दो ट्रैक्टर


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पड़ोसी की सरकारी नौकरी छीनने के लिए भाई का मर्डर:बहन को था कुचलने का प्लान, जीजा ने रोका तो भाई बोला- मुझ पर चढ़ा दो ट्रैक्टर

पड़ोसी की सरकारी नौकरी छीनने के लिए भाई का मर्डर:बहन को था कुचलने का प्लान, जीजा ने रोका तो भाई बोला- मुझ पर चढ़ा दो ट्रैक्टर

भरतपुर : ट्रैक्टर से अपने भाई को रौंदते हुए का दिल दहलाने वाला वीडियो जिसने भी देखा उसकी रूंह कांप गई। इस नृशंस हत्याकांड के पीछे की वजह पहले जमीनी और फिर रास्ते के विवाद को बताया गया, लेकिन अब कुछ और ही डरावना सामने आ रहा है। बुधवार को भरतपुर के अड्‌डा गांव में एक भाई ने अपने बड़े भाई को महज इसलिए मार डाला क्योंकि वो इसके इल्जाम में अपने पड़ोसी और उसके परिवार को फंसाना चाहता था।

दोनों परिवारों में दुश्मनी इस बात की थी कि पड़ोसी के बेटे सरकारी नौकरी लग गए थे और वो उन्हें ताने मारते थे। क्या कोई पड़ोसी को केस में फंसाने के लिए अपने भाई की हत्या कर सकता है?

घटना के ऐसे ही छुपे हुए पक्षों को जानने के लिए मीडिया टीम अड्‌डा गांव पहुंची, जहां ये हत्याकांड सामने आया।

ये वीडियो बहादुर के परिवार के ने ही बनाया था। परिवार के लोगों ने पुलिस के सामने झूठी कहानी भी बनाई।
ये वीडियो बहादुर के परिवार के ने ही बनाया था। परिवार के लोगों ने पुलिस के सामने झूठी कहानी भी बनाई।

पढ़िए पूरी ग्राउंड रिपोर्ट…

भरतपुर जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर 800 घरों की आबादी वाला गांव अड्डा गुर्जर बाहुल्य है। मीडिया टीम जब गुरुवार को पहुंची तो गांव में सन्नाटा पसरा था, स्कूल बंद पड़े थे। जिन पड़ोसियों अतर सिंह और बहादुर सिंह गुर्जर के परिवारों में विवाद था उनके घर के बाहर पुलिस का पहरा था। घर में सिर्फ महिलाएं और बच्चे ही मौजूद थे। जिसकी हत्या हुई (निरपत) और जिसने हत्या की (दामोदर) दोनों ही अतर सिंह के बेटे हैं।

जिस जमीन विवाद का हवाला दिया गया, उसकी क्या है सच्चाई

पुलिस के पहरे के बीच अड्‌डा गांव के कुछ लोग भी इसी हत्याकांड के बारे में चर्चा कर रहे थे। एक ने बताया- दरअसल, रास्ते का कोई झगड़ा था ही नहीं। रास्ता तो सरकारी है। अतर सिंह और बहादुर सिंह के घर पास-पास हैं। दोनों पक्षों का अपने-अपने खेत जाने का रास्ता एक ही है। दोनों एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते।

बहादुर सिंह गुर्जर के दो बेटे हैं दिनेश (26) और हनुमंत (24)। हनुमंत की 20 दिन पहले ही सरकारी टीचर की नौकरी लगी थी। दिनेश इससे पहले सरकारी टीचर बन गया था। दिनेश की शादी हो चुकी है दो बच्चे हैं।

उधर अतर सिंह के चार बेटे हैं। सबसे बड़ा बेटा निरपत (30 साल) जिसका मर्डर हुआ। निरपत खेतीबाड़ी करता था। दूसरा बिज्जो (28) गुजरात में मजदूरी करता है। तीसरा विनोद (25) और चौथा दामोदर (21) दोनों ही ट्रैक्टर चलाते हैं।

इसी जगह दामोदर ने अपने बड़े भाई निरपत पर ट्रैक्टर चढ़ाकर उसे मौत के घाट उतार दिया था।
इसी जगह दामोदर ने अपने बड़े भाई निरपत पर ट्रैक्टर चढ़ाकर उसे मौत के घाट उतार दिया था।

तानों से शुरु हुआ विवाद

नाम नहीं छापने की शर्त पर गांव के ही एक व्यक्ति ने बताया कि दोनों परिवारों की आपस में बनती नहीं थी। बहादुर के बेटों की सरकारी नौकरी लग गई थी, लेकिन निरपत समेत अतर सिंह के चारों बेटों में कोई भी एग्जाम क्लियर नहीं कर पाया था।

उन्होंने बताया कि अड्डा गांव के युवा की सरकारी नौकरी लगना स्टेट्स सिंबल माना जाता है। इसी को लेकर बहादुर सिंह और उसके परिवार के लोगों ने कई बार ताने दिए थे। दोनों पक्षों में कई बार मारपीट भी हुई। खेत जाते समय 5 दिन पहले भी दोनों पक्ष भिड़ गए थे।

मामला इतना बढ़ गया था कि अतर सिंह का परिवार बयाना थाने पहुंचा और बहादुर सिंह और उनके पक्ष के लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। आरोप लगाया कि बहादुर के बेटे दिनेश और हनुमत ने परिवार के लोगों पर हमला कर दिया।

दामोदर (ब्लैक टी शर्ट में) पुलिस की गिरफ्त में है। जबकि विनोद को पुलिस ने हिरासत में लिया। विनोद ने ही पुलिस को झूठी शिकायत देकर बहादुर के बेटों पर जान से मारने का आरोप लगाया था।
दामोदर (ब्लैक टी शर्ट में) पुलिस की गिरफ्त में है। जबकि विनोद को पुलिस ने हिरासत में लिया। विनोद ने ही पुलिस को झूठी शिकायत देकर बहादुर के बेटों पर जान से मारने का आरोप लगाया था।

बुधवार सुबह दोबारा झगड़ा, यही से बनी झूठे मर्डर की कहानी

20 अक्टूबर के झगड़े के बाद बयाना पुलिस ने दोनों परिवारों को पाबंद कर दिया था। गांव के ही एक व्यक्ति ने बताया अतर सिंह और उसके बेटे बहादुर सिंह और उसके बेटों के खिलाफ मजबूत केस बनाना चाहते थे। उन्हें मर्डर या जानलेवा हमले के मामले में फंसाना चाहते थे।

बुधवार सुबह 8 बजे अतर सिंह और बहादुर सिंह के परिवार के लोग फिर आमने सामने हो गए थे। एक दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। पथराव भी किया गया जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं। इस मारपीट के बाद अतर सिंह का बेटा निरपत तैश में आ गया।

दामोदर (अतर सिंह का बड़ा बेटा) भी बहादुर पक्ष के लोगों पर मजबूत पुलिस केस लगाने के लिए तैयार था। इन दोनों के तीसरे भाई विनोद का ट्रैक्टर घर के बाहर खड़ा था। प्लान बनाया गया कि ट्रैक्टर चलाकर इतना घायल करेंगे कि लगेगा जान से मारने की कोशिश की गई।

इस घटना के बाद अतर सिंह के परिवार जानलेवा हमले का झूठा आरोप लगाते हुए हॉस्पिटल पहुंच गए थे और वहां एडमिट हो गए।
इस घटना के बाद अतर सिंह के परिवार जानलेवा हमले का झूठा आरोप लगाते हुए हॉस्पिटल पहुंच गए थे और वहां एडमिट हो गए।

बहन पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्लान था, जीजा की वजह से बची

अतर सिंह का परिवार तय कर चुका था कि बहादुर के बेटों को कैसे भी फंसाया जाए। ताकि इन्हें सजा भी हो जाओ और सरकारी नौकरी भी चली जाए। इसलिए बेटों ने पहले पीहर आई बहन रेखा को ट्रैक्टर से रौंदकर उसे घायल करने का प्लान बनाया।

दामोदर ट्रैक्टर लेकर बहन की तरफ बढ़ भी चुका था, लेकिन उसके ​हाथ में बच्चा देख वहां मौजूद उसके पति खेम सिंह ने दामोदर को रोक दिया। तभी बड़ा भाई निरपत जमीन पर लेट गया और बोला- मुझ पर ट्रैक्टर चढ़ा दे। छोटे भाई ने 8 बार ट्रैक्टर से रौंद कर बड़े भाई का मर्डर कर दिया।

ये बहादुर सिंह का घर है। घटना के बाद से बहादुर फरार है और अब यहां सन्नाटा पसरा हुआ है।
ये बहादुर सिंह का घर है। घटना के बाद से बहादुर फरार है और अब यहां सन्नाटा पसरा हुआ है।

गांव में माहौल बनाने की कोशिश बहादुर के बेटों ने मारा

बयाना ASP ओम प्रकाश किलानिया ने बताया कि बुधवार सुबह दोनों पक्षों के झगड़े के बाद बहादुर पक्ष पीछे हट गया था। इसके बाद दामोदर ने ट्रैक्टर स्टार्ट कर अपने भाई को रौंदा तो बहादुर पक्ष के लोगों ने वीडियो बना लिया था। वीडियो में दिख रहे सभी लोग निरपत (मृतक) के पक्ष के ही हैं।

निरपत को रौंदते समय सभी लोगों ने गांव में ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की, कि बहादुर पक्ष के लोगों ने निरपत पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया। दामोदर ने भी वारदात के बाद शर्ट को घर में ले जाकर छुपा दिया, जिसे बरामद कर लिया गया है।

जब अतर पक्ष के लोगों ने देखा कि बहादुर पक्ष के लोग घटना का वीडियो बना रहे हैं। तब अतर सिंह पक्ष की महिलाएं उन्हें वीडियो बनाने से रोकने लगीं। उन्होंने वीडियो बनाना बंद नहीं किया तो अतर सिंह पक्ष महिलाओं ने पथराव भी किया। हत्या के लाइव वीडियो में यह घटना भी कैद हो गई। पुलिस ने उस वीडियो के आधार पर ही सबूत जुटाए हैं।

अतर सिंह का मकान भी सुनसान है। परिवार के लोग हॉस्पिटल में है और बाकी दो पुलिस की गिरफ्त में।
अतर सिंह का मकान भी सुनसान है। परिवार के लोग हॉस्पिटल में है और बाकी दो पुलिस की गिरफ्त में।

बयान दिया- बहादुर के बेटे ने मर्डर किया

ट्रैक्टर चढ़ाने से निरपत की मौत हो चुकी थी। ट्रैक्टर चलाने वाला उसका भाई दामोदर ही था। लेकिन जब पुलिस मुकदमा दर्ज कर रही थी तब विनोद ने बयान में बताया कि- सुबह मैं ट्रैक्टर लेकर खेत में जा रहा था। तभी बहादुर पक्ष के लोगों ने मकान पर चढ़कर पथराव कर दिया।

मैं घबराकर वापस घर आ गया। इस बीच बहादुर पक्ष के लोग लाठी-डंडे लेकर हमारे घर में घुस आए और मारपीट की। बहादुर के दोनों बेटे दिनेश और मुनेश ने मेरे भाई निरपत को उठाकर ट्रैक्टर के आगे पटक दिया। हनुमत सिंह ने मेरा ही ट्रैक्टर निरपत पर चढ़ा दिया।

मर्डर करने बाद हॉस्पिटल में एडमिट हुआ दामोदर

भाई पर ट्रैक्टर चढ़ाने के बाद दामोदर बुधवार सुबह बयाना अस्पताल पहुंच कर एडमिट हो गया। उसने कहा कि पड़ोसी बहादुर सिंह पक्ष ने उन पर हमला कर दिया। उधर, बहादुर पक्ष ने निरपत की हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। इसके बाद बयाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।

बहादुर सिंह की पत्नी निर्मला ने मीडिया रिपोर्टर को बताया कि निरपत को उसके भाई ने धक्का देकर जमीन पर गिराया था। गलती से एक बार ट्रैक्टर चढ़ जाता है, दो बार चढ़ जाता है। लेकिन 8 बार उसके भाई ने ट्रैक्टर चढ़ाया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि वह निरपत के मर्डर का इल्जाम हमारे परिवार पर लगा सकें। जिससे हमारा परिवार गांव छोड़कर चला जाए।

निर्मला ने बताया कि यह लोग हमसे इस बात की रंजिश रखते हैं क्योंकि हमारे दो बच्चे सरकारी टीचर बन गए हैं। हमारा रास्ते को लेकर कोई विवाद नहीं है। बुधवार की सुबह भी निरपत का भाई काम पर जाने से पहले हमारे परिवार को गालियां देकर गया था। हमारा पूरा परिवार रहता है और जबकि अतर सिंह का अकेला मकान है। निर्मला ने आरोप लगाया कि दामोदर नशा करता है।

अतर सिंह और उसका परिवार हॉस्पिटल में इसलिए एडमिट हो गया कि वे सारा दोष बहादुर के परिवार पर डाल दे। हालांकि बहादुर के परिवार के लोगों ने भी इनके साथ सुबह पहले मारपीट की थी।
अतर सिंह और उसका परिवार हॉस्पिटल में इसलिए एडमिट हो गया कि वे सारा दोष बहादुर के परिवार पर डाल दे। हालांकि बहादुर के परिवार के लोगों ने भी इनके साथ सुबह पहले मारपीट की थी।

पुलिस को गुमराह करते रहे निरपत के परिजन

बयाना SHO जयप्रकाश परमार ने बताया- बुधवार की वारदात के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो निरपत के परिजनों ने हत्या का आरोप बहादुर पक्ष के लोगों पर लगाया। लेकिन पुलिस के पास भी वीडियो पहुंच चुका था। हमने उस वीडियो को गौर से देखा तो दामोदर पर शक हुआ। गांव के लोगों से भी बात की।

वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि ट्रैक्टर चलाने वाले ने काली पैंट पहने रखी थी। अस्पताल में एडमिट हुए दामोदर ने शर्ट चेंज कर ली थी, लेकिन पैंट बदलना भूल गया। पुलिस ने सबसे पहले यही सबूत जुटाया। शर्ट दामोदर के घर से बरामद कर ली। ग्रामीण की गवाही पर दामोदर को गिरफ्तार कर लिया।

दामोदर ने पुलिस के सामने कबूला जुर्म

थानाधिकारी जयप्रकाश परमार ने बताया कि दामोदर से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि बहादुर सिंह के लोग उनसे पहले मारपीट कर चुके थे, जब वो लोग दोबारा हमें मारने आ रहे थे, तभी वहां ट्रैक्टर खड़ा था। मुझे ये पता नहीं था कि मेरा भाई इसके नीचे है, मुझसे गलती से ट्रैक्टर चढ़ गया और भाई की मौत हो गई। दामोदर जुर्म कबूल कर चुका है और फिलहाल बयाना पुलिस की कस्टडी में है।

ये बहादुर सिंह की पत्नी निर्मला। वह बता रही है कि कैसे मामूली झगड़े से बात बढ़ी और अतर सिंह के परिवार ने अपना बेटा खो दिया।
ये बहादुर सिंह की पत्नी निर्मला। वह बता रही है कि कैसे मामूली झगड़े से बात बढ़ी और अतर सिंह के परिवार ने अपना बेटा खो दिया।

इस झगड़े में करीब 11 लोग घायल हुए हैं। घायलों में बहादुर पक्ष के बहादुर सिंह (55) पुत्र हाकिम गुर्जर, 56 साल का जनक सिंह (बहादुर का भाई), 43 साल का दरब सिंह (बहादुर का भाई) और अतर सिंह पक्ष के अतर सिंह (62) पुत्र सन्नी गुर्जर, 26 वर्षीय शांति (निरपत की पत्नी), 32 वर्षीय लालो पत्नी विनोद (अतर की पुत्रवधू), रेखा (निरपत की बहन) पत्नी थान सिंह, देवेश (2) पुत्र खेम सिंह, पीयूष (4) पुत्र निरपत शामिल हैं।

गांव में क्यूआरटी (क्विक रेस्पॉन्स टीम) को तैनात किया गया है। अब भी दोनों परिवार के कुछ लोग फरार है।
गांव में क्यूआरटी (क्विक रेस्पॉन्स टीम) को तैनात किया गया है। अब भी दोनों परिवार के कुछ लोग फरार है।

फिलहाल इस मामले में अतर सिंह, विनोद की पत्नी लालो, निरपत की बहन रेखा अस्पताल में भर्ती हैं। अतर सिंह का बेटा विनोद और बहादुर के बेटे जनक और दिनेश पुलिस हिरासत में हैं। दामोदर को पुलिस ने गिरफ्तार की हुआ है। बहादुर और उसका छोटा भाई अस्पताल में भर्ती हैं। बाकी फरार हैं।

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