अविश्वास प्रस्ताव बैठक से पहले निर्वाचन अधिकारी की तबीयत बिगड़ी:सरदार शहर नगरपरिषद सभापति के खिलाफ बुलाई थी मीटिंग, गहलोत बोले- सरकार के दबाव में अनुपस्थित रहे एडीएम
अविश्वास प्रस्ताव बैठक से पहले निर्वाचन अधिकारी की तबीयत बिगड़ी:सरदार शहर नगरपरिषद सभापति के खिलाफ बुलाई थी मीटिंग, गहलोत बोले- सरकार के दबाव में अनुपस्थित रहे एडीएम

सरदारशहर : चूरू की सरदारशहर नगरपरिषद में सभापति राजकरण चौधरी के खिलाफ पेश होने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को मतदान नहीं हो सका। अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाई गई थी, लेकिन निर्वाचन अधिकारी की तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें सरदारशहर उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
निर्वाचन अधिकारी के बैठक में नहीं पहुंचने के कारण मतदान नहीं हो सका। तहसीलदार प्रहलाद राय पारीक ने बताया कि अब फिर तारीख तय कर मतदान करवाया जाएगा। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने X पर पोस्ट कर भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने लिखा- सरकार के दबाव में चुनाव अधिकारी अनुपस्थित रहे।

कांग्रेस का हमला, गहलोत का X पोस्ट
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने X पर पोस्ट कर भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने लिखा-
आज नगरपरिषद सरदारशहर में भाजपा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में 11 बजे मीटिंग बुलाई की गई थी, जिसमें भाजपा के सभापति को अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाया जाना तय है, लेकिन राज्य सरकार के दबाव में अभी तक चुनाव अधिकारी एडीएम अनुपस्थित हैं। पहले भादरा में भी इसी तरह भाजपा के पक्ष में चुनाव अधिकारी की अनुपस्थिति हो गई थी, जो मामला कोर्ट में गया और कांग्रेस की चेयरमैन बनी। मैं चूरू जिला प्रशासन से कहना चाहता हूं कि भाजपा सरकार के पक्ष में कार्य करने की बजाय लोकतंत्र के हित में कार्य करें।
इधर, कांग्रेस पार्टी के उप प्रधान केसरी चंद्र शर्मा ने कहा कि ये अधिकारी राजकीय दबाव में बीमार हुए हैं।
बीपी लो होने के कारण अस्पताल में भर्ती किया
अस्पताल के प्रभारी चंद्रभान जांगिड़ ने बताया कि एडीएम मंगलाराम का बीपी लो होने के कारण उन्हें भर्ती किया है। वहीं, मतदान को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के लिए नगरपरिषद कार्यालय के बाहर बैरिकेड्स लगाए थे। जहां पर थाना अधिकारी मदन विश्नोई पुलिस जाप्ते के साथ मौजूद थे।
हाईकोर्ट ने मतगणना पर लगाई थी रोक
इस मामले में सभापति चौधरी की याचिका पर जोधपुर हाईकोर्ट ने मतगणना पर 4 जुलाई तक रोक लगा दी थी। चौधरी ने हाईकोर्ट से बैठक स्थगित करने और नोटिस निरस्त करने की मांग की थी।
बता दें कि नगरपरिषद में कुल 57 सदस्य हैं। इनमें 55 निर्वाचित पार्षद और 2 पदेन सदस्य (सांसद व विधायक) शामिल हैं। अविश्वास प्रस्ताव पास होने के लिए तीन-चौथाई यानी कम से कम 43 मत आवश्यक हैं। 30 मई को कांग्रेस और भाजपा के 44 पार्षदों ने कलेक्टर को प्रस्ताव सौंपा था। हाईकोर्ट के 2018 के फैसले के अनुसार सांसद और विधायक को भी मतदान का अधिकार है। सरदारशहर सांसद राहुल कस्वां के मतदान में भाग लेने की संभावना है।
सभापति बोले- प्रस्ताव पर 10 हस्ताक्षर फर्जी
सभापति का कहना है कि प्रस्ताव में 10 पार्षदों के हस्ताक्षर फर्जी हैं। उन्हें विधिवत नोटिस नहीं मिला है। सुजानगढ़ एडीएम मंगलाराम पूनिया इस चुनाव के निर्वाचन अधिकारी हैं।