8 लाख गबन कर रची फर्जी लूट की कहानी:ऑनलाइन गेम की लत और लालच ने बनाया झूठी लूट प्लान, कलेक्शन एजेंट गिरफ्तार
8 लाख गबन कर रची फर्जी लूट की कहानी:ऑनलाइन गेम की लत और लालच ने बनाया झूठी लूट प्लान, कलेक्शन एजेंट गिरफ्तार

सूरजगढ़ : जिले के सूरजगढ़ थाना इलाके में हुई लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने परिवादी को ही इस मामले गिरफ्तार किया है। परिवादी ने ही लूट की झूठी कहानी रची थी।
कार्यवाहक एसपी देवेंद्र राजावत ने बताया कि
मामले का मुख्य किरदार चूरू के डिगली गांव का निवासी संदीप कुमार (32 ) को गिरफ्तार किया गया है। वह झुंझुनूं जिले के चिड़ावा कस्बे में हिंदुजा लेलैंड फाइनेंस की शाखा में पिछले सात वर्षों से कलेक्शन एजेंट के तौर पर कार्यरत था। आरोपी ने खुद ने लूट की झूठी कहानी बनाई थी।
पुलिस की सतर्कता और सीसीटीवी फुटेज की तकनीकी मदद से उसकी सारी चालाकी बेनकाब हो गई, और अब वह सलाखों के पीछे है।
ऑनलाइन गेम और लालच की शुरुआत, भरोसेमंद एजेंट कैसे बना धोखेबाज
मामले का मुख्य किरदार संदीप कुमार (32 वर्ष), मूलतः चूरू जिले के डिगली गांव का निवासी है। वह झुंझुनूं जिले के चिड़ावा कस्बे में हिंदुजा लेलैंड फाइनेंस की शाखा में पिछले सात वर्षों से कलेक्शन एजेंट के तौर पर कार्यरत था। सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन कुछ महीनों पहले संदीप को ऑनलाइन गेमिंग की बुरी लत लग गई। उसने गेम खेलते हुए मोटी रकम जीतने की उम्मीद में अपनी सैलरी के साथ-साथ ग्राहकों से वसूली गई किस्तों के पैसे भी इसमें झोंकने शुरू कर दिए।
संदीप ने शुरुआत में छोटी राशि से गेम खेलना शुरू किया। जब शुरुआती बार में उसे थोड़ा-बहुत फायदा हुआ, तो उसका लालच बढ़ता गया। इसके बाद उसने अपनी फाइनेंस कंपनी की वसूली से प्राप्त बड़ी-बड़ी किस्तों को भी ऑनलाइन गेम में लगाना शुरू कर दिया। वह हर बार यह सोचकर पैसा लगाता था कि “इस बार जीतूंगा तो सब भर दूंगा”, लेकिन किस्मत हर बार उसे धोखा देती रही और वह गहरे दलदल में फंसता चला गया।

किस्तों का गबन और झूठी लूट की कहानी
पिछले चार महीनों में संदीप ने लगभग 8 लाख की बड़ी रकम, जो ग्राहकों से वसूली के दौरान जमा करानी थी, उसे गेम में उड़ा दिया। उसने न तो पैसे जमा किए और न ही कंपनी को कोई स्पष्टीकरण दिया। जब बार-बार रसीदों की मांग और कंपनी का दबाव बढ़ने लगा, तो संदीप ने एक खतरनाक कदम उठाया – एक फर्जी लूट की कहानी गढ़ दी।
16 जून, 2025 की दोपहर संदीप ने सूरजगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह दोपहर 3:10 बजे पांच रसीदों का कुल ₹3,06,270 लेकर पिलानी स्थित एयरटेल पेमेंट बैंक में जमा करवाने जा रहा था। संदीप के अनुसार, जीणी गांव के पास एक सफेद बिना नंबर की स्विफ्ट कार ने उसे ओवरटेक कर रोका। कार से चार लोग उतरे, जिनमें से एक के हाथ में पिस्तौल थी। उन्होंने उसे डरा-धमकाकर सारा पैसा लूट लिया और फरार हो गए।
पुलिस को हुआ शक: सीसीटीवी ने खोली पोल
संदीप की रिपोर्ट पर पुलिस तत्काल हरकत में आई। सूरजगढ़ थानाधिकारी हेमराज मीणा के नेतृत्व में एक पुलिस टीम और एजीटीएफ (एंटी गैंग टास्क फोर्स) का गठन किया गया। घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया गया और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि जिस जगह लूट की बात कही गई, वहां न तो कोई स्विफ्ट कार नजर आई और न ही किसी संदिग्ध की आवाजाही।
बल्कि सीसीटीवी में संदीप अकेला ही मोटरसाइकिल से आता-जाता दिखाई दिया। यह बात पुलिस के संदेह को और गहरा कर गई। पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की, तो आखिरकार संदीप ने खुद ही कबूल कर लिया कि लूट की कोई वारदात नहीं हुई – यह सब झूठ था। उसने जो रकम गबन की थी, उसे ऑनलाइन गेम में हार चुका था।
पहले भी कर चुका था हेराफेरी, पर इस बार फंसा
जांच में यह भी सामने आया कि यह पहला मौका नहीं था जब संदीप ने रकम का गलत इस्तेमाल किया हो। वह पहले भी वसूली के पैसे को समय पर जमा नहीं करता था और गेम खेलने के लिए राशि एडजस्ट कर देता था। मगर हर बार मामला संभल जाता था। इस बार बात बहुत बड़ी रकम की थी, और कंपनी का भी दबाव काफी बढ़ चुका था, जिससे वह बुरी तरह फंस गया।
पुलिस की सख्ती और सतर्कता से हुआ खुलासा
सूरजगढ़ पुलिस और एजीटीएफ की सतर्कता ने इस पूरे फर्जी लूट कांड का पर्दाफाश किया। पुलिस ने आरोपी संदीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया है और उसे पीसी रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी है। उसके पास से गबन की गई रकम और घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है।
झुंझुनूं जिले के कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह राजावत ने बताया कि यह केस एक मिसाल है कि किस तरह लालच, टेक्नोलॉजी की गलत लत और गलत राह इंसान को अपराध की ओर धकेल सकती है। पुलिस टीम की सूझबूझ और आधुनिक तकनीक के उपयोग से यह मामलासमय रहते खुल गया।