यूरिया मोलेसेज मिनरल ब्लॉक एवं सूखे चारे का यूरिया उपचार करने की तकनीकों का प्रदर्शन किया
यूरिया मोलेसेज मिनरल ब्लॉक एवं सूखे चारे का यूरिया उपचार करने की तकनीकों का प्रदर्शन किया

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा संचालित पशु विज्ञान केंद्र झुंझुनू के प्रभारी डॉ. प्रमोद कुमार के निर्देशन में केंद्र के डॉ. उमेश कुमार ने यूरिया मोलेसेज मिनरल ब्लॉक एवं सूखे चारे का यूरिया उपचार करने की तकनीकों का प्रदर्शन गाँव अरड़ावता में किया उन्होंने बताया कि पशुओं को खिलाने वाली तुडी में कच्ची प्रोटीन की मात्रा शून्य होती है जिसे यूरिया द्वारा उपचारित करने पर इसकी मात्रा को तीन से चार पर्सेंट तक बढ़ाया जा सकता है इसके लिए 1 क्विंटल सूखे चारे जैसे तूडी के लिए 4 किलो यूरिया को 100 लीटर पानी में घोलकर उसका तुडी पर समान रूप से छिड़काव करते हैं फिर किसी प्लास्टिक से 3 सप्ताह के लिए ढक कर रख देते हैं उसके बाद इसे धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाते हुए पशु को खिलाया जाता है साथ ही उन्होंने बताया कि यूरिया मिनरल ब्लॉक बना कर भी पशुओं में उर्जा प्रोटीन व खनिज लवणों की कमी पूरी की जा सकती है यह दुधारू पशुओं में सभी पोषक तत्वों को आसानी से उपलब्ध कराने का बेहतर स्रोत है एवं पशु इसे बड़े चाव से खाते हैं इसके लिए गेहूं का चोकर या चावल की भूसी और चूने को उपरोक्त मात्रा में मिलाकर इसको 4 किलोग्राम गुड में मिश्रित करते हैं फिर इसमें आधा किलो नमक और 1 किलो यूरिया मिलाया जाता है और हाथ से अच्छी तरह मिश्रित करते हैं फिर इसको 9 इंच लंबे 5 इंच चौड़े और 5 इंच ऊंचाई वाले लकड़ी के सांचे में भर दिया जाता है एवं लकड़ी के ढक्कन से दबाव डालकर इसे ब्लॉक का आकार दिया जाता है पशु के उपभोग हेतु तैयार होने से पहले सख्त होने के लिए इसको 15 से 20 घंटे के लिए रखा जाता है एक वयस्क मवेशी को प्रतिदिन लगभग आधा किलोग्राम यूरिया मिनरल ब्लॉक दिया जा सकता है तथा छोटे पशुओं को प्रतिदिन 70 से 80 ग्राम दिया जा सकता है l