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बुहाना में कर्मचारी एसोसिएशन ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन:चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने की कोशिश की घटना पर जताया आक्रोश


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बुहाना में कर्मचारी एसोसिएशन ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन:चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने की कोशिश की घटना पर जताया आक्रोश

बुहाना में कर्मचारी एसोसिएशन ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन:चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने की कोशिश की घटना पर जताया आक्रोश

बुहाना : बुहाना में अंबेडकर अनुसूचित जाति अधिकारी-कर्मचारी एसोसिएशन, राजस्थान शाखा ने सोमवार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें देश में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता, जातिगत अहंकार और न्यायपालिका पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। एसोसिएशन ने ज्ञापन में हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय में हुई घटना का जिक्र किया। सुनवाई के दौरान 71 वर्षीय अधिवक्ता राकेश किशोर ने मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी। एसोसिएशन ने इसे न्यायपालिका और देश की लोकतांत्रिक आत्मा पर हमला बताया।

ज्ञापन में कहा गया कि यह घटना किसी एक व्यक्ति की हरकत नहीं, बल्कि धर्म के नाम पर फैलाई जा रही असहिष्णुता और उन्माद का परिणाम है। एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि यदि ऐसी विचारधाराओं पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह प्रवृत्ति समाज में संविधान, न्याय और समानता के मूल्यों को खत्म कर देगी।

एसोसिएशन ने उल्लेख किया कि देश में कुछ संगठन हिंदुत्व के नाम पर नफरत और विभाजन की राजनीति कर रहे हैं। ये तत्व अन्य धर्मों के साथ-साथ दलितों और कमजोर तबकों के प्रति भी घृणा फैला रहे हैं। ज्ञापन में ऐसे संगठनों पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई, ताकि सामाजिक सौहार्द और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा हो सके।

ब्लॉक अध्यक्ष सिंहराज सिंघल ने कहा कि हमारे संगठन का प्रयास है कि देश में शांति, सद्भाव और न्याय की संस्कृति बनी रहे। धार्मिक कट्टरता और जातिगत घृणा को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। ज्ञापन सौंपने वालों में महासचिव बलबीर सिंह रांगेय, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य यादराम दहिया, सामाजिक कार्यकर्ता सहीराम तुंदवाल, पूर्व प्रधानाचार्य रणधीर सिंह पथाना, पूर्व प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश भूरीवास और उपसरपंच धर्मपाल चौरा सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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