राजेंद्र गुढ़ा ने कहा- जाति देखकर रोकी एसपी की नियुक्ति:बोले- यह आ गया तो गुंडागर्दी बंद कर देगा; दलित युवक की मौत के बाद धरना जारी
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा- जाति देखकर रोकी एसपी की नियुक्ति:बोले- यह आ गया तो गुंडागर्दी बंद कर देगा; दलित युवक की मौत के बाद धरना जारी

झुंझुनूं : नए पुलिस अधीक्षक (एसपी) की नियुक्ति को लेकर चल रहा असमंजस जहां एक ओर प्रशासनिक गलियारों में सस्पेंस बनाए हुए है, वहीं दूसरी ओर एक दलित युवक की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन अब जातीय राजनीति का रूप ले रहा है। राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए गए नए एसपी लोकेश सोनवाल ने अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, जिस पर पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने उनकी जाति के आधार पर नियुक्ति रोके जाने का गंभीर आरोप लगाया है। इसी बीच, धनूरी इलाके में एक दलित युवक की मौत के बाद परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है और मुआवजे व सरकारी नौकरी की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं।
राजेंद्र गुढ़ा का गंभीर आरोप: ‘जाति के कारण रोका गया SP’
राज्य सरकार ने लोकेश सोनवाल को झुंझुनूं का नया एसपी नियुक्त किया था, लेकिन अभी तक उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीकानेर दौरे के बाद शनिवार को कार्यभार संभाल सकते थे। इस पूरे घटनाक्रम को नया मोड़ देते हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बीडीके अस्पताल में एक धरने को संबोधित करते हुए आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “एसपी लगा दिया, पता चला कि दूसरी कास्ट का है तो कहा गया कि इसे दूर लगाओ। यह आ गया तो हमारी गुंडागर्दी बंद हो जाएगी। दलितों की थोड़ी बहुत सुनवाई शुरू हो जाएगी, इसलिए रोका गया। यह प्रवृत्ति ठीक नहीं है। इसका इलाज करना होगा।
दलित युवक की मौत पर धरना, न्याय की मांग
धनूरी इलाके के रोहिड़ा बस स्टैंड पर 16 मई की रात हुए हमले में घायल हुए बिरमी निवासी सुभाष मेघवाल (43) की शनिवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। सुभाष कुवैत में नौकरी करता था और छुट्टी पर घर आया था। रोहिड़ा स्टैंड स्थित एक होटल में खाना खाने के दौरान त्रिलोका का बास निवासी मुकेश जाट से उसकी कहासुनी हो गई थी, जिसके बाद मुकेश और उसके साथियों ने सुभाष पर जानलेवा हमला कर दिया था।
सुभाष की मौत के बाद पीड़ित परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है और बीडीके अस्पताल की मॉर्च्युरी के बाहर धरना शुरू कर दिया है। परिजनों की मुख्य मांगों में आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी, पर्याप्त मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देना शामिल है। जब तक ये मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी इस धरने में शामिल हुए हैं और उन्होंने पीड़ित परिवार के समर्थन में प्रशासन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।