खंडेला में बाड़े में घुसा लेपर्ड:महिला घास लेने गई थी, चमकती आंखें देखी तो डरकर भागी; ट्रेंकुलाइज के लिए जयपुर से बुलाई टीम
खंडेला में बाड़े में घुसा लेपर्ड:महिला घास लेने गई थी, चमकती आंखें देखी तो डरकर भागी; ट्रेंकुलाइज के लिए जयपुर से बुलाई टीम
जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत
सीकर : सीकर में एक घर में लेपर्ड घुस गया। महिला चारा लेने गई तो बाड़े में बने टीनशेड के कमरे में सोता हुआ मिला। महिला दौड़ी और आस-पास के लोगों को जानकारी दी। सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। मामला खंडेला उपखंड के जाजोद थाना क्षेत्र के बस्सी गांव में गुरुवार सवेरे करीब 8 बजे का है। लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज करने के लिए जयपुर से टीम को बुलाया गया। करीब 20 मिनट की मशक्कत के बाद दोपहर करीब सवा 2 बजे लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज कर श्रीमाधोपुर वन विभाग कार्यालय ले जाया गया।
महिला घास लेने गई तो कमरे में दिखा
महिला कौशल्या देवी ने बताया- गुरुवार सवेरे वो अपने घर के बाड़े में घास लेने गई थी। बाड़े में एक कमरा बना है, जिसके दरवाजा नहीं है और उसमें चारा रखा जाता है। जैसे ही चारा लेने के लिए कमरे में घुसी तो एक अजीब सा जानवर दिखाई दिया। उसकी चमकती हुई आंखें देखकर मैं डर गई और भागती हुई पड़ोस की बुजुर्ग महिला को घटना बताई। शोरगुल होने पर आस-पड़ोस के लोग इकट्ठा हो गए। पड़ोस के एक युवक ने दूर से कमरे के फोटो-वीडियो बनाए, जिसमें लेपर्ड लेटा हुआ दिखाई दिया।
श्रीमाधोपुर और खंडेला से पहुंची वन विभाग की टीम
लोगों ने तुरंत पुलिस और वन विभाग को घटना की सूचना दी। घटना की जानकारी मिलते ही खंडेला और जाजोद पुलिस, श्रीमाधोपुर और खंडेला से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। लेपर्ड को देखकर ग्रामीणों में भारी दहशत फैल गई।
ट्रेंकुलाइज करने के लिए जयपुर से आई टीम
लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज करने के लिए जयपुर से टीम को बुलाया गया। करीब पौने 2 बजे जयपुर के चिड़ियाघर के डॉ.अशोक कुमार और उनकी टीम मौके पर पहुंची। डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि लेपर्ड एक 5 साल का नर है। जिसे ट्रेंकुलाइज करने के लिए लिए योजना बनाई गई।
सहायक वन संरक्षक एसीएफ सौरभ चौधरी ने बताया- जयपुर की टीम आने से पहले सभी गांव वालों को घरों में रहने की सलाह दी गई थी। साथ ही संबंधित क्षेत्र में जाने पर पाबंदी लगा दी थी। जयपुर से टीम आने के बाद, टीम ने बाड़े में बने कमरे के मुख्य गेट पर लोहे की चद्दर और लकड़ी के गेट से रोक लगाई गई, जिससे लेपर्ड बाहर ना निकल सके।
इसके बाद बाड़े के दाहिने तरफ से ऊपर लगे टीन शेड को लकड़ी की सहायता से ऊपर उठाया गया और उसमें से राइफल अंदर डाली गई। निशाना मिलते ही फायर कर लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज कर दिया गया।
सौरभ चौधरी ने बताया- करीब 20 मिनट तक कमरे में किसी प्रकार का मूवमेंट नहीं होने पर अंदर जाकर देखा गया। लेपर्ड के ऊपर पानी के छींटे दिए गए, मूवमेंट नहीं होने पर लेपर्ड को तिरपाल में डालकर उठाया और वन विभाग की गाड़ी से श्रीमाधोपुर ले जाया गया।
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