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अब ट्रांसफॉर्मर चोरी पर नहीं भटकेंगे किसान:बिना एफआईआर के मिलेगा नया ट्रांसफॉर्मर


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अब ट्रांसफॉर्मर चोरी पर नहीं भटकेंगे किसान:बिना एफआईआर के मिलेगा नया ट्रांसफॉर्मर

अब ट्रांसफॉर्मर चोरी पर नहीं भटकेंगे किसान:बिना एफआईआर के मिलेगा नया ट्रांसफॉर्मर

झुंझुनूं : ट्रांसफॉर्मर चोरी के बाद एफआईआर दर्ज होने तक बिजली के बिना बैठने की मजबूरी अब किसानों की नहीं रहेगी। ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर की पहल पर विद्युत वितरण निगमों ने नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत अब ट्रांसफॉर्मर चोरी की एफआईआर का इंतजार किए बिना किसानों को नया ट्रांसफॉर्मर तुरंत उपलब्ध कराया जाएगा। इस फैसले से प्रदेशभर के हजारों कृषि उपभोक्ताओं को सीधा राहत मिलेगी, जो अब तक एफआईआर की जटिल प्रक्रिया और देरी की वजह से बिजली के बिना खेतों में नुकसान झेलते रहे हैं।

अब तक की व्यवस्था के तहत ट्रांसफॉर्मर चोरी की सूचना के बाद सबसे पहले एफआईआर दर्ज करानी होती थी।

कई बार एफआईआर दर्ज होने में हफ्तों लग जाते थे। इस बीच किसान न तो खेतों में सिंचाई कर पाते और न ही अन्य कृषि कार्य। परिणामस्वरूप फसलें सूख जाती थीं और भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था। झुंझुनूं जिले के सैकड़ों किसान इस परेशानी का लंबे समय से सामना कर रहे थे। हाल ही में जिले के दौरे पर आए ऊर्जा मंत्री नागर को किसानों ने अपनी पीड़ा सुनाई थी।

इसके बाद उन्होंने तत्काल संबंधित वितरण निगमों को निर्देश दिए कि इस व्यवस्था को बदला जाए ताकि किसानों को राहत मिल सके।

नई व्यवस्था में क्या होगा खास

अब जैसे ही किसी ट्रांसफॉर्मर की चोरी की सूचना मिलेगी, संबंधित सहायक अभियंता तुरंत नजदीकी थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए पत्र भेजेगा और उसकी रिसीविंग लेकर उसी दिन अधीक्षण अभियंता कार्यालय और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सतर्कता) को ईमेल से सूचना देगा। लेकिन इस प्रक्रिया के पूरा होने का इंतजार नहीं किया जाएगा। सहायक अभियंता बफर स्टॉक से तुरंत नया ट्रांसफॉर्मर उपलब्ध कराएगा ताकि बिजली आपूर्ति में देरी न हो।

बाद में एफआईआर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। निगमों को निर्देश दिए गए हैं कि एफआईआर की प्रक्रिया 15 दिन के भीतर पूरी की जाए। अगर इस अवधि में एफआईआर दर्ज नहीं होती है, तो सहायक अभियंता उन मामलों की सूची बनाकर अधीक्षण अभियंता को भेजेगा, जो आगे पुलिस अधीक्षक से समन्वय कर समस्या का समाधान करेंगे।

फाइलिंग बाद में, सुविधा पहले

अजमेर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता महेश टिबड़ा के अनुसार, अब ट्रांसफॉर्मर बदलने की पूरी प्रक्रिया पहले की जाएगी और एफआईआर व अन्य दस्तावेजी प्रक्रिया बाद में पूरी होगी। ट्रांसफॉर्मर की जगह बदलने की रिपोर्ट अधीक्षण अभियंता कार्यालय को भेजी जाएगी और बिना एफआईआर के भी स्वीकृति दी जाएगी।

किसानों को होगी सीधी राहत

झुंझुनूं के ग्रामीण अंचलों में ट्रांसफॉर्मर चोरी की घटनाएं अक्सर सामने आती रही हैं, खासकर बरसात या कटाई-बुवाई के समय। इन हालातों में जब ट्रांसफॉर्मर चोरी हो जाता है तो किसान पूरी तरह से बिजली आपूर्ति पर निर्भर होते हैं। पहले एफआईआर, फिर रिपोर्ट, फिर ट्रांसफॉर्मर स्वीकृति और आखिर में उसकी इंस्टॉलेशन — इस पूरी प्रक्रिया में सप्ताहों का वक्त लग जाता था। अब इस निर्णय के बाद किसान उसी दिन बिजली सुविधा से जुड़ सकेंगे।

अधीक्षण अभियंता महेश टीबड़ा ने बताया कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए यह निर्णय लिया गया है। ट्रांसफॉर्मर चोरी की सूचना के तुरंत बाद तकनीकी टीम द्वारा स्थल निरीक्षण किया जाएगा और नए ट्रांसफॉर्मर की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

कृषि कार्यों को मिलेगा बल

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का यह फैसला ऐसे समय आया है जब खरीफ की फसल का समय चल रहा है और सिंचाई की मांग तेज है। इस निर्णय से न सिर्फ फसलों को बचाया जा सकेगा बल्कि किसानों को मानसिक और आर्थिक राहत भी मिलेगी। इससे ट्रांसफॉर्मर चोरी की स्थिति में पहले जैसी अफरा-तफरी भी नहीं मचेगी और निगमों का समन्वय बेहतर होगा।

अब तक ट्रांसफॉर्मर चोरी की शिकायत के बाद गांवों में घंटों पंचायत से लेकर थाने और डिस्कॉम के दफ्तर तक किसानों को भटकना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें तुरंत राहत मिलेगी और एफआईआर दर्ज होने या न होने की जिम्मेदारी तकनीकी अधिकारियों व पुलिस के बीच तय की गई प्रक्रिया पर होगी।

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