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झुंझुनूं में वकीलों का प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी:न्यायालयों में कामकाज ठप रहा; वादी और परिवादी हुए परेशान


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झुंझुनूं में वकीलों का प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी:न्यायालयों में कामकाज ठप रहा; वादी और परिवादी हुए परेशान

झुंझुनूं में वकीलों का प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी:न्यायालयों में कामकाज ठप रहा; वादी और परिवादी हुए परेशान

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले में एक वकील और बगड़ थाने के पुलिसकर्मियों के बीच हुए विवाद के बाद वकीलों का अनिश्चितकालीन धरना शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी रहा।​​​​​​ जिला अभिभाषक संस्था के बैनर तले अदालती कामकाज पूरी तरह से ठप रहे। कोर्ट में सन्नाटा छाया रहा। वकीलों ने न्यायालयों में पैरवी नहीं की। इससे वादियों और परिवादियों को परेशानी हुई। वकीलों ने कहा कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।

पार्किंग विवाद से भड़का आक्रोश

विवाद बगड़ थाने में हुई एक घटना से शुरू हुआ। वृंदावन मेले के दौरान पार्किंग को लेकर वकील सुरेंद्र कुमावत और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच कहासुनी हो गई थी। वकीलों का आरोप है कि इस मामूली विवाद पर पुलिसकर्मियों ने न केवल वकील के साथ अभद्र व्यवहार किया, बल्कि मारपीट कर उन्हें शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर थाने में बंद कर दिया। इस घटना से आक्रोशित होकर जिला अभिभाषक संस्था ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत की।

कलेक्ट्रेट पर चौथे दिन भी जुटे वकील

धरने के चौथे दिन शुक्रवार को भी सैकड़ों वकील जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट पर बैनर और तख्तियां लिए पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते दिखे। उनका कहना है कि यह मामला सिर्फ एक वकील से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह पूरे वकील समाज और न्याय व्यवस्था की गरिमा का सवाल है।

इस बारे में जिला अभिभाषक संस्था के अध्यक्ष सुभाष पूनिया ने कहा कि पार्किंग जैसे छोटे से विवाद पर एक वकील को गिरफ्तार करना और उसके साथ मारपीट करना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। अगर हम आज चुप रहे तो कल यही व्यवहार किसी और वकील या आम नागरिक के साथ भी हो सकता है। वरिष्ठ वकील बिरजू सिंह शेखावत ने भी इस आंदोलन को न्याय व्यवस्था की साख बनाए रखने के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्याय दिलाने वालों को ही पुलिस से अन्याय सहना पड़ रहा है।

न्यायिक कार्य प्रभावित, वादकारी परेशान

वकीलों के कार्य बहिष्कार के कारण पिछले चार दिनों से जिला न्यायालय और अन्य अदालतों का काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। न्यायालय परिसर में सन्नाटा छाया हुआ है और सुनवाई के लिए पहुंचे वादकारियों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। कई मामलों की सुनवाई टल गई है, जिससे न सिर्फ लोगों को परेशानी हो रही है, बल्कि अदालतों का दैनिक कामकाज भी बाधित हुआ है।

ठोस कार्रवाई की मांग पर अड़े वकील

धरने में शामिल वकीलों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें निलंबित नहीं किया जाता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। सचिव पवन कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से बातचीत की कोशिश की गई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। एडवोकेट फारूक हुसैन और जहीर फारूकी ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई तो इस आंदोलन को और भी व्यापक किया जाएगा। धरने में जिला अभिभाषक संस्था के अध्यक्ष सुभाष पूनिया, सचिव पवन कुमार, वरिष्ठ वकील बिरजू सिंह शेखावत, एडवोकेट फारूक हुसैन, जहीर फारूकी, द्वारका प्रसाद, राजकुमार सैनी, अलीशेर खान, अशोक महला सहित बड़ी संख्या में वकील मौजूद रहे।

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