वायु सेना दिवस 2025 स्पेशल
93वां वायु सेना दिवस: वीरता की उड़ान, शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा को मिलेगा वायु सेना मेडल (गैलंट्री)

झुंझुनूं : हर वर्ष की भांति इस वर्ष भारतीय वायुसेना 8 अक्टूबर को अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है। इस अवसर पर एशिया के सबसे बड़े एयर बेस एयर फोर्स स्टेशन हिंडन में भव्य परेड, हवाई प्रदर्शन और विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें वायुसेना की ताकत, अनुशासन और देश के प्रति समर्पण को प्रदर्शित किया जाएगा। भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी।
ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए थे झुंझुनूं के वायुयोद्धा सुरेंद्र मोगा
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान झुंझुनूं के वीर सपूत सार्जेंट सुरेंद्र मोगा ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। उनकी इस अद्वितीय वीरता और कर्तव्यनिष्ठा के सम्मान में इस वर्ष उन्हें वायु सेना मेडल (गैलंट्री) मरणोपरांत से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान न केवल उनकी शौर्यगाथा को अमर करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति, समर्पण और साहस की प्रेरणा भी देगा। पूरा देश, विशेषकर झुंझुनूं, अपने इस वीर बेटे की शहादत पर गर्व महसूस कर रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद होने वाले इकलौते वायुयोद्धा थे सार्जेंट सुरेंद्र मोगा
सार्जेंट सुरेंद्र मोगा ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान असाधारण साहस का परिचय देते हुए देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए थे। वे इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना से शहीद होने वाले इकलौते वायुयोद्धा थे।
उनकी वीरता को सलाम करते हुए उन्हें ‘वायु सेना मेडल (गैलंट्री) मरणोपरांत से सम्मानित किया गया है। इस सम्मान की घोषणा स्वतंत्रता दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा की गई थी, और यह सम्मान उनके परिवार को वायुसेना दिवस 2025 के अवसर पर वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह प्रदान करेंगे।
वायुसेना अध्यक्ष अमरप्रीत सिंह ने 12 अगस्त को शहीद के घर पहुंच किया था नमन
वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह 12 अगस्त को झुंझुनूं के मेहरादासी पहुंचे थे, जहां उन्होंने शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा के घर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार से मुलाकात की थी।
इस दौरान उन्होंने कहा था कि, “सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की शहादत देश के लिए गर्व की बात है। वे भारतीय वायुसेना की वीर परंपरा के सच्चे प्रतीक हैं। भारतीय वायुसेना हमेशा अपने शहीदों के परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी।”
यह संभवतः पहला मौका था जब वायुसेना अध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से किसी शहीद के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे।
तीनों सेनाओं में इकलौते राजस्थानी जो शहीद हुए
सुरेंद्र मोगा झुंझुनूं जिले की मंडावा तहसील के मेहरादासी गांव के निवासी थे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों सेनाओं में से शहीद होने इकलौते राजस्थानी योद्धा थे।