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चिड़ावा में ट्रेन हादसे में वृद्ध की मौत, शव की शिनाख्त न होने पर पुलिस और गोरक्षकों ने किया अंतिम संस्कार


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चिड़ावा में ट्रेन हादसे में वृद्ध की मौत, शव की शिनाख्त न होने पर पुलिस और गोरक्षकों ने किया अंतिम संस्कार

सोमवार को हुआ हादसा, पहचान न होने पर पुलिस एवं गौरक्षकों ने निभाया मानवता का फर्ज

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : निरंजन सैन

चिड़ावा : शहर में बीते सोमवार को एक दर्दनाक हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया, जब एक अज्ञात वृद्ध व्यक्ति ट्रेन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया और मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई। यह घटना शहर के खेतड़ी रोड स्थित रेलवे ट्रैक के पास घटी थी। हादसे के तुरंत बाद चिड़ावा पुलिस प्रशासन ने शव की पहचान कराने के लिए हरसंभव प्रयास किए। सोशल मीडिया, समाचार पत्रों और स्थानीय नेटवर्क के जरिए मृतक की शिनाख्त करवाने की कोशिश की गई, लेकिन कई दिनों की कोशिशों के बावजूद शव की पहचान नहीं हो सकी। वृद्ध के पास कोई पहचान-पत्र या दस्तावेज भी नहीं मिला, जिससे जानकारी मिल सकती।

जब मृतक की पहचान नहीं हो पाई, तब चिड़ावा पुलिस ने संवेदनशीलता और मानवता का परिचय देते हुए निर्णय लिया कि शव का अंतिम संस्कार विधि-विधान से कराया जाएगा। इसके लिए पुलिस ने स्थानीय गोरक्षकों और नगरपालिका के सहयोग से भूतनाथ श्मशान घाट, खेतड़ी रोड पर अंतिम संस्कार की व्यवस्था की। इस कार्य में चिड़ावा थाना से एएसआई कैलाश कुमार और कांस्टेबल सुनील कुमार ने सक्रिय भूमिका निभाई।

इनके साथ नगरपालिका के कर्मचारी और कई गोरक्षक-अनूप भाटी, मनोज स्वामी, देव योगी (डीके), राकेश करोल, अमन, पंकज, चंदगीराम, अनूप, अजित मुरादपुरिया और बिल्लू ने इस कार्य में सहयोग किया। इस संवेदनशील और भावनात्मक पहल ने न सिर्फ उस अज्ञात मृतक को सम्मानजनक विदाई दी, बल्कि समाज में एकता, करुणा और मानवता का संदेश भी दिया। बिना किसी पहचान के व्यक्ति को इस प्रकार सम्मान के साथ विदाई देना एक मिसाल बन गया है। पुलिस और स्थानीय गोरक्षकों द्वारा दिखाया गया यह प्रयास उस सोच को मजबूत करता है कि इंसानियत आज भी जिंदा है और आवश्यकता पड़ने पर समाज के विभिन्न वर्ग एक साथ आकर जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं।

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