डीएसपी ने महिला पुलिसकर्मी की पीठ पर मारा ! वायरल वीडियो ने पकड़ा तूल
डीएसपी की सफाई महिलाकर्मी को नहीं मारा थप्पड़, महिला कांस्टेबल ने वीडियो वायरल करने वाले के खिलाफ दर्ज करवाई एफआईआर

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान
चूरू : जिला मुख्यालय पर सोशल मीडिया पर चूरू पुलिस का एक वायरल वीडियो दिनभर चर्चा में रहा। सिटी सीओ सुनील झाझड़िया से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक महिला कांस्टेबल को पीठ पर कथित तौर पर थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया है। वीडियो के वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। हालांकि, डीएसपी झाझडि़या ने कहा कि उन्होंने महिला कांस्टेबल को थप्पड़ नहीं मारा, बल्कि पीठ पर थप्पी दी जिसे बेवजह तूल दिया जा रहा है। वहीं, महिला कांस्टेबल ने वीडियो वायरल करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया है। पत्रिका इस वीडियो की कोई पुष्टि नहीं करता है।
यह है मामला को राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ चूरू सांसद राहुल कस्वां के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के बाद सांसद कस्वां 4-5 नेताओं के साथ जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा को ज्ञापन देने उनके कार्यालय जा रहे थे। इसी दौरान करीब 25-30 पार्टी कार्यकर्ता भी जबरन कलक्टर ऑफिस में घुसने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें रोकने के लिए डीएसपी झाझडि़या के नेतृत्व में पुलिसकर्मी कार्यकर्ताओं को रोकने जा रहे थे। वहीं, महिला पुलिसकर्मी दूसरी ओर जा रही थीं।
झाझडि़या ने बताया कि उन्होंने महिला कर्मियों को आवाज लगाई की वे गलत दिशा में जा रही हैं। शोर-शराबे में कर्मियों को उनकी आवाज नहीं सुनाई दी, जिसके बाद वे दौड़कर कर्मियों की तरह गए और एक कर्मी की पीठ को थपथपाते हुए सही दिशा में चलने के लिए कहा था जिसके बाद वे उस दिशा में दौड़े जहां कांग्रेस कार्यकर्ता थे। महिला कांस्टेबल ने दर्ज कराया मामला वीडियो वायरल होने के बाद महिला कांस्टेबल ने वायरल वीडियो के संदर्भ में जिस पत्रकार की ओर से इसे वायरल किया गया, उस पत्रकार सहित अन्य वीडियो वायरल करने वाले लोगों के खिलाफ महिला पुलिसकर्मी ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया है। महिला कांस्टेबल ने दर्ज शिकायत में बताया कि बिना सोचे-समझे वीडियो वायरल करने से उनकी छवि खराब हुई है।
कांस्टेबल ने बताया कि सीटी सीओ ने उन्हें कोई दुर्वयव्हार नहीं किया। वे सिर्फ आवाज लगा रहे थे। पुलिस विभाग इस मामले की आंतरिक जांच भी कर सकता है। पुलिस प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि मामला जांच के अधीन है और उचित कार्रवाई की जाएगी।