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राजस्थान रोडवेज में लगाए गए बस सारथियों के हड़ताल पर जाने से 25 रूट के यात्रियों की बढ़ी परेशानी


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राजस्थान रोडवेज में लगाए गए बस सारथियों के हड़ताल पर जाने से 25 रूट के यात्रियों की बढ़ी परेशानी

रोडवेज बस सारथियों ने अपनी मांगों को लेकर बस डिपो में किया प्रदर्शन

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नैना शेखावत

सीकर : राजस्थान रोडवेज के बस सारथियों की हड़ताल ने सीकर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह से चरमरा दिया है। पिछले 5 दिनों से सीकर डिपो के 25 बस सारथी रूट पर नहीं जा रहे, जिससे खंडेला, नावां, डीडवाना, कुचामन, दांता, अजमेर, जयपुर-चूरू, सुजानगढ़ और दिल्ली जैसे महत्वपूर्ण रूटों पर बस सेवाएं ठप हो गई हैं। इससे यात्रियों को मजबूरन निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है तो वहीं रोडवेज को हर दिन लाखों का नुकसान हो रहा है।

सीकर डिपो के बस सारथी सुभाषचंद ने बताया- हड़ताल का मुख्य कारण रोडवेज मुख्यालय द्वारा बस सारथियों के लिए शुद्ध आय का लक्ष्य 33 रुपए प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 35 रुपए करना है। नि:शुल्क श्रेणी के यात्रियों की आय को उनके खाते में नहीं जोड़ा जा रहा, जिससे लक्ष्य पूरा करना असंभव हो गया है। इसके विपरीत, सिविल डिफेंस कर्मचारियों को दोगुना वेतन पर बिना आय लक्ष्य के रखा जा रहा है। अनेक बस सारथियों ने आज डिपो प्रबंधन के सामने समस्या उठाई और विरोध-प्रदर्शन किया।

बस सारथियों का आरोप है कि रोडवेज में पहले से ही स्टाफ की कमी है। स्थाई रूट पर चलने वाले परिचालकों को ड्यूटी ऑफ होते ही तुरंत नए रूट पर भेजा जा रहा है। मुख्य प्रबंधक से संपर्क करने की कोशिश नाकाम रही, क्योंकि उनका फोन डायवर्ट रहता है। इसके अलावा, अवकाश लेने वाले कर्मचारियों के अवकाश रद्द कर दिए गए हैं, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ गया है। एक रोडवेज कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रबंधन की उदासीनता के चलते कर्मचारी बार-बार आंदोलन करने को मजबूर हैं।

बस सारथियों ने कहा- हड़ताल के बीच डिपो प्रबंधन दिल्ली जैसे लंबी दूरी के रूटों पर बुकिंग क्लर्क और अन्य कर्मचारियों को बस सारथी के रूप में भेज रहा है। हालांकि, इससे यात्रियों की परेशानी कम नहीं हुई है। निजी वाहनों में भीड़ और महंगे किराए ने यात्रियों को मुश्किल में डाल दिया है।

हड़ताल के चलते सीकर डिपो की बस संचालन व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई है। यात्रियों का कहना है कि प्रबंधन को कर्मचारियों की मांगों पर तुरंत ध्यान देना चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिले। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज होगा।

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