[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

MLA भाटी बोले-शिक्षा में समान स्टाफिंग पैटर्न सिस्टम लागू हो:सरहदी जिलों में टीचरों की कमी ज्यादा; शिक्षा मंत्री को लिखी चिट्ठी


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़बाड़मेरराजस्थानराज्य

MLA भाटी बोले-शिक्षा में समान स्टाफिंग पैटर्न सिस्टम लागू हो:सरहदी जिलों में टीचरों की कमी ज्यादा; शिक्षा मंत्री को लिखी चिट्ठी

MLA भाटी बोले-शिक्षा में समान स्टाफिंग पैटर्न सिस्टम लागू हो:सरहदी जिलों में टीचरों की कमी ज्यादा; शिक्षा मंत्री को लिखी चिट्ठी

बाड़मेर : राजस्थान में सीमावर्ती जिलों में टीचरों की भारी कमी और असमान स्टाफिंग व्यवस्था को लेकर शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को चिट्ठी लिखी। भाटी ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में समान रूप से स्टाफिंग पैटर्न सिस्टम लागू करने की मांग की है, ताकि शिक्षा संसाधनों का संतुलित वितरण सुनिश्चित हो सके।

भाटी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि प्रदेश के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत टीचरों के पदों की स्थिति बेहद असमान है। इस असमानता का असर विशेष रूप से सीमावर्ती जिलों पर अधिक दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा विभाग में औसतन 13.76% पद रिक्त हैं, जबकि सीमावर्ती जिलों में यह आंकड़ा चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है- बाड़मेर में 20.01%, जैसलमेर में 21.13%, बीकानेर में 16.87% और सिरोही में 22.52% पद खाली हैं।

इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी स्थिति गंभीर है। राज्य स्तर पर टीचरों के 26.93% पद रिक्त हैं, जबकि सीमावर्ती जिलों में ये प्रतिशत क्रमशः बाड़मेर में 40.32%, जैसलमेर में 40.56%, बीकानेर में 29.59% और सिरोही में 34.07% तक पहुंच गए हैं।

सीमावर्ती जिलों में टीचरों की भारी कमी

भाटी ने कहा कि यह स्थिति न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों की शिक्षा को रोक रही है। बल्कि यहां के स्टूडेंट‌्स के भविष्य पर भी विपरीत प्रभाव डाल रही है। सीमावर्ती इलाकों की भौगोलिक और जनसंख्या संबंधी चुनौतियों के कारण यहां टीचरों की भारी कमी बनी रहती है।

उन्होंने मांग की है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से राज्य में टीचरों की नियुक्ति के लिए समान स्टाफिंग पैटर्न सिस्टम लागू किया जाए। ताकि प्रत्येक जिले में शिक्षा संसाधनों का संतुलित वितरण हो सके और सीमावर्ती जिलों के स्टूडेंट्स को भी समान अवसर मिल सकें।

टीचरों की नियुक्ति समान रूप से लगाने की मांग

भाटी ने कहा कि “शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है – और इस अधिकार को समान रूप से लागू करने के लिए टीचरों का संतुलित लगाया जाना अनिवार्य है। राज्य को ऐसी नीति अपनानी चाहिए जिससे किसी भी क्षेत्र के स्टूडेंट को शिक्षा के अवसरों से वंचित न होना पड़े।”

Related Articles