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ड्यूटी के दौरान आईटीबीपी हवलदार रामसिंह का निधन, बुहाना में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार


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ड्यूटी के दौरान आईटीबीपी हवलदार रामसिंह का निधन, बुहाना में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

ड्यूटी के दौरान आईटीबीपी हवलदार रामसिंह का निधन, बुहाना में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अशोक राईका 

बुहाना : कस्बे के आईटीबीपी हवलदार रामसिंह रांगेय का ड्यूटी के दौरान निधन हो गया। बुधवार को उनकी पार्थिव देह तिरंगे में लिपटी हुई जब पैतृक आवास बुहाना पहुंची तो पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। परिजनों और ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। पार्थिव देह के गांव पहुंचने से पहले युवाओं ने तिरंगा रैली निकाली। रैली कस्बे के मुख्य मार्गों से होती हुई रामसिंह के घर पहुंची तो ‘भारत माता की जय’ और ‘रामसिंह अमर रहें’ के नारों से पूरा कस्बा गूंज उठा। घर पहुंचने पर पत्नी सुशीला और बेटी दीपिका बेसुध हो गईं।

अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
गांव की गलियों से होते हुए हजारों ग्रामीण, स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। अलवर से आई आईटीबीपी की टुकड़ी और राजस्थान पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर हवलदार रामसिंह शहादत को अंतिम सलामी दी। आईटीबीपी के सब इंस्पेक्टर अमरचंद के अनुसार, हवलदार रामसिंह ड्यूटी के लिए ट्रेन से आंध्र प्रदेश जा रहे थे। इसी दौरान तिरुपति के पास रेलवे ट्रैक पर उनका शव मिला। रेलवे कर्मियों ने इसकी सूचना यूनिट को दी। इसके बाद पार्थिव देह को बुहाना लाया गया।

इस दौरान अधिकारियों ने उनके पिता ईश्वर सिंह को तिरंगा सौंपा। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद को नमन किया। गांव के श्मशान घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके छोटे भाई दीपक ने मुखाग्नि दी।

परिवार पर दुख का पहाड़, लेकिन गर्व का क्षण
शहीद राम सिंह के परिवार में पत्नी सुशीला देवी, इकलौती पुत्री दीपिका (कक्षा 8वीं, केंद्रीय विद्यालय, कोपर), पिता ईश्वर सिंह रांगेय (सेवानिवृत्त शिक्षक), माता कमला देवी और भाई दीपक रांगेय शामिल हैं।

पिता ने भावुक होकर बताया कि अप्रैल 2009 में भर्ती हुए रामसिंह ड्यूटी के प्रति बेहद समर्पित थे। 28 अगस्त को उनका सब इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन होना था और घर आने की तैयारी थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

“हाथ में बेटे की अंतिम विदाई, लेकिन कंधे पर तिरंगे का गर्व” – यही भावना रामसिंह के पिता ईश्वर सिंह रांगेय के शब्दों में छलक उठी।

गांव और क्षेत्र के लोगों ने शेखावाटी की परंपरा को निभाते हुए देशभक्ति के जज्बे और सम्मान के साथ अपने लाल को अंतिम विदाई दी।

अंतिम यात्रा में बुहाना नगर पालिका अध्यक्ष दशरथ सिंह तंवर, भाजपा किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष रतन सिंह तंवर, पूर्व उप प्रधान राजपाल सिंह तंवर, रोहतास सिंह तंवर, सीबीईओ वेदप्रकाश रांगेय, रामावतार जांगिड़, राजेश रांगेय समेत उमड़े जनसैलाब ने नम आंखों से अपने वीर सपूत को विदाई दी।

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