नरेगा का नाम बदलने के विरोध में सीकर में माकपा का प्रदर्शन
जिला कलेक्ट्रेट पर बिल की प्रतियां जलाकर जताया विरोध
जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत
सीकर : नरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) का नाम बदलने के केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की ओर से सीकर जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया गया।
माकपा कार्यकर्ताओं ने ढाका भवन से रैली निकालकर कल्याण सर्किल होते हुए जिला कलेक्ट्रेट तक मार्च किया। कलेक्ट्रेट पहुंचने पर पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की तथा नरेगा संशोधन से जुड़े बिल की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया।
इस विरोध प्रदर्शन में सीटू, अखिल भारतीय किसान सभा तथा माकपा से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। आंदोलन का नेतृत्व माकपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद अमराराम ने किया। उनके साथ पूर्व विधायक पेमाराम, किशन पारीक, रामरतन बगड़िया सहित अनेक स्थानीय नेता उपस्थित रहे।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि नरेगा का नाम बदलना गरीब और श्रमिक विरोधी कदम है। यह योजना ग्रामीण मजदूरों की आजीविका से सीधे जुड़ी हुई है और इसे किसी राजनीतिक उद्देश्य से बदलना जनता के हितों के साथ अन्याय है।
सांसद अमराराम ने कहा कि मनरेगा को महात्मा गांधी के नाम से जोड़ा गया था, ताकि यह गांवों की आत्मनिर्भरता और श्रमिक सम्मान की पहचान बने। उन्होंने आरोप लगाया कि नाम बदलने का प्रयास इस भावना को कमजोर करने की साजिश है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों के अधिकारों से जुड़ी योजनाओं को कॉरपोरेट हितों में ढालना चाहती है।
माकपा नेताओं ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह नरेगा संशोधन बिल को तुरंत वापस ले तथा ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को उसके मूल स्वरूप में कायम रखे।
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