झुंझुनूं में नेशनल हाईवे पर बड़ा खतरा:सड़क धंसी, प्रशासन बेपरवाह, लेकिन खतरा बरकरार, सड़क नीचे से खोखली, प्रशासन की ‘खानापूर्ति’ से स्थानीय लोग नाराज
झुंझुनूं में नेशनल हाईवे पर बड़ा खतरा:सड़क धंसी, प्रशासन बेपरवाह, लेकिन खतरा बरकरार, सड़क नीचे से खोखली, प्रशासन की 'खानापूर्ति' से स्थानीय लोग नाराज

झुंझुनूं : झुंझुनूं शहर में तीन नंबर रोड प्रमुख नेशनल हाईवे पर एक बड़ा हादसा टल गया, जब पशु अस्पताल के पास सड़क के नीचे की जमीन अचानक धंस गई और सड़क हवा में लटक गई। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन इस गंभीर समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है और केवल ‘खानापूर्ति’ में जुटा है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

सड़क का हाल: नीचे से खोखली, ऊपर से ‘मजबूत’ का भ्रम
स्थानीय निवासी महेश जसरापुर ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे एक लोक परिवहन बस के तेज गति से ओवरटेक करते हुए गुजरने के बाद सड़क की स्थिति और बिगड़ गई। सड़क किनारे लंबे समय से जमा पानी के कारण नीचे की मिट्टी कट चुकी थी, जिससे सड़क करीब आधा फीट तक धंस गई और अब जमीन से ऊपर लटक रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क के नीचे की पूरी मिट्टी बह चुकी है और उसमें “थोथ” बन गई है, यानी ऊपर से सड़क दिख रही है लेकिन नीचे से पूरी तरह खोखली हो चुकी है। यह स्थिति किसी भी समय बड़े हादसे को न्योता दे सकती है, खासकर भारी वाहनों के गुजरने पर।

प्रशासन की बेरुखी और जनता का गुस्सा
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि सूचना देने के बावजूद काफी समय तक कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। बाद में प्रशासन की तरफ से केवल दो ट्रॉली मिट्टी और कुछ कट्टे लाकर मौके पर खानापूर्ति शुरू कर दी गई। अधिकारियों को मिट्टी भरकर भराव करते देख क्षेत्रवासियों ने इसका विरोध किया और काम रुकवा दिया। महेश जसरापुर सहित आसपास के लोगों ने चेतावनी दी कि नेशनल हाईवे पर मिट्टी से भराव करना एक अस्थायी और गैर-जिम्मेदाराना समाधान है, जहां से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। उन्होंने प्रशासन से स्थायी मरम्मत और पूरी तकनीकी जांच की मांग की है।

जानकारों की राय: इंजीनियरिंग जांच है बेहद ज़रूरी
सिविल इंजीनियर मुजाहिद अली का कहना है कि सड़क के नीचे “थोथ” या खोखलापन आने का मुख्य कारण जलभराव और सीवरेज का रिसाव होता है। ऐसी स्थिति में सड़क का ऊपर से दिखना बेहद भ्रामक होता है। विशेषज्ञों ने तत्काल जेसीबी से सड़क खोदकर नीचे की स्थिति देखने और यदि आवश्यक हो तो बेस को दोबारा तैयार कर कंक्रीट बेस बनाना चाहिए।
बड़ा खतरा मंडरा रहा, प्रशासन से अल्टीमेटम
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सड़क से रोजाना बड़े वाहन, रोडवेज बसें और भारी ट्रक गुजरते हैं। यदि समय रहते इस धंसे हुए हिस्से को ठीक नहीं किया गया और नीचे की जमीन की मजबूती की जांच नहीं हुई, तो कभी भी सड़क टूट सकती है।