जो चोर,चोरी की वह मास्टर प्लान का विरोध कर रहे:यूडीएच मंत्री खर्रा बोले-निर्वाचन आयोग और सरकार में कोई टकराव नहीं, दिसंबर में ही होंगे चुनाव
जो चोर,चोरी की वह मास्टर प्लान का विरोध कर रहे:यूडीएच मंत्री खर्रा बोले-निर्वाचन आयोग और सरकार में कोई टकराव नहीं, दिसंबर में ही होंगे चुनाव

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत
सीकर : सीकर में मास्टर प्लान का विरोध कर रहे लोगों पर UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बड़ा बयान दिया है। झाबर सिंह खर्रा ने कहा है कि जो लोग चोर थे,जिन्होंने चोरी की थी,जिन्होंने लोगों के हकों पर डाका डाला। वही इसका विरोध कर रहे हैं। दरअसल आज मंत्री झाबर सिंह खर्रा सीकर के कटराथल गांव में आयोजित स्वतंत्रता सेनानी रणमल सिंह के 103वीं जयंती समारोह में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे।

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि”इस मास्टर प्लान को लेकर जो चोर थे,जिन्होंने चोरी की,लोगों के हकों पर डाका डाला,वही इसके विरोध में है। जो कह रहे हैं कि चोरी हो गई,चोरी हो गई। खर्रा ने कहा कि मैं मास्टर प्लान की पूरी फाइल की कॉपी साथ लेकर घूमता हूं,मेरे पास कच्चा काम नहीं है। आड़ू जरूर छूं,लेकिन आडो पटक ल्यू।

मीडिया से बातचीत में झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि सीकर का मास्टर प्लान 2018 से 2023 के कालखंड में बना था। जितनी आपत्तियां आई है उनका भौतिक सत्यापन करवाएंगे,किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा। झाबर सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग और प्रदेश सरकार में कोई टकराव नहीं है। थोड़ा सा समझने का फर्क है। बिना मतदाता सूची के कोई भी चुनाव नहीं होता। मतदाता सूची तैयार करने में जो समय लगता है वह सबको पता है।

राज्य निर्वाचन आयोग आज अगर तैयारी शुरू करेगा,मतदाता सूची तैयार करने की। तो भी उन्हें कम से कम 2 महीने का समय लगेगा और हम भी यही कह रहे हैं कि मतदाता सूची तैयार करने के लिए हम सितंबर के पहले सप्ताह में उनसे अनुरोध करेंगे। मतदाता सूची तैयार होने के बाद आरक्षण लॉटरी निकलेगी। इसके बाद हम उनसे अनुरोध करेंगे कि दिसंबर महीने में एक राज्य एक चुनाव के तहत चुनाव प्रक्रिया संपन्न हो। राजस्थान हाईकोर्ट ने 6 महीने का समय दिया है। हम केवल मात्र सवा चार महीने की बात कर रहे हैं।
स्वतंत्रता सेनानी रणमल सिंह पर बोलते हुए मंत्री झाबर सिंह ने कहा कि रणमल सिंह केवल स्वतंत्रता सेनानी नहीं बल्कि एक श्रेष्ठ शिक्षक,एक श्रेष्ठ सैनिक,एक श्रेष्ठ जनप्रतिनिधि थे। आज उनके सम्मान में उन्हें भावांजलि देने के लिए यहां आने का सौभाग्य मिला। सदियों में ही रणमल सिंह जैसे लोग जन्म लेते हैं,जिन्हें शतायु होने का सौभाग्य मिलता है। उन्होंने जीवन के शुरुआती दिनों में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। उसके बाद एक शिक्षक के रूप में सेवा दी। राष्ट्रसेवा करने के लिए वह सेना में चले गए। सेना से लौटकर उन्होंने पंचायतीराज के जनप्रतिनिधि के रूप में ग्रामपंचायत,पंचायत समिति और विधायक पद तक के जनप्रतिनिधि रहे।