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नाबालिग से रेप के दोषी को 20 साल की सजा:कोर्ट ने कहा-पीड़ित कोमल मन की, बयानों के दौरान आरोपी को 4 बार चाचा कहा


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नाबालिग से रेप के दोषी को 20 साल की सजा:कोर्ट ने कहा-पीड़ित कोमल मन की, बयानों के दौरान आरोपी को 4 बार चाचा कहा

नाबालिग से रेप के दोषी को 20 साल की सजा:कोर्ट ने कहा-पीड़ित कोमल मन की, बयानों के दौरान आरोपी को 4 बार चाचा कहा

सीकर : सीकर में 15 साल की नाबालिग से रेप के मामले में कोर्ट ने दोषी को 20 साल की सजा सुनाई है। पॉक्सो कोर्ट-2 ने फैसला सुनाते हुए टिप्पणी भी की। कोर्ट ने कहा- बयानों के दौरान पीड़ित नाबालिग ने आरोपी को चार बार चाचा कहकर संबोधित किया। सामान्य तौर पर कोई विक्टिम ऐसा नहीं करता। आरोपी ने ऐसी कोमल मन की लड़की की सरलता का फायदा उठाया।

कोर्ट ने कहा- लड़की ने अपने बयान में बताया कि आरोपी उसका रिश्तेदार नहीं लगता। लेकिन गांव का होने के कारण वह उसे चाचा कहती थी। एक कम उम्र की लड़की गांव के किसी व्यक्ति को चाचा मानती है, उस पर भरोसा करती है। ऐसे विश्वास को अभियुक्त ने भंग किया है।

पीड़ित को 5 लाख दिलाने की सिफारिश

विशिष्ट लोक अभियोजक नागरमल कुमावत ने बताया कि सीकर जिले के एक गांव की महिला ने 8 दिसंबर 2021 को थाने में रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि उसकी 15 साल की बेटी को गांव का ही युवक अपने साथ जयपुर के ग्रामीण एरिया में लेकर चला गया, जहां उसने बेटी के साथ रेप किया। उसके बाद उसे वापस गांव छोड़ दिया। घर पहुंचने पर बेटी ने परिजनों को आपबीती बताई। पुलिस ने पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की।

पुलिस ने 31 साल के आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से 19 गवाह और 29 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए। इसके बाद अब कोर्ट ने आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास और 60 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने पीड़ित लड़की को पीड़ित प्रतिकर स्कीम से 5 लाख रुपए दिलवाने की अनुशंषा (सिफारिश) की है।

रिश्तों की गरिमा को भी भंग किया

कोर्ट ने कहा-भारतीय संस्कृति में चाचा का दर्जा पिता के समान होता है और इस संस्कृति में मुंह बोले रिश्तों का भी सम्मान किया जाता है। बालिका की माता ने भी आरोपी को देवर कहा है। बालिका की भी सरलता का एक प्रमाण यह भी है कि कोर्ट में अपनी एविडेंस के दौरान उसने बयानों में कुल चार बार आरोपी को चाचा कहकर संबोधित किया है जो कि सामान्य तौर पर कोई भी विक्टिम नहीं करता।

कोर्ट ने कहा कि ऐसे आरोपी का अपराध लीगल रूप से तो गंभीर है ही, रिश्तों की गरिमा की दृष्टि से भी गंभीर है। मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ से पैरवी राजेंद्र कुमार हुड्डा, शर्मिला ओला और सलीम गौरी ने की।

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