अब 24 घंटे में जारी होगा दिव्यांग प्रमाण-पत्र:हर सीएचसी पर सप्ताह में 2 दिन सुविधा, नौकरियों में धांधली रोकने के लिए उठाया कदम
अब 24 घंटे में जारी होगा दिव्यांग प्रमाण-पत्र:हर सीएचसी पर सप्ताह में 2 दिन सुविधा, नौकरियों में धांधली रोकने के लिए उठाया कदम

झुंझुनूं : सरकारी नौकरियों में दिव्यांग अभ्यर्थियों के चयन में सामने आई धांधलियों और प्रमाण-पत्रों में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद बड़ा कदम उठाया है। चिकित्सा विभाग ने दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने और चयनित अभ्यर्थियों की जांच को लेकर नई गाइडलाइन लागू की है। इसमें प्रमाण पत्र की पारदर्शिता, बायोमैट्रिक सत्यापन, ऑनलाइन पोर्टल से सीधा इंटीग्रेशन और 24 घंटे में प्रमाण पत्र जारी करने जैसी सख्त व्यवस्थाएं की गई हैं।
चयनित अभ्यर्थियों की दोबारा मेडिकल जांच अनिवार्य
राज्य सरकार ने पिछले 5 साल में सरकारी सेवाओं में चयनित दिव्यांग अभ्यर्थियों की दोबारा मेडिकल जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इसके पीछे वजह यह है कि चयन प्रक्रिया के दौरान कई बार फर्जी या संदिग्ध प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल कर लाभ उठाने के मामले सामने आए। अब इन सभी अभ्यर्थियों का मेडिकल बोर्ड के जरिए दोबारा परीक्षण होगा। इसमें उनकी दिव्यांगता की श्रेणी और प्रतिशत स्पष्ट दर्ज करना अनिवार्य होगा।
बायोमैट्रिक और फोटो-डिजिटल साइन जरूरी
नई गाइडलाइन के तहत अब हर दिव्यांग प्रमाण-पत्र में आवेदक का बायोमैट्रिक सत्यापन अनिवार्य होगा। साथ ही प्रमाण-पत्र जारी करने वाले चिकित्सा अधिकारी की फोटो और डिजिटल साइन भी साथ लगाई जाएगी। इससे प्रमाण-पत्र की विश्वसनीयता बनी रहेगी और फर्जीवाड़े की संभावना खत्म होगी।
पुराने प्रमाण-पत्र भी होंगे ऑनलाइन अपलोड
जिन दिव्यांग अभ्यर्थियों के पास पहले से प्रमाण-पत्र हैं, उन्हें भी अब यूआईडी पोर्टल पर अपलोड करना होगा। पुराने प्रमाण-पत्रों का सत्यापन करने के बाद ही नए पोर्टल से ताज़ा प्रमाण-पत्र जारी होगा। इसके लिए चिकित्सा विभाग ने सीएमएचओ और पीएमओ को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे समय सीमा में यह प्रक्रिया पूरी करें।
24 घंटे में जारी होगा दिव्यांग प्रमाण-पत्र
स्वावलंबन पोर्टल पर दिव्यांग प्रमाण-पत्र का आवेदन अब 24 घंटे से ज्यादा लंबित नहीं रखा जा सकेगा। यानी आवेदन के बाद मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच होते ही 24 घंटे के भीतर प्रमाण-पत्र जारी करना अनिवार्य होगा। इससे अभ्यर्थियों को महीनों तक चक्कर लगाने से राहत मिलेगी और नौकरी या योजनाओं में मिलने वाले लाभ समय पर मिल सकेंगे।
नई व्यवस्था के तहत जिला अस्पताल, उप जिला चिकित्सालय, सेटेलाइट अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में हर दिन मेडिकल बोर्ड बैठकर दिव्यांगता प्रमाण-पत्र जारी कर सकेगा। वहीं, सीएचसी स्तर पर सप्ताह में 2 दिन मेडिकल बोर्ड का गठन होगा और उस दिन प्रमाण-पत्र बनाए जाएंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्र के अभ्यर्थियों को सुविधा मिलेगी।
पोर्टल से जुड़ेगा पूरा सिस्टम
सरकारी कर्मचारियों की मेडिकल जांच को लेकर भी बड़ा बदलाव किया गया है। अब कार्मिक विभाग के पोर्टल को चिकित्सा विभाग से एपीआई के जरिए इंटीग्रेट किया जाएगा। यानी भर्ती प्रक्रिया के दौरान अभ्यर्थी के रोल नंबर से उसकी मेडिकल जांच की सारी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध होगी। मेडिकल बोर्ड के परीक्षण का अनुरोध भी विभागीय अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर के जरिए ऑनलाइन जाएगा।
मेडिकल जांच में पारदर्शिता
नई गाइडलाइन में कहा गया है कि मेडिकल जांच के दौरान अभ्यर्थी के फिंगर प्रिंट बायोमैट्रिक और दोनों अंगूठों के निशान अनिवार्य रूप से लिए जाएंगे। साथ ही आधार से सत्यापन होगा और हाई रिजोल्यूशन फोटो ली जाएगी। मेडिकल बोर्ड में शामिल चिकित्सकों की जानकारी भी पोर्टल पर दर्ज रहेगी।
विभागीय अधिकारी रहेंगे मौजूद
दिव्यांग अभ्यर्थियों की दोबारा जांच के दौरान संबंधित विभाग का एक अधिकारी अनिवार्य रूप से मौजूद रहेगा। जांच की पूरी प्रक्रिया की ऑनलाइन एंट्री होगी और फोटो अपलोड किए जाएंगे। इससे जांच में पारदर्शिता बनी रहेगी और किसी भी तरह की मनमानी की गुंजाइश नहीं रहेगी।
ऑफलाइन प्रमाण-पत्र भी होंगे ऑनलाइन दर्ज
नई गाइडलाइन के अनुसार यदि किसी कारण से प्रमाण-पत्र ऑफलाइन जारी किया जाता है, तो उसकी स्कैन कॉपी भी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। अस्पताल के रजिस्टर में आवेदक का नाम, क्रम संख्या और परीक्षण का विवरण दर्ज होगा, जिसे बाद में ऑनलाइन डेटा से जोड़ा जाएगा।