पुलिस की उदासीनता से हुई बड़ी वारदात बदमाशों की लिखित शिकायत देने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्यवाही, एक से डेड करोड़ का हुआ नुकसान
पेट्रोल डालकर वर्कशॉप में लगाई आग, 18 कारें जलकर खाक:5 दिन पहले की थी तोड़फोड़, शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
झुंझुनूं : झुंझुनूं में शहर के चूरू बाइपास इलाके में शनिवार रात उस समय दहशत फैल गई, जब बदमाशों ने मन्नत मोटर्स नामक वर्कशॉप में घुसकर पेट्रोल छिड़क आग लगा दी। करीब 10 बजे हुई इस वारदात में वर्कशॉप में मरम्मत के लिए खड़ी 18 कारें देखते ही देखते आग की लपटों में घिर गईं। आग इतनी तेज भड़की कि 2 किलोमीटर दूर तक धुआं नजर आ रहा था और पूरे क्षेत्र में धमाकों की गूंज सुनाई देती रही। लोग घरों से निकल आए और देखते ही देखते चूरू बाइपास का पूरा इलाका पुलिस-दमकल और लोगों की भीड़ से भर गया।
यह आगजनी किसी अचानक हुई घटना का नतीजा नहीं थी। दरअसल 5 दिन पहले इसी वर्कशॉप और पास के होटल में तोड़फोड़ हुई थी। संचालक ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज सहित शिकायत दी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद बदमाशों ने उसी वारदात को बड़ा रूप देते हुए वर्कशॉप में आग लगा दी। संचालक और पूरे इलाके की दर्दनाक रात के कई सवाल पुलिस पर खड़े कर रही है।
इन फोटोज में देखिए आगजनी की घटना…




रात 10 बजे वर्कशॉप में उठीं आग की लपटें
मन्नत मोटर्स वर्कशॉप के संचालक, वार्ड 2 आजम नगर निवासी नासिर राठौड़ ने बताया कि वह शाम साढ़े 7 बजे वर्कशॉप बंद करके घर चले गए थे। रात करीब 10-साढ़े 10 बजे पड़ोसियों ने फोन कर बताया कि वर्कशॉप में से आग की लपटें उठ रही हैं। नासिर जब मौके पर पहुंचे तो नजारा उनके होश उड़ गए। पूरी वर्कशॉप धधक रहा था, अंदर खड़ी सभी गाड़ियां आग की चपेट में थीं, और लगातार धमाकों की आवाजें चारों ओर दहशत फैला रही थीं।
3 दमकलों ने 5 फेरे लगाकर डेढ़ घंटे में पाया काबू
आग फैलने का बड़ा कारण गाड़ियों में भरा पेट्रोल और डीजल बना। जैसे-जैसे टैंक फटते गए, आग और विकराल होती चली गई। आग की विशालता के कारण लोग पास भी नहीं जा पा रहे थे। पुलिस को सूचना दी गई और नगर परिषद की दमकल पहुंची, लेकिन आग इतनी ज्यादा फैल चुकी थी कि उस पर काबू करने में 3 दमकलों को डेढ़ घंटे के 5 फेरे लगाने पड़े।
सीसीटीवी फुटेज में दिखे हमलावर
घटना के बाद सामने आए फुटेज में साफ दिख रहा है कि बदमाश वर्कशॉप में घुसे, गाड़ियों के शीशे तोड़े और पेट्रोल छिड़क आग लगा दी। उनकी हरकतें बता रही थीं कि वे किसी पुरानी रंजिश को अंजाम देने आए थे। संचालक नासिर का कहना है कि फुटेज में दिख रहे आरोपी वही हैं, जिन्होंने 5 दिन पहले तोड़फोड़ की थी।
पांच दिन पहले भी पेट्रोल बम फेंके थे
नासिर ने बताया कि 24 नवंबर की रात करीब 11 बजे चूरू बाइपास निवासी अनिल कुमावत और उसके साथियों ने वर्कशॉप के बाहर खड़ी कार में तोड़फोड़ की थी। उस रात बदमाशों ने बोतल में पेट्रोल भरकर पेट्रोल बम भी फेंका था, लेकिन संयोग से आग नहीं लगी। सीसीटीवी फुटेज में अनिल कुमावत साफ नजर आया था। अगले ही दिन, 25 नवंबर को नासिर ने कोतवाली में रिपोर्ट दे दी, आरोपियों के नाम स्पष्ट बताए और सबूत भी सौंपे।
उसी रात मन्नत होटल में भी तोड़फोड़ की गई। वहां भी पेट्रोल बम फेंका गया, लेकिन आग नहीं लगी। होटल संचालक सोयब इकबाल ने भी 25 नवंबर को रिपोर्ट दी थी और फुटेज उपलब्ध कराए थे। लेकिन कोई पुलिस कार्रवाई नहीं हुई। शिकायतकर्ताओं के अनुसार, इसी लापरवाही का परिणाम यह हुआ कि बदमाशों का हौसला बढ़ गया और उन्होंने आगजनी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया।

जमीन विवाद की रंजिश से जुड़ा मामला
पूरे घटनाक्रम के पीछे जमीन से जुड़े विवाद की बात सामने आ रही है। नासिर और उनके कुछ साथियों की अनिल कुमावत व अन्य लोगों से पुरानी रंजिश चल रही है। पिछले कुछ महीनों से दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ता गया। कई बार कहासुनी की घटनाएं भी हुईं। 24 नवंबर की रात की तोड़फोड़ इसी विवाद की कड़ी मानी जा रही है। अब वर्कशॉप को आग लगाना इसी विवाद को हिंसक रूप देने जैसा दिख रहा है।
“आग लगा देंगे” की धमकी भी मिली थी
मन्नत होटल के संचालक सोयब इकबाल ने बताया कि घटना से तीन-चार दिन पहले ही अशोक कुमावत नामक युवक ने धमकी दी थी—“होटल में आग लगा दूंगा।” इस धमकी की शिकायत उन्होंने पुलिस में लिखित रूप में दी थी, लेकिन किसी ने उनकी बात गंभीरता से नहीं ली। सोयब कहते हैं कि अगर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर ली होती तो वर्कशॉप में आग लगने की नौबत नहीं आती।
इलाके में अफरा-तफरी, लोग रातभर रहे सहमे
आग फैलते ही वर्कशॉप के आसपास के घरों तक धुआं भर गया। कई लोगों ने अपने घरों से कीमती सामान निकालकर सड़क पर रख दिया, कहीं आग उधर न फैल जाए। धमाके लगातार होते रहे, जिससे लोग दहशत में थे। बच्चे डर गए, महिलाएं घरों से बाहर निकल आईं। दो घंटे तक माहौल ऐसा रहा, मानो कोई बड़ा हादसा पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले सकता है।
लगातार फट रहे टायरों, टूट रहे कांच और फट रहे फ्यूल टैंकों की आवाजें दूर-दूर तक सुनी गईं। दमकलकर्मियों ने भी अपनी जान जोखिम में डालते हुए आग पर काबू पाया।
वर्कशॉप का पूरा ढांचा खाक
- वर्कशॉप की टिन शेड पिघल चुकी थीं
- अंदर खड़ी 18 कारें राख के ढेर में तब्दील थीं
- औजार, मशीनें और सामान पूरी तरह जल चुका था
- दीवारों पर सिर्फ काले धुएं की मोटी परत बची थी
नासिर बताते हैं कि वर्कशॉप में खड़ी गाड़ियों में से कई महंगी कारें थीं, जिनमें मरम्मत का काम चल रहा था। ये ग्राहकों की गाड़ियां थीं, जिनकी जिम्मेदारी वर्कशॉप की थी। अब नुकसान कई लाख रुपए से भी अधिक का है।

पुलिस पर उठाए सवाल
दोनों घटनाओं- 24 नवंबर की तोड़फोड़ और 29 नवंबर की आगजनी- के बीच पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में है। संचालक का आरोप है कि उन्होंने फुटेज सहित रिपोर्ट दी थी, लेकिन पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज करने में तेजी दिखाई और न आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की। जबकि फुटेज में आरोपी साफ दिखाई दे रहे थे और उनकी पहचान भी स्पष्ट थी।
आरोपी युवक पर पहले भी कई मामले दर्ज
पुलिस फिलहाल दोनों पक्षों के बीच पुराने विवाद को मुख्य वजह बता रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी युवक के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। इसके बावजूद 24 नवंबर की शिकायत पर ठोस कार्रवाई नहीं होने से घटना और गंभीर हो गई।
घटना को लेकर लोगों आक्रोश
घटना के बाद लोगों में गुस्सा साफ नजर आया। कई लोगों का कहना था कि शहर में लगातार गैंग जैसी हरकतें बढ़ रही हैं। कभी तोड़फोड़, कभी फायरिंग और अब पेट्रोल बम फेंककर आगजनी। इससे पहले ऐसी घटनाएं झुंझुनूं में कम ही सुनाई देती थीं। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि शहर में पेट्रोलिंग बढ़ाने की जरूरत है, खासकर बाइपास इलाकों में जहां रात को आवाजाही कम होती है और बदमाशों को मौका मिल जाता है।
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